शुरुआती दिनों में शिशु शारीरिक और मानसिक विकास के कई चरणों से गुजरता है, जहां उसका परिचय हर दिन एक नई चीज से होता है। नवजात शिशु अपने आसपास की दुनिया को समझने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता है। उन्हीं में से एक प्रमुख तरीका है हाथ को मुंह में डालना या चबाना, जिसे अक्सर माता-पिता देखकर सोचते हैं कि शिशु को भूख लगी है, जिसके कारण वह अपना हाथ मुंह में डाल रहा है। नवजात विशेषज्ञ डॉ. पवन मंडाविया के अनुसार, यह व्यवहार सामान्य है और इसे "माउथिंग" कहा जाता है। माउथिंग का मतलब है कि शिशु अपने मुंह के जरिए नई चीजों को समझने और महसूस करने की कोशिश कर रहा होता है। यह न केवल शिशु के लिए जरूरी है, बल्कि इससे उसकी जीभ, दांत और जबड़ों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। इस लेख में डॉक्टर पवन मंडाविया से जानिए, शिशु के हाथ चबाने का मतलब क्या होता है?
बच्चा हाथ क्यों खाता है?
दरअसल, शिशु जब हाथ को मुंह में डालता है, तो यह उसके विकास का एक सामान्य हिस्सा होता है। इस व्यवहार को "माउथिंग" कहा जाता है। डॉ. पवन मंडाविया, जो एक नवजात विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि माउथिंग से शिशु अपनी संवेदी क्षमताओं को विकसित करता है, जिससे उसकी जीभ, मसूड़े और जबड़ों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह व्यवहार शिशु की इम्यूनिटी को भी मज़बूत करता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शिशु अपने मुंह से आसपास की चीजों को अनुभव कर रहा होता है।
शिशु का हाथ मुंह में डालना केवल संवेदनाओं को महसूस करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दांत निकलने की प्रक्रिया से भी जुड़ा होता है। जब शिशु के मसूड़ों में खुजली होती है, तो वह अपने हाथ या अन्य चीजों को चबाकर राहत पाने की कोशिश करता है। डॉ. मंडाविया के अनुसार, शिशु जब चीजों को अपने मुंह में डालता है, तो वह पर्यावरण में मौजूद विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं से संपर्क में आता है, जो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है।
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यह व्यवहार माता-पिता के लिए चिंता का कारण नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे शिशु के विकास का स्वाभाविक चरण माना जाना चाहिए। हालांकि, अगर यह व्यवहार बार-बार हो रहा हो और शिशु के साथ अन्य असामान्य लक्षण जैसे अत्यधिक रोना, वजन कम होना या बुखार हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना सही रहता है।
शिशु के हाथ चबाने के लाभ
1. संवेदी उत्तेजना - Sensory Stimulation
जब शिशु अपने हाथों को चबाता है, तो वह अपने मुंह के द्वारा नई संवेदनाओं का अनुभव करता है। यह प्रक्रिया उसकी संवेदी प्रणाली को उत्तेजित करती है और उसे यह समझने में मदद करती है कि उसके शरीर के विभिन्न हिस्से कैसे काम करते हैं।
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2. मुंह की मांसपेशियों की मजबूती
हाथ चबाने से शिशु की जीभ, दांत और जबड़ों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह प्रक्रिया उन्हें भविष्य में भोजन चबाने, निगलने और बोलने के लिए तैयार करती है। डॉ. मंडाविया के अनुसार, यह शिशु के विकास के लिए आवश्यक है।
3. दांत निकलने की प्रक्रिया में मदद
जब शिशु के दांत निकलने शुरू होते हैं, तो उसके मसूड़े खुजली करने लगते हैं। इस समय शिशु अपने हाथों को चबाकर मसूड़ों की खुजली को शांत करने की कोशिश करता है। यह दांत निकलने की प्रक्रिया का एक सामान्य हिस्सा है।
निष्कर्ष
शिशु का हाथ चबाना उसके विकास का एक सामान्य और जरूरी हिस्सा है। यह माउथिंग व्यवहार उसकी संवेदी क्षमताओं, मांसपेशियों की मजबूती, और प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास के लिए फायदेमंद होता है।
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