स्वानसिया यूनिवर्सिटी (Swansea University) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा canagliflozin से ऑटो इम्यून डिसऑर्डर को भी कम किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी के मेडिसिन, हेल्थ, लाइफ साइंस द्वारा की गई जांच में यह पता चलता है कि कैनाग्लिफ्लोज़िन (Canagliflozin) का इस्तेमाल कर कुछ ऑटोइम्यून विकारों जैसे रुमेटीइड अर्थराइटिस और सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (systemic lupus erythematosus) आदि को कम किया जा सकता है।
क्या है कैनाग्लिफ्लोज़िन?
Canagliflozin दवा आमतौर पर टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके इस्तेमाल से बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल कम होता है। हालांकि, इसे कुछ अन्य बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, रक्त वाहिकाओं से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।चिकित्सकों द्वारा इसे एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट लेने के साथ ही खाने की सलाह दी जाती है। कई बार इसके कुछ नुकसान जैसे सुस्ती, ड्राई स्किन, मुंह से बदबू आने या फिर बार-बार पेशाब जाना आदि भी देखा जा सकता है। इसलिए, अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो केवल चिकित्सक से सलाह लेने के बाद इसका सेवन कर सकते हैं।
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शोधकर्ताओं ने कही ये बात
स्टडी की अगुवई कर रहे Dr Nick Jones, senior author के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज में मरीजों को दी जाने वाली ये दवा लोगों में काफी लोकप्रिय है। यह किसी अन्य दवा की तुलना में क्लीनिकल ट्राइल में तेजी से पहुंच सकती है और ऑटोइम्यून विकारों से जूझ रहे लोगों के लिए ये मददगार भी साबित हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज से बचने के तरीके
लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज को कम करने या फिर इससे बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरूरी है। इससे बचने के लिए आप हेल्दी चीजें अनसैचुरेटेड फैट, साबुत अनाज आदि ही खाएं। ऐसे में नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें, स्ट्रेस कम करें साथ ही साथ शराब और धूम्रपान करने से भी परहेज करें।