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खांसी को झटपट दूर करेगा त्रिफला और पिप्पली चूर्ण का ये नुस्खा, एक्सपर्ट से जानें इस्तेमाल का तरीका

बच्चे को बार-बार खांसी होने पर त्रिफला और पिप्पली चूर्ण को मिलाकर खिलाना फायदेमंद है। जानें कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है।
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खांसी को झटपट दूर करेगा त्रिफला और पिप्पली चूर्ण का ये नुस्खा, एक्सपर्ट से जानें इस्तेमाल का तरीका


सर्दियां में बच्चों को खांसी-जुकाम की समस्या बार-बार हो जाती है। दरअसल, बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है। जिस कारण बच्चे सर्दियों में ज्यादा जल्दी बीमार हो जाते हैं। इसलिए सर्दियों में बच्चों की इम्यूनिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पुराने समय में बच्चों को खांसी होने पर लोग घरेलू नुस्खों अपनाते थे। आज भी कई घरों में लोग देसी नुस्खों को बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद मानते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये नुस्खे घर में मौजूद चीजों से किए जाते हैं, इसलिए इनसे साइड इफेक्ट्स का खतरा कम हो जाता है। इसी तरह खांसी में त्रिफला और पिप्पली चूर्ण का नुस्खा भी आराम देता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर उम्र में बच्चे इसे अपना सकते हैं। इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका बताते हुए आयुर्वेदा कंसल्टेंट और पंचकर्मा स्पेशलिस्ट वैध मिहिर खत्री ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइए लेख के माध्यम से जानें इसके बारे में।

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बच्चों के लिए त्रिफला और पिप्पली चूर्ण का नुस्खा- Triphala and Pippali Remedy For Cough

अगर सर्दियों में बच्चों को बार-बार खांसी हो जाती है, तो आप ये चूर्ण का नुस्खा अपना सकते हैं। इसके लिए आपको 25 ग्राम पिप्पली पाउडर और 50 ग्राम त्रिफला पाउडर को मिलाकर एक मिक्स्चर तैयार करना है। इस्तेमाल के लिए 2 ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर पेस्ट बनाकर बच्चे को खिलाना है। इसे नुस्खे को आपको रोज सुबह लगातार 30 दिनों तक करना है। इसके इस्तेमाल से बच्चे की खांसी जड़ से खत्म हो जाएगी। कम मात्रा में इस्तेमाल करने से इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

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बच्चों को उम्र के मुताबिक कितनी मात्रा में त्रिफला और पिप्पली चूर्ण दें

हर उम्र के बच्चे के लिए इस चूर्ण की मात्रा अलग-अलग होनी चाहिए। अगर बच्चे की उम्र 6 माह से एक वर्ष के बीच है, तो 2 से 3 चुटकी शहद या मां के दूध के साथ दें। बच्चे की उम्र अगर 1 से 2 साल के बीच है तो 5 चुटकी चूर्ण को शहद में मिलाकर दें। अगर बच्चे की उम्र 3 से 5 वर्ष के बीच है तो 2 ग्राम चूर्ण रोज दें। पांच साल से ज्यादा उम्र में बच्चे को 5 ग्राम चूर्ण शहद के साथ मिलाकर दे सकते हैं।

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त्रिफला और पिप्पली चूर्ण के फायदे- Benefits of Triphala and Pippali churan

त्रिफला और पिप्पली दोनों आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी की तरह इस्तेमाल की जाती हैं। इनमें मौजूद प्राकृतिक गुण खांसी-जुकाम से जल्द राहत देने में मदद करते हैं। शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसलिए इसके साथ मिलाकर देने से गले को आराम मिलता है।

अगर बच्चे को भूख नहीं लगती है या कब्ज की समस्या रहती है। इनके अलावा, अगर बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर है और जल्दी बीमार हो जाता है। इन समस्याओं में भी यह चूर्ण इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।

अगर आप बच्चे की किसी स्वास्थ्य समस्या की दवा चल रही है, तो किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर ही ये नुस्खा अपनाएं। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।

 

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