Tips For Becoming Pregnant Second Time In Hindi: मां बनने का सपना हर महिला का होता है। इसके लिए, वह हर संभव प्रयास करती है। हालांकि, मौजूदा समय में खराब जीवनशैली के कारण कई महिलाओं को कंसीव करने में परेशानी होती है। इसलिए जरूरत पड़ने पर वह सरोगेसी और आईवीएफ जैसी तकनीक अपनाती है। वहीं, कुछ महिलांए सहजता से कंसीव कर लेती हैं। इसलिए, पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरी प्रेग्नेंसी की चाह रखती हैं। लेकिन, कभी-कभी सेकेंड प्रेग्नेंसी में पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में ज्यादा चुनौतियां आ जाती हैं। अगर आप भी उन महिलाओं में हैं, जो दूसरी बार मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं, तो इसके लिए जरूरी बातों पर अमल करें। हम आपको दे रहे हैं सेकेंड प्रेग्नेंसी से जुड़े टिप्स।
दूसरी बार मां बनने के लिए अपनाएं ये टिप्स- Tips For Becoming Pregnant Second Time In Hindi
करवाएं प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप
आमतौर पर महिलाएं सेकेंड प्रेग्नेंसी, पहले बच्चे से दो-तीन साल की उम्र के बाद प्लानिंग करती हैं। यह समय सही भी है। लेकिन, इस बीच महिला की सेहत में कई तरह के बदलाव हो जाते हैं। जैसे, वजन बढ़ना, उम्र का ज्यादा हो जाना या पहली प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की कॉप्लीकेशन होना। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को डायबिटीज या थायराइड जैसी बीमारी भी हो जाती है। इसलिए, जरूरी है कि जब भी आप सेकेंड प्रेग्नेंसी की तैयारी करें, तो प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप जरूर करवाएं। इससे आपको पता चलेगा कि आपकी बॉडी प्रेग्नेंसी के लिए तैयार है या नहीं।
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खानपान की आदत में सुधार करें
अगर आप सेकेंड प्रेग्नेंसी की तैयारी कर रही हैं, तो आप निश्चित रूप से यह जानती होंगी कि इसमें सही खानपान का बहुत बड़ा योगदान होता है। पोषक तत्वों से भरपूर खानपान की मदद से आपकी सेहत में सुधार होता है और फर्टिलिटी भी बढ़ती है। इस तरह, कंसीव करने में भी मदद मिल सकती है। यही नहीं, सही खानपान की बदौलत प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक चुनौतियों में भी कमी आती है।
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फॉलिक एसिड लें
फॉलिक एसिड विटामिन-बी को कहा जाता है। हर प्रेग्नेंट महिला को फॉलिक एसिड दिया जाता है, ताकि उनके बच्चे की मेंटल-फिजिकल ग्रोथ सही तरह से हो। इससे गर्भ में पल रहे शिशु में स्पाइन या ब्रेन से जुड़ी बीमारी होने का रिस्क भी कम हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रेग्नेंसी के तीन महीने पहले से ही इस सप्लीमेंट को लेना शुरू करना होता है। हालांकि, इस संबंध में आपको डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
कंसीव करने के लिए बहुत जरूरी है कि महिलाओं का वजन संतुलित रहे। दरअसल, बढ़ते वजन के कारण कई महिलाओं को हार्मोनल अंसतुलन का सामना करना पड़ता है। इससे पीरियड्स अनियिमत होते हैं और कंसीव करने की संभावना घट जाती है। वहीं, अगर महिला नियमित रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय रहे यानी रेगुलर एक्सरसाइज करे, तो इससे हेल्थ में सुधार होता है और कंसीव करने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
ओवूलेशन पीरियड को ट्रैक करें
अगर आप सेकेंड प्रेग्नेंसी की तैयारी कर रही हैं, तो अपने ओवूलेशन पीरियड को ट्रैक करें। इससे कंसीव करने की संभावना का स्तर बढ़ जाता है।
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