
What Causes Color Blindness: कलर ब्लाइंडनेस की समस्या जिसे वर्णांधता भी कहा जाता है, इसमें इंसान अपनी आंखों से सामान्य रंगों को नहीं देख पाता है। एक वैश्विक अनुमान के मुताबिक कलर ब्लाइंडनेस की समस्या से दुनियाभर में लगभग 8 से 10 प्रतिशत पुरुष और 1 से 2 प्रतिशत महिलाऐं ग्रसित हैं। यह समस्या कुछ लोगों में आनुवांशिक कारणों से होती है, तो कुछ लोग इस समस्या का शिकार अन्य कारणों से होते हैं। अधिकांश लोग जो कलर ब्लाइंडनेस की समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें लाल और हरे रंग में अंतर करने में परेशानी होती है। कुछ दवाओं का सेवन और शरीर में जरूरी विटामिन्स की कमी भी कलर ब्लाइंडनेस का कारण बन सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कलर ब्लाइंडनेस की समस्या किसकी की कमी से होती है और इससे बचने के उपाय।
कलर ब्लाइंडनेस की समस्या किसी कमी से होती है?- What Deficiency Causes Color Blindness?
आनुवांशिक कारणों से कुछ लोगों में कलर ब्लाइंडनेस की समस्या जन्म के समय से ही होती है। लाइट स्पेक्ट्रम में रंगों को देखना और उनकी पहचान करना मुश्किल होता है, लेकिन इसके लिए आपकी आंख में मौजूद कॉर्निया इन वेव्स को पहचान कर आपको रंगों में अंतर करने का काम करती है। कॉर्निया के माध्यम से ही आपकी आंख में तरंगे पहुंचती हैं और लेंस के माध्यम से आप इसे देख पाते हैं। सीतापुर आंख अस्प्ताल के आंख रोग विशेषज्ञ डॉ धर्मेंद्र कुमार कहते हैं कि अगर आपकी आंखे सामान्य हैं, तो आप आसानी से इन रंगों में भेद कर लेते हैं, लेकिन जिन लोगों को कलर ब्लाइंडनेस की समस्या होती है उन्हें रंगों की पहचान करने और इनमें अंतर करने में परेशानी होती है।

इसे भी पढ़ें: Color Blindness Test: कैसे पता लगाएं कि आपका बच्चा कलर ब्लाइंड (वर्णांधता) है?
कलर ब्लाइंडनेस की समस्या कई कारणों से होती है, इसके कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं-
- आनुवांशिक कारणों से जन्म से ही कलर ब्लाइंडनेस की समस्या का होना।
- कुछ बीमारी जैसे डायबिटीज, अल्जाइमर, मल्टीप्ल स्केलेरोसिस, ग्लूकोमा आदि के कारण।
- पार्किंसंस रोग, ज्यादा शराब का सेवन और ल्यूकेमिया के कारण।
- सिकल सेल डिजीज के कारण।
- ऑटोइम्यून बीमारियों में ली जाने वाली दवाओं के ओवरडोज या साइड इफेक्ट्स की वजह से।
- आंख में किसी हानिकारक केमिकल के जाने की वजह से।
- बढ़ती उम्र के कारण आंख कमजोर होने पर।
- शरीर में जरूरी विटामिन्स और पोषक तत्वों की कमी के कारण।
इसे भी पढ़ें: इन 5 कारणों से आंखों में हो जाती है कलर ब्लाइंडनेस की समस्या, ऐसे करें उपचार
कलर ब्लाइंडनेस के लक्षण- Color Blindness Symptoms in Hindi
कलर ब्लाइंडनेस की समस्या में आपको कोई विशेष परेशानी नहीं होती है। इस समस्या में आपको लाल और हरे रंग या पीले रंग आदि में अंतर करने में परेशानी होती है। इस समस्या से ग्रसित लोग रंगों में अंतर नहीं कर पाते हैं और आसानी से रंग को पहचान नहीं पाते हैं। कलर ब्लाइंडनेस की समस्या में आपको नीले और पीले रंग व लाल और हरे रंग में अंतर करने में परेशानी होती है। जिन लोगों में यह समस्या गंभीर रूप से बढ़ जाती है, उन्हें किसी भी रंग को पहचानने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति में समस्या की गंभीरता के हिसाब से लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।
कलर ब्लाइंडनेस से कैसे बचें?- How To Prevent Color Blindness in Hindi
कलर ब्लाइंडनेस की समस्या से बचाव के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं है। बच्चों में इस समस्या से बचाव के लिए कलर्ड कांटेक्ट लेंस पहनाया जाता है। इसके अलावा कुछ लोगों को डॉक्टर एंटी ग्लेयर ग्लास का इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं। इनका इस्तेमाल अकरने से आप रंगों को आसानी से पहचान सकते हैं और इसमें अंतर भी कर पाते हैं। इसके अलावा अच्छी लाइफस्टाइल और हेल्दी व पौष्टिक खानपान से भी आप इस समस्या का शिकार होने से बच सकते हैं। इसके अलावा कलर ब्लाइंडनेस की समस्या से बचने के लिए आंखों की सही देखभाल और बीमारियों में एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह पर इलाज लेना चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version