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बच्चों की सेहत खराब कर सकता है गली-नुक्कड़ों में मिलने वाला फ्रूट जूस, डॉक्टर से जानें इसे पीने के नुकसान

अक्सर लोग बच्चों को गली नुक्कड़ का जूस इसलिए पिलाते हैं, क्योंकि इसमें पैकेट वाले जूस की तरह मिलावट नहीं गई है, लेकिन क्या वाकई इस तरह के जूस हेल्दी होते हैं?
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बच्चों की सेहत खराब कर सकता है गली-नुक्कड़ों में मिलने वाला फ्रूट जूस, डॉक्टर से जानें इसे पीने के नुकसान


जब भी हम घर से बाहर, परिवार के साथ कहीं घूमने या ट्रैवलिंग पर निकलते हैं, तो फ्रूट जूस हमारे हेल्दी खाने की लिस्ट में पहले नंबर पर होते हैं। लोगों को लगता है कि बाजार में मिलने वाले चिप्स, नमकीन और कोल्ड ड्रिंक पीने से अच्छा है, गली और नुक्कड़ पर मिलने वाली दुकान से ताजा फलों का जूस पिया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद होगा। लगभग हर शहर की गली-नुक्कड़ पर मिलने वाली इन जूस की दुकानों में ताजा फलों का जूस परोसने का दावा किया जाता है और इसे बिना कुछ सोचे-समझें मानकर पी भी लेते हैं और बच्चों को भी पिलाते हैं। अगर आज तक आप भी ऐसा ही करते आए हैं, तो रुक जाइए।

गली के नुक्कड़ की दुकानों पर मिलने वाले जूस आपके बच्चों की सेहत को फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाता है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि देशभर में चल रहीं ज्यादातर जूस की दुकान पर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। गंदगी में बनाए जाने वाले जूस का सेवन अगर छोटे बच्चे करते हैं, तो यह स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस विषय पर डॉ. तरूण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी शेयर किया है। आज इस लेख में हम बताने जा रहे हैं गंदगी में बनाए जाने वाले फ्रूट जूस से बच्चों को होने वाली बीमारियों के बारे में।

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हेपेटाइटिस ए का खतरा

डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि बाजार में मिलने वाले जूस में जिन फलों का इस्तेमाल किया जाता है, उसे साफ पानी से धोया नहीं जाता है। फलों को धोने के लिए गंदे पानी का उपयोग होने के कारण बैक्टीरिया और फंगस उस पर पनपते हैं। जब बच्चे इस तरह के फलों के जूस का सेवन करते हैं, तो उन्हें हेपेटाइटिस ए और बी का खतरा रहता है। हेपेटाइटिस के कारण बच्चे को बुखार, अस्वस्थता, भूख न लगना, दस्त, मतली, पेट में तकलीफ जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

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पाचन संबंधी समस्याएं

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, फलों का बीज बोने से लेकर उसे लोगों के घर तक पहुंचाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। फलों पर लगे केमिकल्स को साफ पानी से न हटाया जाए, तो इसके कारण हानिकारक बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते है।

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दांतों से जुड़ी समस्याएं

दुकान से या सड़क किनारे खरीदे गए जूस के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादा मात्रा में चीनी का इस्तेमाल होने की वजह से गली-नुक्कड़ पर मिलने वाले जूस बच्चे का अनहेल्दी तरीके से वजन बढ़ा सकते हैं। इसकी वजह से दांतों से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।

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हार्ट संबंधी परेशानियां

बाजार में मिलने वाले जूस को रंग देने के लिए फ्लेवर और पानी का भी इस्तेमाल किया जाता है। आर्टिफिशियल फ्लेवर बच्चे के ब्लड प्रेशर को ट्रिगर करके हार्ट संबंधी परेशानियां बढ़ा सकते हैं। साथ ही, यह किडनी पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं। 

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डॉक्टर तरूण आनंद का कहना है कि बच्चों को फलों के पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिले, इसके लिए उन्हें जूस नहीं बल्कि साबुत फल खाने के लिए दें। अगर बच्चों को जूस पिलाना चाहते हैं, तो इसे घर पर ही बनाएं और सेवन करें।

Image Credit: Freepik.com

 

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