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क्या माता-पिता से बच्चों में गैस्ट्रिक समस्याएं ट्रांसफर हो सकती हैं? जानें डॉक्टर से

Genetics And Gastric Problems: माता-पिता से मिले जीन पाचन तंत्र के कामकाज को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गैस्ट्रिक समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
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क्या माता-पिता से बच्चों में गैस्ट्रिक समस्याएं ट्रांसफर हो सकती हैं? जानें डॉक्टर से


Genetics And Gastric Problems: गैस्ट्रिक समस्याएं आज के समय में आम हो गई हैं। अपच, एसिडिटी, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याएं लगभग हर किसी को कभी न कभी परेशान करती हैं। कई लोग ये सोचते हैं कि क्या गैस्ट्रिक प्रॉब्लम या पेट से जुड़ी बीमारियां माता-पिता के जीन से बच्चों में हो सकती हैं? इसका जवाब थोड़ा मुश्किल होता है। अलग-अलग डॉक्टर के इसको लेकर अपने अलग-अलग मत भी हैं। लेकिन कुछ शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि जीवनशैली और डाइट का ठीक ध्यान न रखने पर गैस्ट्रिक समस्याओं का खतरा ऐसे लोगों में बढ़ जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

जीन और गैस्ट्रिक समस्याएं- Genetics And Gastric Problems in Hindi

माता-पिता के जीन (Genes) के माध्यम से हमें कई शारीरिक लक्षण और संवेदनशीलताएं मिलती हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "माता-पिता से मिले जीन पाचन तंत्र (Digestive System) के कामकाज को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गैस्ट्रिक समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। कुछ जीन पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) जैसी समस्याओं को ट्रिगर कर सकते हैं। ये अल्सर पेट या ग्रहणी (Duodenum) की अंदरूनी परत में घाव होते हैं। H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण पेप्टिक अल्सर का एक प्रमुख कारण होता है, लेकिन कुछ जीन इस संक्रमण के प्रति आपको अधिक संवेदनशील बना सकते हैं।

Genetics And Gastric Problems

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इसी तरह, जठरांत्रीय रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal Reflux Disease - GERD) के लिए भी आनुवंशिक कारक जिम्मेदार हो सकते हैं. GERD में पेट का अम्ल फूड पाइप में वापस चला जाता है, जिससे सीने में जलन जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आपको ये समस्याएं होंगी ही। जीवनशैली और डाइट में सुधार करने से आप इन समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं।

गैस्ट्रिक समस्याओं में जीन से ज्यादा मायने रखती हैं ये आदतें

भले ही आपके माता-पिता को गैस्ट्रिक समस्याएं हों, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको भी वही समस्याएं होंगी। आपकी जीवनशैली और खान-पान की आदतें जीनों से कहीं ज्यादा असर डालती हैं। इन आदतों की वजह से आपको गैस्ट्रिक समस्याओं का खतरा ज्यादा रहता है-

  • अनियमित भोजन: जल्दी-जल्दी खाना, देर रात का भोजन और भोजन के बीच लंबा अंतराल पाचन क्रिया को बिगाड़ सकता है।
  • तनाव: तनाव हार्मोन पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं और गैस्ट्रिक समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।
  • मसालेदार और तैलीय खाना: ज्यादा मसालेदार और तैलीय खाना पेट को परेशान कर सकता है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन गैस्ट्रिक अल्सर और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ाता है।
  • पर्याप्त पानी न पीना: शरीर में पानी की कमी कब्ज और अपचन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।

गैस्ट्रिक समस्याओं से बचाव- Tips To Prevent Gastric Problems in Hindi

गैस्ट्रिक समस्याओं से बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • हेल्दी और संतुलित डाइट का सेवन करें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं
  • फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करें
  • बहुत ज्यादा मसालेदार और ऑयली फूड्स का सेवन करने से बचें
  • शुगर और फास्ट फूड्स खाने से बचें 
  • तनाव कम करें और अच्छी नींद लें
  • धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें

ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रहने से गैस्ट्रिक और पेट से जुड़ी समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा खाना खाने के तुरंत बाद सोने से बचें, खाना खाने के तुरंत बाद सोने से अपच की समस्या हो सकती है। किसी भी तरह के गैस्ट्रिक समस्याओं के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

(Image Courtesy: freepik.com)

 

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