
एपिलेप्सी (मिर्गी) एक बेहद गंभीर समस्या है। यह एक मानसिक स्थिति है जिसके चलते व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। मिर्गी का दौरान पड़ने पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति का शरीर ऐंठने लगता है, उसका शरीर झटके मारने लगता है और शरीर में असामान्य मरोड़ आने लगती है। मिर्गी के दौरा पड़ने की समस्या कोशिकाओं के अत्यधिक या असामान्य रूप से सक्रिय हो जाने के कारण होती हैं, इन्हें न्यूरॉन्स कहा जाता है। मिर्गी का दौरा पड़ने से पूर्ण व्यक्ति का व्यवहार बिल्कुल बदल जाता है, कई बार वह किसी चीज को लगातार देखता रहता है। मिर्गी बहुत दुर्लभ बीमारी नहीं है, इसके बावजूद लोगों में इसके प्रति जागरूकता कम है।
आमतौर पर लोगों को इससे छुटकारा पाने के लिए गोलियों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन क्या आप जानते हैं योग में ऐसी कुछ मुद्राएं भी हैं जिनका अभ्यास करने से इससे आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। हम अपने Campaign ‘focus of the month’ - Yoga Special Month में योग से जुड़ी जरूरी जानकारियां और टिप्स आपके साथ शेयर कर रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे मिर्गी से छुटकारा पाने के लिए मिर्गी मुद्रा का अभ्यास और इसके फायदे के बारे में (Mudras To Get Relief From Epilepsy Pain In Hindi)।
मिर्गी से छुटकारा दिलाने में कैसे फायदेमंद है मिर्गी मुद्रा (Mirgi Mudra Benefits In Hindi)
योगाचार्य और वेलनेस कोच संगीता के अनुसार मिर्गी मुद्रा का अभ्यास तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है और सिरदर्द से राहत प्रदान करता है। यह मध्यमा और अनामिका को अंगूठे के सिरे से जोड़कर बनने वाली एक साधारण हाथ की मुद्रा है। जो मिर्गी के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। मिर्गी में मिर्गी मुद्रा लिगामेंट संबंधी दुर्बलता को दूर करती है और तनाव को कम करती है। साथ ही इसका अभ्यास करना भी बहुत आसान है।
कैसे करें मिर्गी मुद्रा का अभ्यास (How To Do Mirgi-Mudra In Hindi)
- किसी भी ध्यान मुद्रा में बैठें, अपने हाथों के पीछे घुटनों पर रखें।
- अब मध्यमा और अनामिका अंगुली के सिरे को अंगूठे के सिरे से मिलाएं। बाकी दो अंगुलियों को फैला कर रखें।
- इस हाथ की स्थिति को एक खिंचाव में 10 मिनट तक रखें। बेहतर परिणामों के लिए उज्जायी प्राणायाम या गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
प्राण मुद्रा का भी करें अभ्यास
- अनामिका और कनिष्ठा अंगुली को अंगूठे तक मिलाएं और उज्जयी प्राणायाम या गहरी सांस के साथ दस मिनट तक रुकें।
मिर्गी से राहत पाने के लिए इन मुद्राओं को दिन में 2 से 3 बार करें। इन मुद्राओं को दिन में कम से कम 30 मिनट करें।
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यह भी ध्यान रखें
मिर्गी के ट्रिगर से बचना कोई आसान काम नहीं है। आपको अपनी जीवनशैली के सभी हिस्सों को सावधानीपूर्वक प्रबंधित करने की आवश्यकता है। जिसमें आपका योग और अन्य व्यायाम, आपका आहार, आदतें और दवाएं शामिल होंगी। आपको अपनी दवाओं को न छोड़ने पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
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योग के अभ्यास में व्यवस्थित श्वास और ध्यान दोनों हैं। आप कोशिश कर सकते हैं और नियमित ध्यान और सांस लेने के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। यह आपको योग के लाभों को बढ़ाने में मदद करेगा।
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