आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जो लोगों को कई समस्याओं से दूर रखने में उपयोगी है। आज हम फिर एक जड़ी बूटी लेकर आए हैं, जिसका नाम है बेंत (वेत्र)। यह जड़ी बूटी शरीर से कई समस्याओं जैसे- एसिडिटी, डायबिटीज, मूत्र से संबंधित रोग, पेट में कीड़े आदि को दूर करने में बेहद उपयोगी है। आज का हमारा लेख इसी जड़ी-बूटी पर है। आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि बेंत (वेत्र) जड़ी-बूटी के सेवन से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं। साथ ही उसके नुकसान के बारे में भी जानेंगे। इसके लिए हमने आयुर्वेद संजीवनी हर्बल क्लिनिक शकरपुर, लक्ष्मी नगर के आयुर्वेदाचार्य डॉ एम मुफिक (Ayurvedacharya Dr. M Mufik) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
1 - वेजाइना का ढीलापन करे दूर
योनि के ढीलेपन को दूर करने में भी बेंत (वेत्र) का पौधा आपके बेहद काम आ सकता है। ऐसे में बेंत (वेत्र) की जड़ का चूर्ण बनाएं और उस चूर्ण को जल में मिलाकर पकाएं। अब बने मिश्रण से योनि को धोएं। ऐसा करने से योनि में आई ढीलेपन की समस्या से राहत मिल सकती है।
2 - डिप्रेशन को करे दूर
डिप्रेशन की समस्या से लड़ने में बेंत (वेत्र) आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। जी हां, ऐसे में आप बेंत (वेत्र) के फूलों का काढ़ा बनाएं और उसका सेवन करें। ऐसा करने से डिप्रेशन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही मानसिक समस्या से राहत मिल सकती है।
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3 - सूजन से मिलेगी राहत
सूजन को दूर करने में भी बेंत (वेत्र) आपके बेहद काम आ सकती है। ऐसे में आप बेंत (वेत्र) की शाखाओं का काढ़ा बनाएं और उसमें नमक मिलाएं। अब बने मिश्रण का सेवन करें। ऐसा करने से न केवल सूजन दूर होती है बल्कि सूजन के कारण होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।
4 - बुखार को करे दूर
बुखार को दूर करने में भी बेंत (वेत्र) आपके बेहद काम आ सकता है। ऐसे में आप बेंत (वेत्र) की जड़ से काढ़ा बनाएं और उसका सेवन करें। ऐसा करने से न केवल बुखार दूर होगा बल्कि बुखार के कारण हुई कमजोरी से भी राहत मिल सकती है।
5 - पथरी की समस्या को करे दूर
खान-पान में थोड़ी सी गड़बड़ी हो जाती है या कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो शरीर में पथरी बनने की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में बता दें कि बेंत (वेत्र) का क्षार बनाएं और शहद के साथ सेवन करें। ऐसा करने से पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
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6 - मूत्र से संबंधित रोगों को करे दूर
जो लोग पेशाब करते वक्त दर्द महसूस करते हैं या जलन महसूस करते हैं। उन्हें बता दें कि वह इस समस्या को दूर करने में आपके काम आ सकता है। ऐसे में आप बेंत (वेत्र) की जड़ को पीस लें और उसका सेवन चावल के धोवन के साथ करें। ऐसा करने से न केवल दर्द से राहत मिल सकती है बल्कि मूत्र रुक रुक कर आना और मूत्र कम होने की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।
बेंत (वेत्र) के पौधे के नुकसान
किसी भी चीज की अति सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है। ऐसा ही कुछ बेंत (वेत्र) के साथ भी है। अगर बेंत (वेत्र) का उपयोग जरूरत से ज्यादा किया जाए तो एलर्जी की समस्या को पैदा कर सकता है। इससे अलावा वाल से पीड़ित रोगी को कभी भी बेंत (वेत्र) की छड़ी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बेंत (वेत्र) सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। लेकिन सबसे पहले उसकी सीमित मात्रा का ज्ञान लेना जरूरी है उसके बाद ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें। जड़ी बूटियों का सेवन हमेशा एक्सपर्ट की सलाह पर करना चाहिए। गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और बच्चे तीनों अपनी डाइट में इस जड़ी-बूटी को जोड़ने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। किसी के कहने पर बेंत (वेत्र) को अपनी दिनचर्या में ना जोड़ें।
इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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