
आजकल लोगों के पास सब्र की कमी हो चुकी है और उन्हें हर काम जल्दबाजी में करना पसंद आता है। इसके अलावा ज्यादातर वर्किंग लोगों को एक ही समय पर मल्टी टास्क करने की आदत लग जाती है और यही वजह है कि लोग आराम और सुकून से बैठकर भोजन भी नहीं करते हैं। यहां तक कि कई लोग ऐसे भी होते हैं तो कंप्यूटर और लैपटॉप पर अपना काम करते-करते ही भोजन कर लेते हैं क्योंकि लोगों को लगता है कि भोजन करने के दौरान वह अपना काम भी कर सकते हैं। आयुर्वेद की मानें तो ऐसा करना बिल्कुल गलत है और इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। आयुर्वेद में भोजन को 32 बार चबाने के बारे में बताया गया है लेकिन जब लोग भोजन के साथ-साथ अन्य कार्यों में बिजी रहते हैं तो जल्दबाजी में भोजन करते हैं, जिसका बुरा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। भोजन को 32 बार चबाने से क्या होता है? इस बारे में हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की है।
भोजन को 32 बार चबाने से क्या होता है? - What Happens If We Chew Food 32 Times In Hindi
डॉक्टर ने भोजन को 32 बार चबाने को समझाते हुए बताया कि मनुष्यों का मुंह दो दिशाओं में चलता है, जबकि मगरमच्छ और सांप जैसे कई जानवरों का मुंह सिर्फ एक दिशा में चलता है और यही वजह है कि ऐसे जानवर सीधे निगलते हैं और चबाते नहीं हैं। ऐसे जानवरों को भोजन को पचाने में लंबा समय लगता है। वहीं कुदरत ने मनुष्यों को ऐसा जबड़ा दिया है जो कि 2 दिशाओं ऊपर और नीचे के साथ-साथ साइड में भी चलता है, जिस वजह से हम भोजन को अच्छे से चबा सकते हैं। भोजन को 32 बार चबाने को इसलिए कहा जाता है, ताकि इससे भोजन बिल्कुल महीन हो जाए और पेट में जाने के बाद पाचन की समस्या न हो।
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डॉक्टर का कहना है कि आजकल ज्यादाकर वर्किंग लोग भोजन को अच्छे से चबाकर नहीं खाते हैं। ऐसे में जब भोजन को अच्छे से चबाकर नहीं खाते हैं तो ज्यादा मात्रा में भोजन कर लेते हैं, जिसका पेट पर बुरा असर होता है। कम चबाकर खाने से व्यक्ति को भोजन करने के बाद भी संतुष्टि नहीं होती है, जिसके कारण लोग ओवर ईटिंग करते हैं। वहीं अगर व्यक्ति भोजन को अच्छे से चबाकर खाते हैं तो इससे पाचन बेहतर होगा और मेटाबॉलिज्म अच्छा होगा।
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1. जब व्यक्ति भोजन को अच्छे से चबाकर नहीं खाते हैं तो पेट में होने वाले डाइजेस्टिव जूस एसिडिक हो सकते हैं, ऐसे में व्यक्ति को एसिडिटी की समस्या होती है।
2. कम चबाया हुआ भोजन पचाने में पेट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, ऐसे में समय के साथ लोगों का पाचन खराब हो सकता है।
3. जब व्यक्ति भोजन को अच्छे से चबाकर खाता है तो इससे आंत्र की गति बढ़ती है, जिससे कब्ज, गैस फसने की दिक्कत और खट्टी डकार जैसी दिक्कतें बिल्कुल नहीं होती हैं।
4. उदाहरण के लिए जैसे कि पानी की पाइप में अगर कुछ फसता है को पानी आगे नहीं जा पाता है और वापस दूसरी ओर से निकलने लगता है। ठीक वैसे ही जब कम चबाया हुआ भोजन आंतों में फंसता है तो कब्ज, गैस और खट्टी डकार जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन को 32 बार चबाना न केवल पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पूरे शरीर के लिए जरूरी है। यह प्रक्रिया पाचन को आसान बनाती है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाती है।
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