आपमें से से बहुत से लोग ऐसे होंगे जिन्हें ये लगता होगी कि टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी सिर्फ फेफड़ों से जुड़ी होती है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है, टीबी की बीमारी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। महिलाओं में बच्चेदानी में टीबी की बीमारी बहुत देखी जाती है। इसकी वजह से महिलाओं को बांझपन जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की बच्चेदानी में टीबी की समस्या को फीमेल जेनिटल ट्यूबरकुलोसिस या एफजीटीबी भी कहा जाता है। अक्सर यह जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। महिलाओं में टीबी की बीमारी सबसे ज्यादा फेफड़ों से माइकोबैक्टीरियम का प्रजनन अंग तक फैलना है। आइये एक्सपर्ट डॉक्टर से जानते हैं महिलाओं में बच्चेदानी की टीबी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
महिलाओं में बच्चेदानी की टीबी के कारण (Tuberculosis In Uterus Causes)
औरतों के रीप्रोडक्टिव सिस्टम में होने वाली टीबी की बीमारी जिसे पेल्विक ट्यूबरक्लोसिस (Pelvic Tuberculosis) भी कहा जाता है एक गंभीर बीमारी मानी जाती है। स्टार हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक ज्यादातर महिलाओं में यह समस्या इन्फेक्शन के कारण होती है। इस बीमारी के वजह से महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या भी होती है। महिलाओं में ओवरी से जुड़े फैलोपियन ट्यूब, बच्चेदानी के मुहं और वजाइना आदि से यह संक्रमण फैलता है। ज्यादातर महिलाओं में बच्चेदानी की टीबी का इन्फेक्शन बच्चा पैदा करते समय होता है। बच्चेदानी की टीबी की बीमारी के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
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- खांसी और छींक से इन्फेक्शन फैलने के कारण।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से।
- फेफड़ों से टीबी के जीवाणुओं का प्राइवेट पार्ट्स तक पहुंचना।
- इम्यूनिटी कमजोर होना।
- बच्चा पैदा करते समय इन्फेक्शन की चपेट में आने से।
बच्चेदानी की टीबी के लक्षण (Tuberculosis In Uterus Symptoms)
महिलाओं में बच्चेदानी में टीबी की बीमारी होने पर कई गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। शुरुआत में भले ही ये लक्षण कम दिखाई दें लेकिन जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ती है वैसे ही इसके लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं। गर्भाशय की टीबी या बच्चेदानी में टीबी की बीमारी होने पर महिलाओं में गंभीर दर्द, पीरियड्स का अनियमित होना और ब्लीडिंग जैसी गंभीर समस्याएं होती हैं। बच्चेदानी में टीबी के प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- हैवी ब्लीडिंग।
- पीरियड्स का अनियमित होना।
- पेट के निचले हिस्से में गंभीर दर्द।
- अमेनेरिया की समस्या।
- योनि से डिस्चार्ज।
- टीबी में दिखने वाले सामान्य लक्षण जैसे खांसी, कफ।
- शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना।
- पीठ में गंभीर दर्द।
बच्चेदानी में टीबी की बीमारी का इलाज (Tuberculosis In Uterus Treatment)
बच्चेदानी में टीबी की समस्या होने पर सबसे पहले चिकित्सक इसकी जांच करते हैं। इसके लिए ट्यूबरकुलीन स्किन टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से शरीर के किसी भी हिस्से में टीबी की समस्या की जांच की जाती है। इसके अलावा पेट के निचले हिस्से का अल्ट्रासाउंड भी बच्चेदानी में टीबी की बीमारी का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। टेस्ट के बाद डॉक्टर मरीज का इलाज शुरू करते हैं। हर व्यक्ति का इलाज उसकी स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। कुछ मामलों में तो सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।
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बच्चेदानी में टीबी की समस्या से बचाव के लिए सबसे पहले आपको टीबी से बचाव का ध्यान रखना चाहिए। शरीर में टीबी की बीमारी होने पर नियमित रूप से दवाओं का सेवन और डॉक्टर की सलाह लेते रहना चाहिए। इसके अलावा टीबी के मरीजों से दूरी और बच्चे पैदा होते समय इन्फेक्शन से बचाव कर बच्चेदानी में टीबी की बीमारी से बचा जा सकता है।
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