एस्ट्रोजन एक तरह का हार्मोन है जिसके कम होने से प्रेग्नेंसी असंभव हो जाती है, अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो आपके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए, अगर नहीं है तो डाइट, मेडिकेशन, हेल्दी आदतों की मदद से आप शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ा सकती हैं। एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए फाइटोएस्ट्रोजन रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें, कसरत को न छोड़ें, कैमिकल्स से दूर रहें और डॉक्टर के संपर्क में रहें। इस लेख में हम एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे जिनकी मदद से आप जल्दी ही मां बनने की गुड न्यूज सुना सकेंगी। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
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लो एस्ट्रोजन लेवल का इलाज (Treatment of low estrogen level)
एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। ब्लड टेस्ट पीरियड्स के दूसरे या तीसरे दिन किया जाता है। अगर टेस्ट में एस्ट्रोजन का स्तर कम है तो आप डॉक्टर से बात करें, एस्ट्रोजन का स्तर पिल्स, क्रीम, जेल या थैरेपी के जरिए बढ़ाया जा सकता है। अगर आपकी उम्र ज्यादा है और पीरियड्स के बीच लंबा गैप रहता है या पीरियड्स बंद हो गए हैं तो ये किसी बीमारी के संकेत हो सकते हैं आपको इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को देनी चाहिए। गर्भावस्था एक नाजुक प्रक्रिया है, आप गर्भवती होने के लिए डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी दवा या उपाय को न आजमाएं। एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए आप इन तरीकों पर फोकस करें-
1. गुड न्यूज के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए? (Foods that helps to become pregnant)
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प्रेग्नेंसी के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बैलेंस होना चाहिए अगर नहीं है तो उसका स्तर बढ़ाने के लिए फाइटोएस्ट्रोजन का सेवन करना चाहिए। फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogens) क्या होता है? ये पदार्थ ज्यादातर प्लांट-बेस्ट खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। फाइटोएस्ट्रोजन से प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है और इससे कैंसर का खतरा भी कम होता है। फाइटोएस्ट्रोजन कई चीजों में पाया जाता है जैसे लहसुन, फ्लैक्स सीड्स, स्प्राउट्स आदि। फ्लैक्स सीड्स को आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ ले सकती हैं पर ज्यादा फ्लैक्स सीड्स खाने से बचें। मटर, सेम की फल, अखरोट, क्रैनबेरी का सेवन करने से भी गर्भावस्था की आशंका बढ़ सकती है। नट्स और सीड्स में भी फाइटोएस्ट्रोजन की मात्रा अच्छी मात्रा पाई जाती है। आप सीसम सीड्स, सूरजमुखी के सीड्स, पिस्ता आदि खा सकते हैं। ताजे फल और सब्जियों में भी फाइटोएस्ट्रोजन मौजूद होता है आपको रोजाना ताजे फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। सोय मिल्क के सेवन से भी शरीर में फाइटोएस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ सकती है।
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2. क्या चाय-कॉफी पीने से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है? (Tea-coffee may increase estrogen level for pregnancy)
इस बात पर कोई पुख्ता रिसर्च नहीं है इसलिए ये कहना मुश्किल है कि चाय या कॉफी के सेवन से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है या नहीं। कुछ शोध में कहा गया है कि एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए चाय या कॉफी पीना चाहिए जिससे आप जल्दी गर्भवती हो सकती हैं लेकिन कैफीन का सेवन शरीर के लिए हानिकरक होता है इसलिए एक दिन में आपको 200 एमजी से ज्यादा कैफीन नहीं लेना चाहिए। आप हर्बल टी का विकल्प चुन सकती हैं। पिछले कुछ सालों में भारत में भी महिलाओं में धूम्रपान की लत देखी जा रही है। अगर आप धूम्रपान करती हैं तो ये एस्ट्रोजन घटने का बहुत बड़ा कारण हो सकता है। स्मोकिंग करने से फर्टिलिटी की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। अगर आप गर्भवती हो भी गईं तो धूम्रपान करने से आपके और बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए आपको हर हाल में स्मोकिंग से दूर बना लेनी चाहिए।
3. एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए सोना भी जरूरी है (Sleep is important to raise estrogen level for pregnancy)
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एस्ट्रोजन हार्मोन के बिना प्रेग्नेंसी संभव नहीं है। आपको हर रात अपनी पूरी नींद लेनी चाहिए। अगर आप नींद पूरी नहीं करेंगे तो उसका सीधा असर हार्मोन्स पर पड़ेगा और प्रेग्नेंसी में परेशानी आ सकती है। आपको कोशिश करनी चाहिए कि हर दिन एक ही समय पर आप सोएं। इस तकनीक से आपको जल्दी नींद आएगी। नींद न आने की समस्या है तो कैफीन का सेवन कम करें और कमरे को आरामदायक बनाएं। नींद पूरी करने से स्ट्रेस कम होता है और स्ट्रेस घटने से आप अच्छी तरह प्रेग्नेंसी प्लान कर पाएंगी। कुछ रिसर्च में ये बात कही गई है कि स्ट्रेस का सीधा असर एस्ट्रोजन हार्मोन पर पड़ता है इसलिए होने वाली मां का स्ट्रेस फ्री रहना जरूरी है।
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4. एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए क्षमता से ज्यादा कसरत न करें (Avoid to much exercise)
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कसरत करना आपके शरीर के लिए फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को कसरत से कई फायदे होते हैं जैसे वजन घटता है, स्ट्रेस कम होता है, डायबिटीज या थायराइड होने की आशंका घटती है लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना है कि कसरत को क्षमता से ज्यादा करने से बचें। आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो हैवी वर्कआउट करने से बचें या लंबी दौड़ या वॉक से बचें। आपको हर दिन 30 से 40 मिनट वॉक करनी चाहिए। अन्य ऑप्शन की बात करें तो डांस के फायदे, स्विमिंग या साइकिलिंग के फायदे तो आप जानते ही हैं, इनमें से कुछ भी चुन सकते हैं।
5. प्रजनन क्षमता बढ़ानी है तो कैमिकल्स से दूर रहें (Stay away from chemicals)
आपको प्रेग्नेंसी प्लान करने के दौरान खुद को प्रदूषण या धूल में पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों से बचकर रहना चाहिए। इससे फर्टिलिटी या प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। प्रदूषण के अलावा कई ऐसे कैमिकल हैं जो आपकी प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं जैसे कपड़े धोते समय आप जिस डिटर्जेंट का इस्तेमाल करती हैं उस पर गौर करें, डिटर्जेंट में मौजूद कई हानिकारक तत्वों के कारण आपकी सेहत और फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है इसलिए आपको कैमिकल्स का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए। ये हानिकारक तत्व अन्य क्लीनिंग कैमिकल्स में भी हो सकते हैं इसलिए इनसे सावधानी बरतें।
गर्भावस्था एक खूबसूरत अहसास है जिसका हक हर महिला को है, आप इसमें खुद को अकेला न समझें। किसी भी जानकारी के लिए आप सरकारी या प्राइवेट अस्पताल या गाइनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करें।
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