Padangusthasana in Hindi: पादांगुष्ठासन दो शब्दों से बना है पद और अंगुष्ठ। पादांगुष्ठासन को बिग टो पोज भी कहा जाता है। पद का मतलब होता है पैर और अंगुष्ठ का मतलब होता है पैर का अंगूठा। पादांगुष्ठासन करने से दिमाग शांत रहता है और तनाव को कम करने में मदद मिलती है। पादांगुष्ठासन को करने से शरीर का संतुलन ठीक करने में मदद मिलती है। जिन लोगों को नसों की समस्या है, उनके लिए यह आसान करना फायदेमंद होता है। पादांगुष्ठासन को करने से टखने और पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इस आसान को करने से घुटने का दर्द ठीक करने में भी मदद मिलती है। इस लेख में जानेंगे पादांगुष्ठासन को करने के फायदे और इसे करने का सही तरीका। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
सिर दर्द दूर करता है पादांगुष्ठासन- Padangusthasana Cures Headache
पादांगुष्ठासन को करने से सिर दर्द की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। इस पोज को करने से तनाव और एंग्जाइटी को भी कम किया जा सकता है। इस आसान को करने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। विद्यार्थियों को इस आसन को जरूर करना चाहिए। इसके अलावा इस आसन को करने से स्ट्रेंथ और शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
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पादांगुष्ठासन को करने का तरीका- How To Do Padangusthasana
पादांगुष्ठासन को करने के लिए इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें-
- पादांगुष्ठासन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को साइड में रखें।
- ध्यान रखें कि कमर के धड़ से झुकना नहीं है, नीचे झुकते समय आपको सांस छोड़ना है।
- नीचे झुकें और दोनों पैरों के अंगूठे को, पहली दो उंगलियों से पकड़ लें।
- सिर और धड़ को ऊपर करते हुए, सांस को अंदर लें।
- इसके बाद सांस को छोड़ते हुए, सांस को बाहर छोड़ें।
- कोशिश करें कि इस दौरान पीठ और पैर सीधे ही रहें।
पादांगुष्ठासन करने के फायदे- Padangusthasana Benefits in Hindi
- सिर दर्द और अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए, पादांगुष्ठासन एक फायदेमंद योग है।
- पादांगुष्ठासन को करने से जांघों को मजबूती मिलती है।
- पाचन में सुधार करना चाहते हैं, तो पादांगुष्ठासन को कर सकते हैं।
- थकान और चिंता को कम करने के लिए भी पादांगुष्ठासन को करना फायदेमंद है।
- हाई बीपी की समस्या को दूर करने के लिए भी यह आसान फायदेमंद है।
- पादांगुष्ठासन को करने से साइनस और ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण भी कंट्रोल होते हैं।
इस आसन से किसे बचना चाहिए?
- अगर आपको कमर में दर्द है, तो इस आसन को न करें।
- गर्भवती महिलाओं को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।
- चोट लगने या इंजरी की स्थिति में इस आसन को करने से बचें।
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