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अल्फा थैलेसीमिया होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, जानें इसके कारण भी

अल्फा थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्त विकार है। आगे जानते हैं अल्फा थैलेसीमिया के क्या कारण होते हैं?   
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अल्फा थैलेसीमिया होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, जानें इसके कारण भी


लोगों को रक्त संबंधी कई विकार हो सकते हैं। इसमें अल्फा थैलेसीमिया को भी शामिल किया जाता है। यह एक आनुवांशिक डिसऑर्डर है। इस विकार में शरीर पर्याप्त मात्रा में अल्फा ग्लोबिन का निर्माण नहीं कर पाता है। अल्फा ग्लोबिन हिमोग्लोबिन का एक बिल्डिंग ब्लॉक होता है। ब्लड के रेड ब्लड सेल्स में पाए जाने वाला हिमोग्लोबिन ऑक्सीजन को शरीर के अंगों तक पहुंचाने का कार्य करता है। अल्फा ग्लोबिन की कमी होने पर व्यक्ति को एनीमिया हो सकता है। इसकी वजह से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। आगे नारायण अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि अल्फा थैलेसीमिया के क्या कारण होते हैं। 

अल्फा थैलेसीमिया के कारण - Causes  Of Alpha Thalassemia in Hindi

अल्फा थैलेसीमिया व्यक्ति के जीन्स (या निर्देशों) में बदलाव के कारण हो सकते हैं। जीन्स ही अल्फा ग्लोबिन को नियंत्रित करने में सहायक होत हैं। हीमोग्लोबिन दो अल्फा ग्लोबिन और दो बीटा ग्लोबिन से बने होते हैं। अल्फा थैलेसीमिया में, जीन म्यूटेशन की वजह से शरीर में बीटा ग्लोबिन की तुलना में अल्फा ग्लोबिन का कम निर्माण होता है। अल्फा और बीटा ग्लोबिन के संतुलन में आए बदलाव एनीमिया का कारण बन सकता है। 

यह एक अनुवांशिक विकार है। दरअसल, लोगों को अल्फा ग्लोबिन और बीटा ग्लोबिन बनाने वाले जीन माता-पिता से अनुवांशिक रूप से मिलते हैं। लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर अल्फा ग्लोबिन और बीटा ग्लोबिन मिलकर हीमोग्लोबिन बनाते हैं। बच्चे को माता-पिता से अल्फा ग्लोबिन बनाने वाले जीन मिलते हैं। 

alpha thalsemmia symptoms

अल्फा थैलेसीमिया के लक्षण - Symptoms Of Alpha Thalassemia in Hindi

जिन लोगों को अल्फा थैलेसीमिया होता है उनको कई लक्षण महसूस हो सकते हैं। जबकि, कई लोगों को इस समस्या में किस तरह के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। सीडीसी के अनुसार अल्फा थैलेसीमिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इस विकार में लोगों को एनीमिया हो सकता है। 

अल्फा थैलेसीमिया या हीमोग्लोबिन एच रोग वाले बच्चों में महसूस होने वाले लक्षण आगे बताए गए हैं। 

  • अत्यधिक थकान होना
  • त्वचा में पीलापन
  • सांस लेने में कठिनाई
  • दिल की धड़कने तेज होना
  • पीलिया होना
  • चिड़चिड़ापन
  • शारीरिक विकास में देरी होना, आदि। 

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यह रक्त से संबंधित विकार है। इसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। इस विकार के लक्षणों को कम करने के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। साथ ही, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। इसके साथ ही, डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करें। 

 

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