तुलसी को उसके धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता हैं। वहीं इसके अंदर पाए जाने वाले औषधीय गुण इसे और बलशाली बनाते हैं। अगर शहद की बात करें तो शहद स्वाद में मीठा और एक तरल पदार्थ है जो शरीर को कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। ऐसे में अगर तुलसी और शहद को एक साथ मिलाकर लिया जाए तो यह सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। बता दें, शहद के अंदर भरपूर मात्रा में प्रोटीन, अमीनो एसिड, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसके अंदर वसा को पचाने वाला कार्बोहाइड्रेट और विटामिंस भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। वहीं तुलसी के गुणों की बात की जाए तो इसके अंदर कैल्शियम, आयरन, जिंक, भरपूर विटामिंस, क्लोरोफिल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल आदि गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में तुलसी और शहद का मिश्रण (tulsi honey combination) सेहत को कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप घर पर कैसे तुलसी और शहद का मिश्रण बना सकते हैं और आप कैसे इसका लाभ (tulsi honey combination benefits) उठा सकते हैं? साथ ही इसके नुकसान (tulsi honey combination side effects) के बारे में भी जानेंगे। इसके लिए हमने आयुर्वेद संजीवनी हर्बल क्लिनिक शकरपुर, लक्ष्मी नगर के आयुर्वेदाचार्य डॉ एम मुफिक (Ayurvedacharya Dr. M Mufik) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
शहद और तुलसी की तासीर
बता दें कि शहद की तासीर गर्म होती है वही तुलसी की प्रकृति भी गर्म होती है। ऐसे में इन दोनों का सेवन सर्दियों में किया जाता है। परंतु इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप गर्मियों में इसका सेवन नहीं कर सकते। गर्मियों में शहद तुलसी के मिश्रण का सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता है। लेकिन ध्यान दें इसके अधिकता शरीर को कुछ नुकसान का सामना भी करा सकती है। ऐसे में सबसे पहले इनकी सीमित मात्रा की जानकारी लें उसके बाद ही इसका सेवन करें।
टॉप स्टोरीज़
1 - खांसी के लिए तुलसी और शहद
शहद और तुलसी खांसी को दूर करने में बेहद उपयोगी है। बता दें शहद और तुलसी के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो गले की खराश को दूर करते हैं और बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। इसके अलावा तुलसी के अंदर भी कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो दमा, खांसी, गले की खराश आदि से छुटकारा दिलाते हैं। ऐसे में आप तुलसी और शहद के मिश्रण का सेवन खांसी को दूर करने में कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप तुलसी के पानी से गरारे करके भी अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं।
- अगर आप चाहें तो शहद में नींबू का रस मिलाएं और इन दोनों को गुनगुने पानी के साथ मिलाएं।
- अब नमक मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से भी आराम मिलता है।
2 - गुर्दे की पथरी को दूर करने में तुलसी और शहद
अगर आप गुर्दे की पथरी से परेशान है तो इस समस्या को दूर करने में शहद और तुलसी का मिश्रण आपके बेहद काम आ सकता है। बता दें कि यह गुर्दे की कार्य क्षमता को बढ़ाता है और यूरिक एसिड के स्तर को कम करता है। ऐसे में इसका सेवन सुबह उठकर खाली पेट करना एक अच्छा विकल्प है।
- सबसे पहले आप तुलसी के पत्तों को 6 से 7 पत्तों को अच्छे से धौएं।
- अब उसमें शहद की समान मात्रा मिलाएं और सेवन करें।
- अब हर दिन इस मिश्रण का सेवन करेंगें तो गुर्दे की पथरी कम होती चली जाएगी।
3 - त्वचा संक्रमण के लिए तुलसी और शहद
तुलसी और शहद के अंदर एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं जो न केवल बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं बल्कि तुलसी के पत्ते और शहद से बना पेस्ट त्वचा संक्रमण से भी छुटकारा दिलाता है।
- ऐसे में सबसे पहले आप तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाएं। इसके अलावा आप उन्हें उबाल भी सकते हैं।
- अब नींबू के रस और शहद को मिलाएं और प्रभावित स्थान पर लगाएं।
- इसके अलावा आप शहद, तुलसी और बेसन से बना पेस्ट भी अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं और त्वचा में निखार ला सकते हैं।
4 - पेट के लिए तुलसी और शहद
पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में तुलसी और शहद बेहद लाभकारी हैं। इन दोनों के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो न केवल आंतों के लिए लाभदायक है बल्कि आंतों के बुरे बैक्टीरिया से रक्षा करते हैं और अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाते हैं। ऐसे में अपच, पेट में दर्द, पेट में ऐठन, बवासीर का आदि को दूर करने में तुलसी और शहद के मिश्रण का सेवन कर सकते हैं।
5 - बुखार के लिए तुलसी और शहद
बुखार होने पर अक्सर माएं तुलसी और शहद का मिश्रण देती है ऐसा इसलिए क्योंकि इसके अंदर एंटीबैक्टीरियल और कीटाणुनाशक गुण मौजूद पाए जाते हैं जो न केवल इंफेक्शन को दूर करते हैं बल्कि बुखार को कम करने में भी मददगार है। आयुर्वेद में तुलसी और शहद के मिश्रण को बुखार को दूर करने में किया जाता है। वहीं तुलसी और शहद का काढ़ा भी इस समस्या को दूर करने में उपयोगी है।
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6 - मधुमेह के रोगियों के लिए तुलसी और शहद
मधुमेह के रोगी तुलसी और शहद का सेवन कर सकते हैं। यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित रख सकता है साथ ही इसके सेवन से व्यक्ति को मीठा खाने की तलब भी दूर होती है। चूंकि शहद स्वाद में मीठा होता है ऐसे में व्यक्ति आराम से बिना यह सोचे कि शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाएगी, इसका सेवन कर सकता है। लेकिन मधुमेह के रोगी अपनी डाइट में शर्करा और तुलसी के मिश्रण को जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
घर पर कैसे बनाएं शहद और तुलसी का मिश्रण
1 - सबसे पहले तुलसी के कुछ पत्तों को सादे पानी से धोएं और उन्हें उबालें। अब तुलसी के पानी में शहद को मिलाकर सेवन करें।
2 - इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाएं और उसमें शहद को मिलाकर सेवन करें।
3 - इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों में सीधे शहद को मिलाएं और अच्छे से चबाएं। इस मिश्रण को तब तक चबाते रहें जब तक तुलसी का अर्क शहद के साथ खुलकर पेट में ना चला जाए।
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शहद और तुलसी के मिश्रण के नुकसान
1 - शहद तुलसी की अधिकता शरीर में एलर्जी जैसे- पेट दर्द, उल्टी आदि समस्या पैदा कर सकती है।
2 - तुलसी और शहद के अधिक सेवन से शरीर में सूजन, खुजली, पित्ती, खांसी, दमा, सांस की समस्या, निगलने में समस्या, लाल चकत्ते आदि हो सकते हैं।
3 - तुलसी और शहद का सेवन करने वाले अगर ब्लड पतला करने की दवा ले रहे हैं तो वे तुरंत इस मिश्रण को अपनी डाइट से निकाल दें क्योंकि यह भी रक्त को पतला करने में उपयोगी है।
4 - गर्भावस्था के दौरान तुलसी और शहद का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें। क्योंकि कभी-कभी इसकी अधिकता मासिक धर्म का कारण बन सकती है। वहीं स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
5 - अगर मिश्रण में शहद की मात्रा कम और तुलसी की मात्रा ज्यादा हो जाए तो यह सीने में जलन, एसिडिटी, पेट में जलन आदि समस्याओं को भी उत्पन्न कर सकती है।
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नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि तुलसी और शहद का सेवन करने से सेहत को कई फायदे हो सकता हैं लेकिन इसकी अधिकता सेहत को नुकसान भी हो सकते हैं।
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