Expert

कोर्टिसोल कम करने के लिए ऐसे करें तुलसी और अश्वगंधा का सेवन, जानें फायदे

आयुर्वेद में तुलसी और अश्वगंधा का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यहां जानिए, कोर्टिसोल हार्मोन को कम कैसे करें?
  • SHARE
  • FOLLOW
कोर्टिसोल कम करने के लिए ऐसे करें तुलसी और अश्वगंधा का सेवन, जानें फायदे


वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी और आगे बढ़ने की होड़ में लोग अपनी सेहत का ही ख्याल नहीं रखते हैं। जिसके कारण कम उम्र से ही हार्मोनल इंबैलेंस के साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। कुछ लोगों को अक्सर तनाव और चिड़चिड़ापन भी रहता है, इस तरह की समस्याएं शरीर में कोर्टिसोल लेवल बढ़ने के कारण होती हैं, जो सेहत पर बुरा असर डालती हैं। फिट और हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि आपके शरीर में कोर्टिसोल का लेवल कम रहे ताकि तनाव, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं कम हो सकें। आयुर्वेद में इसके लिए तुलसी और अश्वगंधा का इस्तेमाल फायदेमंद बताया गया है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) कोर्टिसोल लेवल कंट्रोल करने के लिए तुलसी और अश्वगंधा के फायदे और सेवन का तरीका बता रहे हैं। 

कोर्टिसोल कम करने के लिए तुलसी और अश्वगंधा के फायदे - Tulsi And Ashwagandha Benefits To Reduce Cortisol Levels In Hindi

कोर्टिसोल एक हार्मोन है, जिसके ज्यादा उत्पादन से शरीर पर बुरा असर पड़ता है। जब व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर में कोर्टिसोल का उत्पादन बढ़ जाता है। लेकिन ज्यादा कोर्टिसोल लेवल का बुरा असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है, जिससे कई तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कम होने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, जरूर दें ध्यान

1. तुलसी - Tulsi

आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी का उपयोग किया जाता है। तुलसी की गिनती ऐसे पौधों में होती है, जिन्हें पवित्र माना जाता है और इसका इस्तेमाल धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है। तुलसी की पत्तियों में मौजूद विशेष तत्वों के कारण, तुलसी को स्ट्रेस कम करने और शांति प्रदान करने में कारगर माना जाता है। नियमित रूप से तुलसी का उपयोग शरीर में कोर्टिसोल स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे तनाव और चिंता का स्तर भी कम हो सकता है।

2. अश्वगंधा - Ashwagandha

ashwagandha

भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जाता है। औषधीय गुणों का खजाना कहे जाने वाले अश्वगंधा को 'रसायन' और 'बलवर्धक' के रूप में जाना जाता है और इसका उपयोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा का उपयोग कोर्टिसोल स्तर (cortisol levels) को कम करने में सहायक हो सकता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है और मन शांत होता है।

इसे भी पढ़ें: महिलाएं हार्मोन बैलेंस करने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स, बीमारियां रहेंगी कोसों दूर

तुलसी और अश्वगंधा का सेवन कैसे करें? - How To Consume Tulsi And Ashwagandha

शरीर में कोर्टिसोल लेवल कंट्रोल करने के लिए आप तुलसी और अश्वगंधा से तैयार काढ़े का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए 1 कप पानी में एक चौथाई चम्मच अश्वगंधा पाउडर के साथ 3-4 तुलसी की पत्तियां डालकर 2 से 3 मिनट के लिए पकाएं। इसके बाद छानकर इस काढ़े को गुनगुना ही पिएं। इसके अलावा आप अश्वगंधा का सेवन दूध के साथ भी कर सकते हैं।

तुलसी और अश्वगंधा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है लेकिन अगर आपको किसी प्रकार की शारीरिक समस्या है तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

All Images Credit- Freepik

Read Next

हल्दी-शिलाजीत वाला दूध पीने से सेहत को मिलते हैं ये 5 फायदे, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version