
What Causes Cervical Pain: आजकल ज्यादातर लोग अपना ज्यादातर समय मोबाइल या लैपटॉप के साथ बिताते हैं। फिर चाहे वह बैठकर हो या बेड पर लेटकर, लोग इनका प्रयोग काफी अधिक करते हैं। जिससे लोगों को गर्दन में जकड़न और दर्द जैसी समस्याओं का अक्सर सामना करना पड़ता है। बहुत से लोगों के साथ यह समस्या देखने को मिलती है उनके शरीर का पॉश्चर बिगड़ जाता है। उनकी गर्दन, कंधे और रीढ़ आगे की ओर झुक जाती है। इस तरह की स्थिति तब पैदा होती है, जब आप लंबे-लंबे समय तक एक ही खराब पोजीशन में बैठे या लेटे रहते हैं। इससे रीढ़ पर काफी दबाव पड़ता है। लंबे समय में इस तरह की आदतें सर्वाइकल का कारण बन सकती हैं। जिसमें व्यक्ति की स्पाइन खिसक जाती है और उनके बीच मौजूद तरल पदार्थ कम हो जाता है। इसके कारण लोगों को गंभीर दर्द की सामना करना पड़ता है। यह दर्द गर्दन से लेकर सिर, कंधे और हाथों तक भी फैल सकता है।
बहुत से लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि सर्वाइकल की बीमारी या दर्द क्यों होता है? या किन कारणों से होता है? ओनलीमायहेल्थ (OnlymyHealth) की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान भाषा में किसी बीमारी और उसके कारण समझाते हैं। सर्वाइकल दर्द क्यों होता है, इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने डॉ. प्रियंका सहरावत (Neurologist- AIIMS Delhi) से बात की। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
सर्वाइकल का दर्द क्यों होता है- Cervical ka dard kyon hota hai
जैसा कि हमने उपरोक्त चर्चा की है, कि यह खराब पॉश्चर में लंबे समय तक बैठना या लेटने के कारण आपकी रीढ़ प्रभावित होती है। हालांकि इसके अलावा इसके लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे...
1. डिजनरेशन
इस स्थिति में आपकी गर्दन में उपस्थित, डिस्क, लिगामेंट्स और हड्डियां घिस जाती हैं। यह बढ़ती उम्र के साथ देखने को मिलता है। क्योंकि उम्र के साथ हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से बदलाव होते हैं। इसके कारण गर्दन में दर्द, जकड़न जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
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2. हर्नियेशन
इस स्थित में बढ़ती उम्र के साथ रीढ़ की डिस्क खिसक या फट भी सकती है। इसकी वजह से गर्दन के ऊपर काफी दबाव और दर्द महसूस होता है। साथ ही झुनझुनी या सुन्नपन जैसी स्थिति भी देखने को मिल सकती हैं।
3. क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस
इस स्थिति में हमारी हड्डियों और जोड़ों को काफी नुकसान पहुंचता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है यह समस्या बढ़ने लगती है।
4. बोन स्पर्स
इस स्थिति में रीढ़ की हड्डियों के बीज मौजूद कार्टिलेज घिसने लगती हैं, जिससे कि हड्डियां आपस में रगड़ती हैं और घिसने लगती हैं। यह टिश्यु को काफी नुकसान पहुंचाती हैं।
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डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?
बढ़ती उम्र के साथ इस तरह की समस्याएं होना आम है, लेकिन आजकल लोग कम उम्र में ही इस तरह की स्थितियों का सामना कर रहे हैं। इसलिए कोशिश करें कि अपने पॉश्चर को ठीक बनाए रखें। लंबे-लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने या लेटने से बचें। नियमित एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करें। आप कुछ सरल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, इससे रीढ़ में लचीलेपन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। गर्दन के आसपास गंभीर दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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