
विटामिन डी की कमी से स्वास्थ्य को कई समस्याएं होने लगती हैं। विटामिन डी एक घुलनशील फैट है। जिसका मुख्य स्त्रोत सूर्य की किरणें होती हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि प्राकृतिक तरीके आप विटामिन डी की कमी को पूरा नहीं कर सकते हैं। इसकी कमी को पूरा करने के लिए सूर्य की किरणों से साथ-साथ अन्य चीजों की भी आवश्यकता होती है। सूर्य की किरणे विटामिन डी की कमी को पूरा नहीं कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि हम ज्यादा समय तक धूप में नहीं रह सकते हैं। ऑफिस और घर के अंदर रहने की वजह से विटामिन डी की कमी को पूरा करना संभव नहीं होता है। वहीं, अन्य स्त्रोतों से विटामिन डी की कमी को पूरा करना भी मुश्कित होता है। पशुओं से मिलने वाले विटामिन डी को ही विटामिन डी3 कहते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से विटामिन डी3 और इसकी कमी से होने वाली समस्याओं के बारे में-
क्यों होती है विटामिन डी3 की कमी? (Causes of Vitamin D3 deficiency)
हमारे शरीर में विटामिन डी3 की कमी इसलिए होती है क्योंकि यह विटामिन हमारे शरीर में तब ही बनता है, जब हमारा शरीर सूर्य की किरणों के संपर्क में आता है। इसलिए यदि आपके शरीर में विटामिन डी3 की कमी होती है, तो घर से बाहर धूप में बैठें। घर में अधिक बैठने वालों को ही विटामिन डी3 की कमी होने की संभावना अधिक होती है। वहीं आप अधिक कपड़े बांधकर ना रखें, इससे भी आपके शरीर में विटामिन डी3 की कमी होने लगती है। इसके अलावा अन्य कारण हो सकते हैं-
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काला या सांवला रंग - अगर आपका शरीर अधिक काला या फिर सांवला है, तो स्किन में मौजूद मेलानीन सूर्य की किरणों को प्रवेश होने से रोकता है। इस वजह से शरीर में विटामिन डी3 की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होने लगता है।
बॉडी मास इंडेक्स का अधिक होना - शरीर का बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा होने से भी शरीर में विटामिन डी3 की कमी होने लगती है। दरअसल, बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा होने से रक्त से फैट की कोशिकाएं विटामिन डी3 को सोख लेती हैं, जिसके कारण शरीर में इस विटामिन की कमी होने लगती है।
किस उम्र में कितनी है विटामिन डी3 की जरूरत
0 से 50 साल : 5 माइक्रोग्राम्स (200 IU)
50 से अधिक उम्र के लोगों को - 10 माइक्रोग्राम (400 IU)
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को - 5 माइक्रोग्राम (200 IU)
विटामिन डी3 की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D3 deficiency)
विटामिन डी3 के कुछ लक्षण काफी ज्यादा सामान्य होते हैं, जिसे पहचानने में काफी परेशानी होती है। वहीं कुछ लक्षण जटिल भी होते हैं। विटामिन डी3 का मुख्या कार्य कोशिकाओं का विकास, प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करना, सूजन को कम करना इत्यादि होते हैं। इसके अलावा इसके अन्य लक्षण इस तरह हैं -
- पीठ में दर्द होना
- मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द होना
- हड्डियों के टूटने की संभावना
- रिकेट्स या सूखा रोग
- बार-बार बीमार पड़ना
- बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
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विटामिन डी3 की कमी से होने वाली बीमारियां (Vitamin D3 deficiency Problmes)
मांसपेशियां कमजोर होना
हमारे शरीर में विटामिन डी3 की कमी होने से ना सिर्फ मांसपेशियों में दर्द होता है, बल्कि कुछ लोगों की मांसपेशियां काफी ज्यादा कमजोर होने लगती हैं। क्योंकि शरीर में विटामिन डी3 की कमी से मांसपेशियां बेहतर तरीके से कार्य नहीं कर पाता है।
ऑस्टियोपोरोसीस या फ्रैक्चर (Osteoporosis and fracture)
शरीर में विटामिन डी3 होने से यह ब्लड से कैल्शियम को सोखने में अ्हम भूमिका निभाता है। ऐसे में जब शरीर में इस विटामिन की कमी होने लगती है, तो कैल्शियम को सोखना मुश्किल हो जाता है, जिससे हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती है। इस वजह से शरीर की हड्डियों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रोग होने का खतरा
कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि शरीर में विटामिन डी3 की कमी (Vitamin D3 Deficiency) होने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ता है। क्योंकि इसकी कमी से शरीर हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
कैंसर
शरीर में विटामिन डी की कमी होने से कोलन कैंसर होने का खतरा बढ़ता है। कई रिसर्च में इस बात को साबित किया गया है कि शरीर में विटामिन डी की जितनी माज्ञा होती है, उससे कोलन कैंसर का खतरा उतना ही कम होता है।
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