खानपान में जरा सी भी लापरवाही बरतने से इन दिनों लोगों को पेट से जुड़ी कई समस्याएं जैसे- अपच, कब्ज, एसिडिटी की शिकायत काफी ज्यादा हो रही है। ऐसे में लोग अपनी इन परेशानियों को दूर करने के लिए दवाई का सहारा ले रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि दवाइयों के बजाय अगर आप अपने डाइट में कुछ बदलाव करते हैं, तो पेट से जुड़ी इन परेशानियों से निजात पा सकते हैं। कई डॉक्टर्स पेट से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए हल्के-फुल्के आहार का सेवन करने की सलाह देते हैं। साथ ही नियमित रूप से ढेर सारा पानी पीने के लिए कहते हैं। ताकि पेट को हेल्दी रखा जा सके। आज हम आपको इस लेख में एक खास उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने गट हेल्थ को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ खास करने की जरूरत नहीं है, बस बचे हुए चावल को पारंपरिक तरीके से खाना है। जी हां, हाल लाइफस्टाइल कोच ल्यूक कॉन्टिहो (Luke Coutinho) ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में कॉन्टिहो ने गट हेल्थ को बेहतर करने के लिए यह शानदार नुस्खा बया है।
कैसे करें बचे चावल का सेवन
अपने वीडियो के कैप्शन में ल्यूक लिखते हैं कि यह भारतीयों का पारंपरिक सुपर प्रोबायोटिक आहार है। जो आंत के अनुकूल है। इसे आप शाम के कुछ बचे हुए चावल से तैयार कर सकते हैं। इसके लिए एक मिट्टी के बर्तन में बचे हुए चावल को रखकर इसमें थोड़ा सा पानी डालकर रातभर के लिए छोड़ दीजिए। इसके बाद सुबह इसे खाली पेट खाएं। यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। इसका सेवन एंटीबायोटिक दवा लेने के दौरान या फिर बाद में करना फायदेमंद हो सकता है।
सर्जरी के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह डायबिटीज रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकता है। अपनी आंत को साफ और सुरक्षित रखने के लिए आप इस मिश्रण का सेवन कर सकते हैं। सिर्फ 5 से 7 दिनों तक लगातार इसका सेवन करने से कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर सूजन को कम करने में असरदार है।
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मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने और पकाने के फायदे
डायबिटीज को करे कंट्रोल
मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाना और खाना दोनों ही रूप से फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर को भरपूर पोषक मिलता है। मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने से इंसुलिन का उत्पादन बेहतर तरीकों से होता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इतना ही नहीं, मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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एसिडिटी को करे दूर
मिट्टी के बर्तनों में प्राकृतिक रूप से अल्कलाइन होती है, जो एसिडिटी से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकती है। इससे शरीर का पीएच लेवल सही रहता है। इसके बर्तनों में पके चावल का सेवन करने से एसिडिटी दूर होती है।
तेल और फैट करे कम
मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से तेल की खपत स्टील या फिर अन्य धातु की तुलना में कम होती है। दरअसल, मिट्टी के बर्तनों में खाना काफी धीरे-धीरे पकता और इस दौरान तेल की मात्रा काफी कम लगती है। ऐसे में आप मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने से न सिर्फ तेल की खपत कम होती है, बल्कि इससे मोटापा भी कम होता है।
मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाकर खाने से स्वास्थ्य को कई लाभ हो सकते हैं। इसके अलावा इसके बर्तनों में खाना रखकर खाने से भी सेहत को कई अन्य फायदे हो सकते हैँ। लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी के बर्तनों की साफ-सफाई विशेष रूप से करनी होती है। ताकि इसमें किसी तरह के बैक्टीरिया न पनपें।
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