TMKOC Popatlal Disease: 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में पोपटलाल की शादी होने का नाम ही नहीं ले रही है। लंबे समय से पोपटलाल को शादी के लिए लड़की नहीं मिल रही थी और अब जब लंबे अरसे के बाद लड़की मिल गई है, तो पोपटलाल को थैलेसीमिया हो गया है। टीवी शो के लेटेस्ट एपिसोड में दिखाया गया है कि पोपटलाल की शादी मधुबाला से हो रही थी। इसी दौरान डॉ. हाथी ने जानकारी दी कि पोपटलाल और मधुबाला में थैलेसीमिया के लक्षण मिले हैं। पोपटलाल को इस बीमारी होने के बाद शो को देखने वाले लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर क्या थैलेसीमिया क्या है और इस बीमारी के लक्षण क्या हो सकते हैं। आइए इस लेख में हावड़ा के नारायणा अस्पताल के हेमाटो में ऑन्कोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग की कंसलटेंट डॉ. सौम्या मुखर्जी से जानते हैं थैलेसीमिया के बारे में सभी जानकारी।
थैलेसीमिया बीमारी क्या है?- What Is Thalassemia Disease
डॉ. मुखर्जी के अनुसार, थैलेसीमिया एक प्रकार का खून का विकास है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से काफी कम हो जाती है। थैलेसीमिया के कारण एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। डॉक्टर की मानें तो कुछ मामलों में थैलेसीमिया जैसी बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता या उसके परिवार में थैलेसीमिया की हिस्ट्री रही है, तो बच्चे को भी यह बीमारी हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः Covid-19 KP.3 Variant: कई देशों में तबाही मचा रहा है कोरोना का नया वेरिएंट KP.3, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
थैलेसीमिया का कारण क्या है?- What causes thalassemia?
थैलेसीमिया कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव के कारण होता है। दरअसल, हमारे शरीर में खून के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। इसके अलावा बीटा थैलेसीमिया, हीमोग्लोबिन के अन्य घटक, बीटा-ग्लोबिन के निर्माण के लिए जिम्मेदार जीन में परिवर्तन के कारण होता है। इनमें से कुछ जेनेटिक परिवर्तनों के कारण बीटा-ग्लोबिन का उत्पादन नहीं होता (बीटा-शून्य थैलेसीमिया)। दूसरों के साथ, बीटा-ग्लोबिन की एक मध्यम मात्रा का उत्पादन होता है (बीटा-प्लस थैलेसीमिया)। जिसके कारण थैलेसीमिया जैसी बीमारी होती है।
इसे भी पढ़ेंः क्या प्रेग्नेंसी में एचपीवी वैक्सीन लगवा सकते हैं? डॉक्टर से जानें
थैलेसीमिया के लक्षण क्या हैं? - Symptoms of Thalassemia
डॉक्टर के अनुसार, थैलेसीमिया के लक्षण हर मरीज में अलग- अलग हो सकते हैं, जिसे कम समय में पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है। थैलेसीमिया के आम लक्षण नीचे बताए गए हैं:
- बहुत ज्यादा थकावट महसूस होना
- त्वचा का रंग पीला पड़ना
- शरीर का सामान्य रूप से कम विकास होना
- कमजोरी महसूस होना (चक्कर आना, पैरों में झनझनाहट)
- पेट या आंतों में सूजन आना
- पेशाब का रंग गहरा पड़ना।
अगर किसी व्यक्ति में थैलेसीमिया के लक्षण नजर आते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो थैलेसीमिया का इलाज जितना जल्दी शुरू किया जाए, इसके ठीक होने की संभावना उतनी ही ज्यादा हो जाती है।
इसे भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में दृष्टि धामी ने भारी डंबल्स के साथ किया वर्कआउट, डॉक्टर से जानें क्या ऐसा करना है सेफ?
थैलेसीमिया का इलाज क्या है?- What is the Treatment for Thalassemia?
डॉक्टर का कहना है कि थैलेसीमिया का इलाज मरीज की स्थिति और यह बीमारी किस स्टेज पर इस पर निर्भर करती है। शुरुआती दौर में थैलेसीमिया होने पर सप्ताह में 2 से 3 बार मरीज को खून चढ़ाना पड़ सकता है। इसके अलावा थैलेसीमिया के मरीज को आयरन केलेशन थेरेपी दी जाती है। साथ ही फोलिक एसिड की खुराक भी मरीज को दी जाती है, ताकि शरीर में स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का निर्माण हो सके। वहीं, कुछ गंभीर मामलों में थैलेसीमिया के मरीजों को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
All Image Credit: Instagram
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version