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क्या कलर ब्लाइंडनेस (रंगों को न देख पाना) की समस्या जेनेटिक होती है? डॉक्टर से जानें

रंगों की पहचान न कर पाना कलर ब्लाइंडनेस की समस्या हो सकती है। आगे जानते हैं कि क्या यह समस्या अनुवांशिक हो सकती है?  
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क्या कलर ब्लाइंडनेस (रंगों को न देख पाना) की समस्या जेनेटिक होती है? डॉक्टर से जानें

कुछ लोगों को रंगों की पहचान कर पाने में परेशानी होती है। दरअसल, यह आंखों से जुड़ी समस्या होती है। इस समस्या को कलर ब्लाडइंनेस कहा जाता है। इस समस्या के कई प्रकार हो सकते हैं। कलर ब्लाइंडनेस होने पर व्यक्ति को रंगों की पहचान करने में दिक्कत होती है। साथ ही, वह रंगों के बीच अंतर नहीं  कर पाते हैं। इससे उनके जीवनशैली पर प्रभाव पड़ता है। कई बार उन्हें इस वजह से लोगों से मिलने-जुलने में भी परेशानी हो सकती है। इस लेख में जानेंगे आई केयर सेंटर के निदेशक एवं वरिष्ट नेत्र सर्जन डॉक्टर संजीव गुप्ता से जानते हैं कि क्या कलरब्लाइंनेस की समस्या अनुवांशिक होती है? इसके अलावा, इसके इलाज के विषय पर भी गौर करेंगे। 

क्या कलर ब्लाइंडनेस अनुवांशिक समस्या है? -  Is Color Blindness Genetic Disease In Hindi  

कलर ब्लाइंडनेस में व्यक्ति को कुछ रंगों के बीच अंतर करने में परेशानी होती है। इस तरह की समस्या में कुछ लोगों को कुछ रंग दिखाई दे सकते हैं। जबकि, कुछ मरीजों को किसी भी तरह का रंग दिखाई नहीं देता है। डॉक्टर से समझें तो यह एक अनुवांशिक विकार है। यह मुख्य रूप एक्स क्रोमोसोम्स के द्वारा बच्चों में पहुंचता है। कलर ब्लाइंडनेस के लिए जीन एक्स क्रोमोसोम्स पर स्थित होते हैं, जिससे महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ब्लाइंडनेस माता-पिता से मिलने की संभावना अधिक होती है। 

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कलर ब्लाइंडनेस के प्रकार -  Types Of Color Blindness In Hindi  

कलर ब्लाइंडनेस की समस्या अनुवांशिक हो सकती है। आगे जानते हैं इसके कुछ प्रकार 

  • लाल-हरे रंग का कलर ब्लाइंडनेस: लोगों में यह सबसे आम समस्या मानी जाती है। इसमें व्यक्ति को लाल और हरे रंग के बीच अंतर करने में परेशानी होती है। यह प्रोटानोपिया (लाल लाइट के प्रति कम संवेदनशीलता) या ड्यूटेरानोपिया (हरी लाइट के प्रति कम संवेदनशीलता) के रूप में प्रकट हो सकता है।
  • नीला-पीला रंग का कलर ब्लाइंडनेस: लाल-हरे रंग के कलर ब्लाइंडनेस की तुलना में कम देखने को मिलता है। इसमें व्यक्ति को पीले और नीले रंग के बीच अंतर करने में परेशानी हो सकती है। इसे ट्रिटानोपिया के रूप में जाना जाता है, जो नीली रोशनी के प्रति कम संवेदनशील होती है।
  • संपूर्ण रंग कलर ब्लाइंडनेस: इसे मोनोक्रोमेसी के रूप में भी जाना जाता है। यह कलर ब्लाइंडनेस का दुर्लभ प्रकार होता है। इसमें व्यक्ति को किसी भी तरह के रंग को देख पाने में परेशानी होती है। ऐसे व्यक्ति को केवल ब्लैक और व्हाइट रंग में दिखाई देता है। 

अनुवांशिक पैटर्न - Inherited Pattern Of Color Blindness In Hindi 

कलर ब्लाइंडनेस अनुवांशि पैर्टन को समझने के लिए आपको फैमिली हिस्ट्री पता होनी चाहिए। कलर ब्लाइंडनेस के लिए एक्स क्रोमोसोम जिम्मेदार होते हैं। इसलिए पुरुषों और महिलाओं के बीच पैर्टन अलग हो सकते हैं। 

  • पुरुष: यदि किसी पुरुष को अपनी मां से कलर ब्लाइंडनेस वाला एक्स क्रोमोसोम विरासत में मिलता है, तो उसको कलर ब्लाइंडनेस होगा, क्योंकि उसके पिता के वाई क्रोमोसोम कलर ब्लाइंडनेस को दूर नहीं कर सकते हैं। 
  • महिलाएं: महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं। यदि किसी महिला का एक डिफेक्ट एक्स क्रोमोमस विरासत में मिलता है, तो उसके पास अभी भी दूसरा एक्स क्रोमोसोम होगा, जो जीन की एक सामान्य कॉपी ले सकता है। इसके चलते पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कलर ब्लाइंड होने की संभावना कम होती है। हालांकि, वे इस स्थिति के लिए जिम्मेदार जीन्स को कैरी (carriers) कर सकती हैं, और वह बच्चों को प्रदान कर सकती हैं। 

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कलर ब्लाइंडनेस के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। रोग की गंभीरता और प्रकार के आधार पर व्यक्ति को दिखने में परेशानी हो सकती है। लेकिन, आप डॉक्टर से मिलकर इस समस्या को कम करने पर सलाह ले सकते हैं।

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