
Prevention Tips Of Ear Infection In Children In Hindi: कान का संक्रमण बचपन की एक आम समस्या है, जो हर साल लाखों बच्चों को प्रभावित करती है। बार-बार होने वाला कान का संक्रमण न केवल बच्चों के लिए बल्कि माता-पिता के लिए भी चिंता का विषय हो सकता है। बार-बार कान का इंफेक्शन अभिभावकों को परेशानी में डाल सकता है। कई बार तो बच्चे इतने छोटे होते हैं कि वह अपनी परेशानी के बारे में भी नहीं बता पाते हैं। लेकिन बार-बार होने वाले कान के इंफेक्शन को घरेलू उपयों से भी ठीक किया जा सकता है। आग जानते हैं कि बच्चों को बार-बार कान में होने वाले इंफेक्शन को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए।
बच्चों को बार-बार कान में इंफेक्शन से बचाव के लिए उपाय - Tips To Prevent Recurring Ear Infection In Children In Hindi
स्वच्छता की आदत को बनाएं
कान में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अपने बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने का महत्व सिखाएं, खासकर भोजन से पहले और बाथरूम का उपयोग करने के बाद। हाथों को साफ रखने से कानों में हानिकारक बैक्टीरिया के प्रवेश के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है, जिससे संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।

एलर्जी को मैनेज करें
एलर्जी बच्चे के नाक के मार्ग और यूस्टेशियन ट्यूब में सूजन और जमाव पैदा करके कान के संक्रमण को बढ़ा सकती है। ऐसे में आप बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। इंफेक्शन से बचने के लिए आप नियमित रूप से सफाई करें। इसके अलावा, जिस बिस्तर में बच्चा सोता हो उसे भी साफ करें। इससे एलर्जी से बचाव होता है।
नहाने के बाद कान के पानी को साफ करें
नहाने और तैराकी के बाद कानों के पानी को जरूरत साफ करें। इससे कान के संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिलती है। यदि कान में पानी रह जाए तो अत्यधिक नमी बैक्टीरिया के पनपने का कारण बन सकती है। अपने बच्चे के कानों को धीरे से सुखाने के लिए एक मुलायम तौलिये का उपयोग करें।
स्तनपान और उचित बोतल से दूध पिलाने की तकनीक
स्तनपान को शिशुओं के लिए फायदेमंद बताया जाता है, जिसमें कान के संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। स्तन के दूध में एंटीबॉडीज होते हैं जो बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन बच्चा बोतल से दूध पीता है, तो बोतल से दूध पिलाते समय कुछ बातों का ध्यान दें, जैसे कि दूध पिलाते समय बच्चे को सीधी स्थिति में पकड़ना। यह दूध को यूस्टेशियन ट्यूब में प्रवेश करने से रोक सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
बच्चे के रूम में सिगरेट न पिएं
बच्चों में कान के संक्रमण के लिए सिगरेट का धुआं जोखिम कारक बन सकता है। धुएं में मौजूद रसायन यूस्टेशियन ट्यूबों में जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे वे इंफेक्शन के लिए संवेदनशील हो जाते हैं। घर के अंदर धूम्रपान करने से बचें और परिवार के सदस्यों को धूम्रपान छोड़ने के लिए कहें।
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बच्चों को बार-बार होने वाले कान में इंफेक्शन को रोकने के लिए आप ऊपर बताई आदतों को अपना सकते हैं। छोटे बच्चा कान की तरफ इशारा करके रो रहा हो, तो उसके संकेतों को समझें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चे के इंफेक्शन को कम करने के लिए डॉक्टर से अवश्य मिलें।
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