भारत में पुराने समय से खाना बनाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। भोजन को स्टोर करने से लेकर बनाने तक कई तरह के मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता आ रहा है। समय के साथ-साथ ये चीजें भी बदलती गयीं लेकिन एक बार फिर मिट्टी के बर्तनों का चलन पूरी दुनिया में शुरू हुआ है। ग्रामीण भारत में आज भी दूध, दही और कई अन्य चीजों के लिए मिट्टी के बर्तन का उपयोग किया जाता है। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने के तमाम फायदे होते हैं, विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है। मिट्टी के बर्तन में भोजन तैयार करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और साथ इसमें बने भोजन का स्वाद भी बेहतरीन होता है। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के अद्भुत फायदे हैं आइये जानते हैं इनके बारे में।
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के फायदे (Health Benefits of Cooking in Clay Pots)
हमारे देश में पुराने जमाने से ही मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाया जाता है। मिट्टी के बर्तनों में बने खाने का सेवन करने से शरीर को तमाम पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर कई बीमारियों से दूर भी रहता है। दुनियाभर में मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने को लेकर हुए शोध और अध्ययन इस बात की जानकारी देते हैं कि अन्य बर्तनों की तुलना में मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने के तमाम फायदे हैं। हालांकि आज के समय में मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल उतना नहीं किया जाता है लेकिन फिर भी आप तमाम जगहों पर मिट्टी के बर्तन में बने चावल, मिट्टी के बर्तन में उबाले गए दूध या फिर तंदूरी चाय (मिट्टी के बर्तन में उबली) का सेवन कर सकते हैं।
बेंगलुरु के फोर्टिस हॉस्पिटल की डायटीशियन रिंकी कुमारी के मुताबिक, "मिट्टी के बर्तन में बने खाने में आयरन, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। इन पोषक तत्वों का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चूंकि मिट्टी के बरतनों में खाना आराम से पकता है इसलिए इसमें तेल का इस्तेमाल भी कम किया जाता है। धीमी आंच में पकने की वजह से मिट्टी के बर्तनों में बनाया गए भोजन में मौजूद प्राकृतिक तेल नष्ट नहीं होते हैं। इसके अलावा मिट्टी के बर्तन पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं इसलिए इसमें भोजन पकाने के बहुत फायदे होते हैं।" तमाम शोध और अध्ययन से मिली जानकारी के अनुसार मिट्टी के बर्तन में भोजन तैयार करने के प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं।
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1. मिट्टी के बर्तन में बने खाने का फ्लेवर (Clay Pots Maintain a Nice Flavour to Food)
भारत में खाना बनाने के लिए तमाम तरह के मसालों और तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इन सब का इस्तेमाल भोजन को अधिक स्वादिष्ट और फ्लेवर युक्त बनाने के लिए किया जाता है। मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में ये स्वाद और सुगंध बरकरार रहती है। चूंकि मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाने से इसका पीएच लेवल संतुलित रहता है। इसलिए इसमें बना खाना न सिर्फ हेल्दी होता है बल्कि इसकी सुगंध भी इसे बेहतर बनाती है। मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में खनिज और पोषक तत्व जैसे लोहा, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि नष्ट नहीं होते हैं।
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2. मिट्टी के बर्तन भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को सुरक्षित रखता है (Clay Pots Maintains the Nutritive Value of Food)
चूंकि मिट्टी के बर्तनों में खाना धीमी गति से पकता है जिसकी वजह से भोजन और बर्तन में पर्याप्त नमी बरकरार रहती है। इसके अलावा मिट्टी के बर्तनों में महीन छेद आगर और नमी को सही तरीके से सर्कुलेट करते हैं। जिसकी वजह से भोजन में मौजूद पोषक तत्व सही तरीके से सुरक्षित रहते हैं। अक्सर धातु के बर्तनों में भोजन बनाने से खाने के तमाम महत्वपूर्ण पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इसलिए मिट्टी के बर्तन में भोजन बनाने का विशेष फायदा मिलता है। खासकर चावल और मांसाहारी चीजों को पकाने के लिए मिट्टी के बर्तन सबसे बेहतर माने जाते हैं।
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3. मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन दिल के लिए फायदेमंद (Good for Heart Health)
विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाने में तेल का इस्तेमाल बहुत कम होता है और इसमें भोजन के पकने की प्रक्रिया धीमी होती है। इसलिए मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में प्राकृतिक तेल और नमी की मात्रा बरकरार रहती है। और इसलिए मिट्टी के बर्तनों में बने भोजन का सेवन दिल की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन जरूर करना चाहिए।
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4. मिट्टी के बर्तन में बना भोजन डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद (Good for Diabetic Patient)
मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए मिट्टी के बर्तन में बना भोजन अधिक फायदेमंद होता है। चूंकि मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने की प्रक्रिया धीमी होती है और सही तरीके से इसमें भोजन को पकाया जाता है। इसलिए इसमें पके भोजन का सेवन करने से इन्सुलिन का उत्पादन संतुलित रहता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए इंसुलिन का उत्पादन संतुलित होना बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि मिट्टी के बर्तन में बने भोजन का सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों के शरीर की इम्यूनिटी बेहतर होती है। इसलिए भी मिट्टी के बर्तन में बने भोजन का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
5. मिट्टी के बर्तन में बना भोजन एसिडिटी की समस्या से बचाता है (Prevent Acidity)
कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि मिट्टी के बर्तन में बना भोजन एसिडिटी की समस्या में भी फायदेमंद होता है। दरअसल मिट्टी के बर्तनों में प्राकृतिक तौर पर अल्कलाइन मौजूद होते हैं जो इसके पीएच स्तर को संतुलित रखने का काम करते हैं। इसलिए इसमें बने भोजन का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या का खतरा कम होता है। संतुलित पीएच स्तर एसिडिटी की समस्या में फायदेमंद माना जाता है।
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विज्ञान भी मिट्टी के बर्तन में बने भोजन के सेवन को सेहत के लिए फायदेमंद मानता है। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद माना गया है। हालांकि आज के दौर में एक बार फिर से इसका चलन बढ़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कुछ चीजों को पकाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है।
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