पीसीओडी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOD) यानी एक गंभीर बीमारी है जिसका सही इलाज करवाना जरूरी है। अगर आप पीसीओडी की समस्या से जूझ रहे हैं तो लक्षण नजर आने पर डॉक्टर को दिखाएं और पुष्टि होने के बाद दवा और ट्रीटमेंट लें साथ ही आप योगा के जरिए भी पीसीओडी के लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं। पीसीओडी की समस्या को दूर करने के लिए विपरीत शलभासन फायदेमंद माना जाता है। अगर आप इस आसन को करेंगे तो पीसीओडी के लक्षण जल्दी खत्म हो सकते हैं। omh की खास पहल focus of the month में इस महीने हम आपको योगा से जुड़ी जानकारी के प्रति जागरूक करेंगे और इसी कड़ी में इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे पीसीओडी की समस्या को दूर करने के लिए विपरीत शलभासन योग के फायदे और तरीका। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
पीसीओडी की समस्या को दूर करने के लिए करें विपरीत शलभासन
पीसीओडी की समस्या को दूर करने के लिए आप विपरीत शलभासन करें, इसे आप कभी भी ट्राय कर सकते हैं। पीसीओडी की समस्या 15 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में ज्यादा होती है, इसके कारण गर्भधारण में भी समस्या होती है। पीसीओडी का सही इलाज करवाना जरूरी है, अगर आप इसे ऐसे ही छोड़ देंगे तो रिप्रोडक्टिव हेल्थ के साथ ये शरीर के बाकि अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। कई डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि पीसीओडी की समस्या अनुवांशिक हो सकती है इसलिए आपको इस योग को अपने रूटीन में शामिल जरूर करना चाहिए।
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विपरीत शलभासन कैसे करें? (Viparita Shalabhasana in Hindi)
विपरीत शलभासन को सुपरमैन पोज भी कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति का शरीर सुपरमैन के समान होता है। इस आसन को उल्टा लेटकर किया जाता है, आप भी इसे ट्राय करें-
- विपरीत शलभासन करने के लिए आप योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- एड़ियों को जमीन पर सीधा रखें और ठोड़ी को जमीन पर टिका लें।
- पैरों को दूसरे के पास लेकर जाएं और हाथों को बाहर की तरफ खींंचे।
- गहरी सांस लें और हाथ-पैर, छाती और जांघों को जमीन से ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- इस पोज में आप सुपर हीरो की तरह लगेंगे।
- शरीर के दोनों विपरीत भागों में लग रहे खिंचाव को अनुभव करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि जिस समय आप सांस छोड़ें तब आप छाती, हाथ व पैर को धीरे से नीचे की तरफ लाएं।
कब न करें विपरीत शलभासन?
- अगर हाल ही में पेट का ऑपरेशन हुआ है तो ये आसन न करें।
- अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसे करें।
- गर्दन में तनाव महसूस हो तो भी आपको ये आसन ट्राय नहीं करना चाहिए।
- पीठ की समस्या है, रीढ़ की हड्डी में समस्या है तो भी इस आसन को ट्राय न करें।
पीसीओडी में कैसे फायदेमंद है विपरीत शलभासन? (Viparita Shalabhasana benefits in PCOD)
- पीसीओडी की समस्या होने पर लिवर में सूजन की समस्या हो सकती है, इस योगासन को करने से सूजन की समस्या दूर होती है।
- पीसीओडी की समस्या होने पर डिप्रेशन या स्ट्रेस महसूस होता है जो विपरीत शलभासन से दूर किया जा सकता है।
- पीसीओडी होने पर अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है जो कि इस योगासन से दूर की जा सकती है।
- वजन नियंत्रित करने के लिए भी आप इस योगासन को ट्राय कर सकते हैं।
तो देखा आपने ये आसन कितना आसान है, इस आसन का नाम 3 शब्दों से मिलकर बना है, विपरीत, शलभ और आसन। विपरीत यानी उल्टा, शलभ यानी टिड्डा और आसन मतलब योग। ये आसान पीसीओडी के लक्षण को कम करने में आपकी मदद जरूर करेगा, आप इसे दिन में 10 मिनट देकर करने की शुरूआत करें।
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