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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, जानकर बरतें सावधानी

अनियमित खानपान की वजह से आपको पाचन तंत्र से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में आगे जानते हैं उन समस्याओं के बारे में जो आपकी पाचन तंत्र से जुड़ी हो सकती है।
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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, जानकर बरतें सावधानी


आप जिस तरह के आहार का सेवन करते हैं, उसका असर आपके शरीर में देखने को मिलता है। बाहर का तला भूना और जंक फूड नियमित रूप से खाने पर आपको पाचन तंत्र (Gastrointestinal System) से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इस जब तरह का भोजन पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, साथ ही यह तरह के भोजन को पचाने में ज्यादा समय लगता है। लंबे समय तक आप इस तरह का भोजन खाने से पेट में गैस, अपच, एसिडिटी और अन्य तरह की परेशानियां होना आम बात हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं होने के पीछे आहार, स्ट्रेस, अनियमित जीवनशैली, व अन्य कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इस लेख में डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि जानते हैं कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal System) की आम समस्याएं कौन-कौन सी हैं, उनके लक्षण क्या होते हैं, और उनसे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी हो सकती हैं ये समस्याएं - What Are The Common Problems Of The Gastrointestinal In Hindi

एसिडिटी (Acidity)

जब आप अधिक मात्रा में तेल मसाले वाला खाना खाते हैं, देर रात तक जागना, ज्यादा चाय-कॉफी पीना और तनाव या चिंता में रहते हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है। इस समस्या में आपको सीने में जलन, पेट या गले में खट्टी डकार, मुंह का कड़वा स्वाद, भूख न लगना आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। इससे बचने के लिए आप कम मसाले वाला भोजन करें, खाना खाने के तुरंत बाद न लेटें, दिन में 2-3 बार पानी में नींबू डालकर पिएं और ज्यादा गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

Common Problems Of The Gastrointestinal In Hindi in

गैस और पेट फूलना (Gas & Bloating)

पेट में गैस बनाना गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की दूसरी सबसे आम समस्या मानी जाती है। जब कोई व्यक्ति तेजी से खाना खाता है, बासी या ज्यादा फाइबर युक्त भोजन करता है, लंबे समय तक कब्ज और लैक्टोज इन्टॉलरेंस के कारण गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसमें व्यक्ति को पेट भारी या फूला हुआ लगना, डकारें आना, पेट में गड़गड़ाहट और मरोड़ या दर्द महसूस होता है। इससे बचने के लिए आप धीरे-धीरे और चबाकर खाएं। प्रोबायोटिक युक्त दही या छाछ लें। साथ ही, पुदीना या अजवाइन का पानी पिएं और रोजाना हल्का व्यायाम करें।

कब्ज (Constipation)

जब आप पौष्टिक और फाइबर युक्त भोजन का सेवन नहीं करते हैं या आप लंबे समय तक मैदा या जंक फूड का सेवन करते हैं तो ऐसे में आपको बाउल मूवमेंट स्लो हो जाता है। इससे आपको कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना और शारीरिक गतिविधि की कमी भी इस समस्या की बड़ी वजह मानी जाती है। इस समस्या में व्यक्ति को मल त्याग में कठिनाई, मल सख्त और सूखा होना, पेट दर्द या भारीपन, और असहजता महसूस होती है। इससे बचाव के लिए आप डाइट में फाइबर युक्त भोजन लें (जैसे फल, सलाद, दलिया), रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं, रात को सोने से पहले गुनगुना दूध या त्रिफला चूर्ण लें और सुबह नियमित समय पर शौच जाएं।

उल्टी और मितली (Nausea & Vomiting)

बाहर का बासी खाने की वजह से आपको फूड पॉइजनिंग, पेट में संक्रमण, ज्यादा खाना या शराब, गर्भावस्था (प्रथम तिमाही) आदि के कारण उल्टी या मितली की समस्या हो सकती है। इसमें पेट में मरोड़, जी मिचलाना, उल्टी आना, भूख न लगना जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इससे बचने के लिए आप अदरक का पानी या तुलसी की चाय पिएं, ओआरएस लें, बहुत ठोस खाना न खाएं और सुपाच्य भोजन ही खाएं।

अल्सर (Ulcer)

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) बैक्टीरिया, NSAIDs जैसी दवाएं (जैसे पेनकिलर), अधिक शराब या धूम्रपान या लंबे समय तक तनाव के कारण आपको अल्सर की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को पेट के ऊपरी हिस्से में जलन या दर्द, भूख लगने पर दर्द बढ़ना, खून की उल्टी या काले रंग का मल, वजन में कमी आदि लक्षण महसूस होते हैं। इससे बचने के लिए आप डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक्स लें। तेज मसाले, चाय-कॉफी और शराब से बचें।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को स्वस्थ रखने के आसान उपाय - Prevention Tips Of Gastrointestinal Problems In Hindi

  • संतुलित आहार लें – फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही और पर्याप्त फाइबर लें।
  • पानी भरपूर पिएं – रोजाना 2.5 से 3 लीटर पानी शरीर को साफ रखने में मदद करता है।
  • व्यायाम करें – नियमित योग, प्राणायाम और हल्की कसरत पाचन तंत्र को सक्रिय रखती है।
  • तनाव से बचें – मानसिक शांति के लिए ध्यान, संगीत या पसंदीदा गतिविधि करें।
  • भोजन में सावधानी रखें – खाना चबाकर खाएं, समय पर खाएं और अधिक तैलीय व भारी चीजों से परहेज करें।

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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम की समस्याएं आम जरूर हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करना गंभीर बीमारियों को न्योता देना हो सकता है। समय पर सही खान-पान, नियमित दिनचर्या और चिकित्सकीय सलाह से इन समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है।

FAQ

  • पेट की समस्या को दूर कैसे करें?

    पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए, जीवनशैली में बदलाव, आहार में सुधार, और कुछ घरेलू उपायों का उपयोग किया जा सकता है। 
  • पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के क्या उपाय हैं?

    अजवाइन और काला नमक का उपयोग करने से पेट में गैस की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, आप हींग, सौंफ और नींबू का भी सेवन कर सकते हैं। 
  • पेट में दर्द क्यों होता है?

    पेट में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें गैस, अपच, मांसपेशियों में खिंचाव, संक्रमण, या पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, दस्त, या एसिड रिफ्लक्स आदि को शामिल किया जाता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 20, 2025 21:45 IST

    Published By : Vikas Arya

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