यह तो हम सब जानते हैं कि 7 से 8 घंटे की नींद हमारे शरीर के लिए कितनी जरूरी होती है। लेकिन आजकल ज्यादातर लोग खासकर युवा और किशोर देर रात तक जागते रहते हैं, क्योंकि उन्हें नींद ही नहीं आती है। इस कारण स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder) की समस्या बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में एक नया खुलासा सामने आया है कि स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder) विटामिन डी की कमी के कारण भी हो सकता है। इसलिए आपको अपने शरीर में विटामिन डी की मात्रा पूरी करना जरूरी है। केवल स्लीप डिसऑर्डर से ही नहीं बल्कि विटामिन डी की कमी बहुत सी अन्य बीमारियों के साथ भी जुड़ी हुई हैं। जिनके बारे में आज हम जानने वाले हैं।
विटामिन डी की नींद आने में भूमिका
डॉक्टर विनय भट्ट, जनरल फिजिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल बताते हैं सबसे पहले तो आपका यह जानना जरूरी है कि हमारे शरीर में विटामिन डी का रोल क्या है असल में विटामिन डी विटामिन नहीं बल्कि, हमारी स्किन में सॉल्युबल फैट्स हार्मोन ग्रुप है जो कुदरती तौर पर सूरज की रोशनी में बनता है। यही नहीं अंडे का पीला भाग, कुछ खास प्रकार की मछलियां जैसे कि टूना, सालमन या फिर बीफ आदि में विटामिन डी मौजूद होता है। विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम को अब्जॉर्ब करता है इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन हाल में हुए शोध के मुताबिक विटामिन डी की कमी से स्लीप एपनिया, हृदय रोग व संक्रमण होने का रिस्क बढ़ जाता है।
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विटामिन डी की कमी का नींद पर प्रभाव
अगर हम विटामिन डी की कमी को नींद से जोड़ते हैं तो यह पाया गया है कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है उन्हें नींद ही नहीं आती है। जिस कारण वह बिल्कुल नहीं या फिर कुछ ही घंटे सो पाते हैं। जब भी वह सोने की कोशिश करते हैं तो उन्हें बेचैनी महसूस होती है। इसके साथ ही ऐसे लोगों को इंसोमनिया, स्लीप डिस्रप्शन आदि का रिस्क भी बढ़ जाता है। लेकिन यह भी सच है कि अच्छी नींद से इम्युनिटी भी बढ़ती है।
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विटामिन डी और स्लीप डिसऑर्डर का संबंध
एक स्लीप डिसऑर्डर जोकि विटामिन डी की कमी के कारण जुड़ा हुआ है वह है स्लीप एपनिया। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें सोते समय आप असामान्य रूप से लेने लग जाते हैं। विटामिन डी शरीर के इम्यून सिस्टम को रेग्यूलेट करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उन इन्फ्लेमेटरी मॉलिक्यूल को नियंत्रित करता है जो नींद को डिस्टर्ब करते हैं। कुछ रिसर्च में यह पाया गया कि जिन जिन लोगों को यह स्थिति या डिसऑर्डर था उनमें से अधिकतर लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी थी।
प्रतिदिन के काम पर असर के लक्षण
अगर आप के शरीर में विटामिन डी की कमी है और स्लीप डिसऑर्डर काफी लंबे समय से मौजूद है तो इनका आपके जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ सकता है और यह आपके रूटीन को भी एक तरह से डिस्टर्ब कर सकते हैं।
- आपकी प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है।
- आपको पूरा दिन चक्कर से आते रहते हैं।
- आपको डिप्रेशन महसूस होने लगता है।
- एंजायटी इश्यू भी आम हो जाते हैं।
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विटामिन डी की कमी आपके शरीर में किन कारणों की वजह से होती है
सन लाइट का एक्सपोजर न मिल पाना
अगर आप प्रयाप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी में नहीं रहते हैं तो इससे भी आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है इसलिए आपको रोजाना लगभग 15 मिनट के लिए सूर्य की रोशनी जरूर लेनी चाहिए।
डाइट में विटामिन डी की कमी
हो सकता है आपकी डाइट में उन चीजों की कमी है जो आपको विटामिन डी उपलब्ध करवाते हैं इसलिए अपनी डाइट में दूध, अंडे, मीट आदि जरूर शामिल करें। ताकि आपको विटामिन डी की कमी पूरी हो सके।
अगर आपके शरीर में मोटापा अधिक है या फिर आपको कुछ किडनी से जुड़े और डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर हैं तो इसके कारण भी विटामिन डी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण फिर आपको स्लीप डिसऑर्डर भी हो सकते हैं।
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