What Causes Cold Sweats Doctor Explains In Hindi: ठंडा पसीना या कोल्ड स्वेट आम पसीने से अलग होता है। आमतौर पर एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी की वजह से पसीना आता है। इसी तरह, कुछ लोगों को रात को पसीना आता है। लेकिन कोल्ड स्वेट ऐसा नहीं है। कोल्ड स्वेट आसपास के माहौल से प्रभावित नहीं होता है, बल्कि पसीना आने पर आपको ठंडक का अहसास होता है। इसका मतलब है कि गर्मी में भी अगर आपको पसीना आए, तो आपको ठंड का अहसास हो सकता है। कोल्ड स्वेट आमतौर पर हथेलियों, अंडरआर्म्स और पैरों के तलवों के नीचे आते हैं। कोल्ड स्वेट आने के कई (What Causes Cold Sweats) कारण हो सकते हैं। शारदा हॉस्पिटल के Head & Sr Consultant Neurology डॉ. एस.एच.मित्तल से जानिए, इसके बारे में विस्तार से।
शॉक लगने पर- Shock
कई बार शॉक लगने पर आपको कोल्ड स्वेट आ सकते हैं। वैसे तो शॉक किसी भी तरह की सिचुएशन में लग सकता है, जैसे कोई खबर सुनकर या एक्सीडेंट के कारण। शॉक लगने पर बॉडी बहुत ही अलग तरीके से रिएक्ट करती है। शॉक की वजह से बॉडी ऑर्गन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलता। अगर व्यक्ति तुरंत शॉक से बाहर न आए, तो कंडीशन बिगड़ सकती है। कुछ मामलों में शॉक लगने पर स्किन का कलर फीका पड़ सकता है, सांस की गति बढ़ सकती है और एंग्जाइटी या स्ट्रेस हो सकता है।
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मतली या चक्कर आने पर- Nausea or vertigo
कभी-कभी मतली या चक्कर आने पर भी कोल्ड स्वेट आ सकता है। मतली या चक्कर आने का सीधा सा मतलब है कि आप बीमार हैं। इसके अलावा, कई बार कुछ दवाईयां के रिएक्शन की वजह से भी व्यक्ति को मतली या चक्कर आ सकता है। वहीं, वर्टिगो यानी चक्कर आने का अहसास हो, तो व्यक्ति को लगता है कि पूरी दुनिया घूम रही है। जबकि ऐसा नहीं होता है। व्यक्ति का सिर घूम रहा होता है। यह कंडीशन कई मामलों सिवियर हो सकती है, जैसे आंखें फड़कने लगे, सब चीजें धुंधली नजर आएं और हाथ-पांव सुनन पड़ जाएं।
बेहोश होने पर- Fainting
बेहोश होने का सीधा मतलब है कि दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल (Fainting Can Cause Cold Sweats) रहा है। जब कोई बेहोश हो जाता है, तब उसे कोल्ड स्वेट होने लगते हैं। व्यक्ति किसी भी वजह से बेहोश हो सकता है, जैसे बॉडी डिहाईड्रेट है, एक्सेसिव एक्सरसाइज करने की वजह से शरीर से बहुत ज्यादा पसीना बह रहा है या बॉडी ओवर एक्जॉस्टेड है। अगर आप किसी वजह से बार-बार बेहोश हो रहे हैं, तो बेहतर होगा कि डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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गहरी चोट लगने पर- Pain From Injury
शायद आपको यह पता न हो, कई बार गहरी चोट लगने की वजह से भी कोल्ड स्वेट हो सकता है। गहरी चोट किसी वजह से भी लग सकती है, जैसे एक्सीडेंट होना, जिस वजह से बोन फ्रेक्चर हो जाना। इस तरह की कंडीशन में अक्सर व्यक्ति शॉक में चला जाता है। नतीजतन, कोल्ड स्वेटिंग होने लगती है। अगर किसी के साथ ऐसा हो, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
स्ट्रेस या एंग्जाइटी होने पर- Increase Level Of Stress or anxiety
स्ट्रेस या एंग्जाइटी किसी भी वजह से हो सकता है। कोई घर से परेशान है, तो कोई ऑफिस से परेशान है। कोई फाइनेंशियली स्टेबल नहीं है, तो किसी के रिश्ते कमजोर हैं। नतीजतन स्ट्रेस का स्तर बढ़ जाता है। स्ट्रेस या एंग्जाइटी भी कोल्ड स्वेट को ट्रिगर कर सकती है। स्ट्रेस या एंग्जाइटी होने पर व्यक्ति में कई अन्य लक्षण (Stress or anxiety Symptoms) भी नजर आते हैं, जैसे उल्टी आना, मांसपेशियों में दर्द होना और सिरदर्द होना आदि।
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कोल्ड स्वेट को कैसे रोकें- Preventions Of Cold Sweat
कोल्ड स्वेट का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। फिर भी आप कोल्ड स्वेट होने पर कुछ उपाय आजमा सकते हैं-
- गहरी सांस लें और खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करें।
- स्ट्रेस के स्तर को कम करने की कोशिश करें।
- कोल्ड स्वेट हो, तो कहीं बाहर टहल आएं। अच्छा महसूस होगा।
- मेडिटेशन या रिलैक्सेशन तकनीक भी इसके लिए लाभकारी हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- Frequently Asked Questions
ठंडा पसीना आने का क्या संकेत है?
ठंडा पसीना कई तरह की बीमारियों की ओर संकेत करता है, जैसे दिल की गति का असामान्य होता है, थकान होना, चक्कर आना आदि। ठंडा पसीना आए, तो इसे हल्के में न लें।
ठंडा पसीना कब आता है?
जब थायराइड ग्लैंड काफी मात्रा में हार्मोन बनाने लगता है, तब कोल्ड स्वेटिंग होती है। कोल्ड स्वेटिंग कभी-कभी एंग्जाइटी या स्ट्रेस की वजह से भी होता है।
गर्मी में ठंडा पसीना क्यों आता है?
ठंडा पसीना का मौसम से कोई लेना देना नहीं है। यह सामान्य स्वेटिंग से अलग है। साधारण भाषा में आप समझ सकते हैं कि जब शरीर का तापमान बढ़ जाता है, तो बॉडी खुद को ठंडा रखने के लिए पसीने की ग्रंथियां एक्टिव हो जाती है। इससे शरीर का तापमान सामान्य रहता है और तबियत खराब नहीं होती है।
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