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दिमाग में कीड़े की बीमारी (न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस) क्यों होती है? डॉक्टर से आसान भाषा में समझें कारण

Neurocysticercosis Causes In Hindi: क्या आप भी दिमाग में कीड़ा होने के डर से बंद गोभी नहीं खाते हैं? जानें इस बीमारी के कारण और जरूरी सावधानियां।

Vineet Kumar
Written by: Vineet KumarUpdated at: May 09, 2023 18:07 IST
दिमाग में कीड़े की बीमारी (न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस) क्यों होती है? डॉक्टर से आसान भाषा में समझें कारण

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Neurocysticercosis Causes In Hindi: बंद गोभी खाने से दिमाग में कीड़ा होता है! आपने भी अक्सर अपने माता-पिता और दोस्तों को अक्सर ऐसा बोलते सुना होगा। मेडिकल भाषा में दिमाग में कीड़ा होने की स्थिति को न्यूरोकिस्टिसर्कोसिस कहा जाता है, जो कि सेंट्रल नर्वस में होने वाला एक परजीवी संक्रमण है। इसके कारण कई न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। यह मस्तिष्क और तंत्रिकाओं के कार्य को प्रभावित कर सकता है। सोचने और याद रखने में परेशानी, दौरे आना, क्रोनिक सिरदर्द और मस्तिष्क में दबाव बढ़ना कुछ आम लक्षण हैं, जो आमतौर पर दिमाग में कीड़ा होने पर देखने को मिलते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है, कि आखिर दिमाग में कीड़ा होता होता क्यों है? इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने हमने डॉ. प्रियंका सहरावत (Neurologist- AIIMS Delhi) से बात की।

ओनलीमायहेल्थ (OnlymyHealth) की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान भाषा में कोई बीमारी और उसके कारण समझाते हैं। दिमाग में कीड़े की बीमारी (न्यूरो किस्टिसर्कोसिस) क्यों होती है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Neurocysticercosis Causes In Hindi:

दिमाग में कीड़ा क्यों होता है- dimag me kida kyu hota hai

डॉ. प्रियंका के अनुसार, यह स्थिति जब पैदा होती है जब हम टीनिया नामक कीड़े के अंडे निगल जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, टीनिया और इसके अंडे हमारे शरीर में कई तरह से प्रवेश कर सकते हैं। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि पत्ता गोभी या वे सब्जियां जो मिट्टी में उगाई जाती हैं, उनके सेवन से दिमाग में कीड़ा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मिट्टी में टीनिया और इसके अंडे होते हैं, जो सब्जियों पर रह सकते हैं। यह इतने छोटे होते हैं, कि ये आपको दिखाई भी नहीं देते हैं।

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अगर आप सब्जियों को अच्छी तरह नहीं धोते हैं और न ही ठीक से पकाकर खाते हैं, तो इसकी अधिक संभावना रहती है कि ये टीनिया के परजीवी आपके शरीर में प्रवेश कर जाएं। इसके अलावा, संक्रमित सुअर का कच्चा मांस खाने से भी भी इसका जोखिम बढ़ता है। अशुद्ध और परजीवी वाले पानी के सेवन भी परजीवी आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

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दिमाग में कीड़ा होने से कैसे बचा जा सकता है- How to prevent neurocysticercosis

डॉ. प्रियंका के अनुसार, सबसे पहले तो आपको कच्ची सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए। खासकर, ऐसी सब्जियां, जो मिट्टी में उगती हैं। आपको हमेशा सब्जियों अच्छी तरह धोकर साफ जरूर करना चाहिए। साफ और पकी हुई सब्जियों का सेवन करें। इसके अलावा, अगर आप पॉर्क मीट खाने के शौकीन हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे अच्छी तरह जरूर पकाएं। उसके बाद ही खाएं। अगर आप लगातार दिमाग में कीड़ा होने के लक्षण नोटिस करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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