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नमक कम खाना भी हो सकता है खतरनाक, जानें सोडिम की कमी से होने वाले खतरे

रक्त में सोडियम की मात्रा कम होने से आपको हृदय, किडनी और लिवर से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ता है। इस लेख में आगे जानते हैं कि हाइपोनेट्रेमिया से व्यक्ति को क्या जोखिम हो सकते हैं?
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नमक कम खाना भी हो सकता है खतरनाक, जानें सोडिम की कमी से होने वाले खतरे


Hyponatremia Complications In Hindi: रक्त में इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर नियंत्रित होना बेहद आवश्यक होता है। दरअसल, रक्त में सोडियम का मात्रा कम होने से इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर अनियंत्रित हो सकता है। यह इलैक्ट्रोलाइट्स कोशिकाओं में मौजूद पानी की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जब किसी व्यक्ति के रक्त में सोडियम का स्तर कम हो जाता है तो इस स्थिति को हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। हाइपोनेट्रेमिया की वजह से व्यक्ति को डायरिया, हार्मोनल अंसतुलन, मांसपेशियों में कार्यक्षमता में कमी और नर्वस सिस्टम में कम्यूनिकेशन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, यह कई अन्य तरह की समस्याओं का भी कारण बन सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ए पी सिंह से जानते हैं कि हाइपोनेट्रेमिया होने पर किस तरह का जोखिम हो सकता है?

हाइपोनेट्रेमिया में क्या जोटिलताएं हो सकती हैं? - Complications During Hyponatremia In Hindi

ब्रेन की कार्यक्षमता प्रभावित होना

सोडियम का स्तर कम होने से ब्रेन की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इसके चलते व्यक्ति को सिर में दर्द, किसी काम में फोकस करने में परेशानी और चीजों को याद रखने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

ब्रेन में सूजन (Cerebral Edema)

हाइपोनेट्रेमिया होने पर व्यक्ति के ब्रेन में सूजन होने का जोखिम रहता है। सोडियम स्तर कम होने से मस्तिष्क कोशिकाओं में पानी भरने की समस्या हो सकती है, जिससे सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है। यदि, सही समय पर इलाज न लिया जाए तो यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।

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दौरे पड़ना (Seizures)

सोडियम का स्तर बहुत कम होने पर ब्रेन सेल्स को नुकसान हो सकता है। इसकी वजह से व्यक्ति को दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

मांसपेशियों की कमजोरी होना

हाइपोनेट्रेमिया मांसपेशियों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। यह मांसपेशियों में कमजोरी, ऐंठन और थकावट का कारण बन सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को थोड़ा काम करने पर ही थकान महसूस होने लगती है।

स्ट्रोक का जोखिम बढ़ना

गंभीर हाइपोनेट्रेमिया से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो सकता है। इसकी वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। मुख्य रूप से अधिक उम्र के लोगों या बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

हाइपोनेट्रेमिया से बचाव के उपाय

  • अगर आपको कोई पुरानी बीमारी है, तो समय-समय पर सोडियम स्तर की जांच कराएं।
  • डॉक्टर की सलाह पर आप डाइट में बदलाव कर सकते हैं।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। ज्यादा या बहुत कम पानी पीने से बचें।
  • दस्त या उल्टी होने पर इलेक्ट्रॉल का सेवन किया जा सकता है।

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कुछ लोगों में हाइपोनेट्रेमिया एक गंभीर स्थिति हो सकती है। इस बीमारी को नजरअंदाज करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से आप इस बीमारी की गंभीरता को कम कर सकते हैं। अगर आपको हाइपोनेट्रेमिया के लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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