जीवनशैली की खराब आदतें और गलत खानपान आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम में डाल सकता है। जंक और प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन, शारीरिक गतिविधियों की गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। वर्तमान समय में लोगों में फर्टिलिटी की समस्या भी बहुत बढ़ रही है। पुरुष हो या महिला दोनों को ही फर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण आपकी खराब जीवनशैली है। फर्टिलिटी के चलते लोग गर्भधारण में काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ योग मुद्राओं का अभ्यास करने से प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा!
मुद्राओं का अभ्यास करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं और रोगों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। फर्टिलिटी की समस्या को दूर करने और गर्भधारण के लिए कुछ योग मुद्राओं का अभ्यास करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। हम अपने Campaign ‘focus of the month’ - Yoga Special Month में योग से जुड़ी जरूरी जानकारियां और टिप्स आपके साथ शेयर कर रहे हैं। इस लेख में योगाचार्य (मुद्रा और फेस योगा एक्सपर्ट) और न्यूट्रिशनिष्ट जूही कपूर से जानेंगे फर्टिलिटी में सुधार करने और गर्भधारण के लिए 3 आसान योग मुद्राएं (Mudras For Fertility And Conception In Hindi)।
प्रजनन क्षमता बढ़ाने और गर्भधारण के लिए 3 मुद्राएं (Mudras For Fertility And Conception In Hindi)
1. उषा मुद्रा (Usha Mudra For Fertility)
- उषा मद्रा का अभ्यास करने के लिए अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लें।
- ध्यान रखें की आपकी हथेलियों की दिशा ऊपर की ओर रहे।
- पुरूष इसका अभ्यास करते समय अपने दाएं हाथ का अंगूठा बाएं हाथ के अंगूठे के ऊपर रखकर हल्का सा दबाएं।
- वहीं महिलाएं इस मुद्रा का अभ्यास करते समय अपने दाएं हाथ के अंगूठे को बाएं हाथ के अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच रखने की कोशिश करें और हल्का सा दबाएं।
2. योनि मुद्रा (Yoni Mudra For Fertility)
- योनि मुद्रा के अभ्यास के लिए अपने दोनों पैरों को मोड़कर सुखासन या वज्रासन या कोई भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाएं।
- आप जिस आसन में सहज हों उस आसन में बैठ सकते हैं।
- अपने शरीर को बिल्कुल सीधा रखें और कंधों को हल्का सा ढीला छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं।
- अपने अंगूठों को कानों के पास रखें।
- अपनी तर्जनी उंगली को अपनी आंखों पर और मध्यमिका को नाक के बगल और अनामिका अंगुली को होठों के ऊपर वाले हिस्से पर रखें और अपनी छोटी उंगली को होठों के नीचे वाले हिस्से पर रख दें।
- नाक से सांस लेते हुए अपनी मध्यमिका अंगुली से नाक को अगल-बगल से बंद कर दें।
- सांस को अपनी क्षमता के अनुसार रोकें व कुछ समय के बाद ओम का जाप करते हुए धीरे से सांस को बाहर छोड़ दें।
- फिर धीरे-धीरे वापस सामान्य मुद्रा में आजाएं।

3. त्रिमूर्ति मुद्रा (Trimurti Mudra For Fertility In Hindi)
- त्रिमूर्ति मुद्रा का अभ्यास करते समय अपनी रीढ़ को लंबा और सीधा रखें और एक आरामदायक पोजीशन में रहें।
- उसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को हृदय केंद्र रखें।
- अपने अंगूठे और तर्जनी अंगुली से जोड़ें और अपनी हथेलियों को पंखों की तरह खोलने का प्रयास करें।
- अब इस मुद्रा को पलटें जिससे आपकी हथेलियां आपके शरीर की ओर हो जाएं साथ ही आपकी तर्जनी अंगुली नीचे की ओर हो जाए।
- तनावग्रस्त होने पर संतुलन और शांत रहने के लिए मुद्रा को अपने निचले पेट पर रखें
- गहरी सांस लें और सांत को इस तरह छोड़ें कि जैसे आप पानी की तरह बहने की कल्पना करते हैं।
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प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और गर्भधारण में कैसे फायदेमंद है इन मुद्राओं का अभ्यास
जूही कपूर की मानें तो इन मुद्राओं का अभ्यास करने से अंडे के स्वास्थ्य में सुधार होता है। शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है और गतिशीलता में सुधार होता है। यह प्रजनन अंगों के कार्य को बढ़ाता है, हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है साथ ही महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। पीएमएस और पीरियड्स के दौरान ऐंठन से छुटकारा दिलाता है।
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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं
अगर आप वर्तमान में प्रजनन संबंधी उपचार से गुजर रहे हैं, तो ये मुद्राएं सप्लीमेंट का काम करेंगी, लेकिन ये आपके वर्तमान उपचार या दवा का विकल्प नहीं होंगी। मुद्रा चिकित्सा उपचार का एक वैकल्पिक रूप है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह पुरुष और महिलाएं दोनों के लिए फायदेमंद है।
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