
ओवुलेशन एक किस्म की प्रक्रिया है, जिसके तहत महिला के अंडाशय से अंडे रिलीज होते हैं और बाहर निकल फैलोपियन ट्यूब में चले जाते हैं। इस जगह पहुंचकर पुरुष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइजेशन की क्रिया पूरी होती है। सामान्यतः माना जाता है कि ओवुलेशन 28 दिनों के मासिकधर्म के चक्र में 14वें दिन के आसपास होता है। हालांकि यह भी है कि हर महिला का पीरियड साइकिल 28 दिनों का नहीं होता है। इसलिए हर महिला में अलग-अलग समय में ओवुलेशन हो सकता है। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि अगर किसी महिला का मासिक चक्र का साइकिल 21 दिन का होता है, तो 7वें दिन ओव्लेट कर सकती है। सवाल है ओवुलेशन के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान क्यों रखा जाना चाहिए? दरअसल, कुछ महिलाओं को इस दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है। कुछ महिलाओं में यह दर्द दो दिनों तक रहता है तो कुछ महिलाओं को कुछ ही देर बाद दर्द खत्म हो जाता है। इसके साथ ही महिलाओं में अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं। इस तरह देखा जाए, तो महिलाओं को ओवुलेशन के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ओवुलेशन के लक्षण
ओवुलेशन के दौरान महिलाओं में ऐसे लक्षण दिखाई दे जाते हैं, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि वह ओवुलेशन प्रक्रिया से गुजर रही है। इन लक्षणों में शामिल है, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना या ऐंठन महसूस करना, सेक्स की तीव्र इच्छा होना, योनि में सूजन, शरीर का तापमान कम-ज्यादा होना, सिरदर्द होना और कभी-कभी जी मिचलाना।
इसे भी पढ़ें : Ovulation: ओवुलेशन क्या है? जानें पीरियड्स और प्रेग्नेंसी इससे कैसे जुड़े हैं
कैसे रखें अपना ख्याल
स्वस्थ वसा और विटामिन बी6 लें : इस दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर काफी ज्यादा होता है, जिस वजह से महिलाओं को लिवर को सपोर्ट करने वाली खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर से सभी तरह के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकते हैं, जो हार्मोन के स्तर को प्रभावित करते हैं। एंटी इंफ्लेमेटरी फूड जैसे जामुन, डार्क चॉकलेट, सब्जियां, वसायुक्त मछली, लहसुन और बादाम को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ध्यान रखें कि ओवुलेशन वह चक्र है जब महिलाएं सबसे ज्यादा फर्टाल होती हैं। इसलिए अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो अपनी डाइट में ऐसी सब्जियां भी शामिल कर सकती हैं, जो गर्भधारण में सहायक हों, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, मटर, राजमा आदि।
इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में आ रही है परेशानी तो इन नैचुरल तरीकों से बढ़ाएं ओव्युलेशन
पर्याप्त आराम करें : ओवुलेशन के दौरान महिलाओं को हल्का-फुल्का का दर्द का अहसास हो सकता है। यह स्थिति महिलाओं को असहज कर सकती है। असहजता के कारण महिलाएं अच्छी तरह आराम नहीं कर पाती हैं। आपको चाहिए कि इन दिनों अच्छी तरह आराम करें। संभव हो तो रात के समय 7-8 घंटे की नींद लें। दिन के समय भी कुछ देर के लिए सो लेना आपके स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है।
इसे भी पढ़ें : ओवुलेशन के बाद प्रेग्नेंसी के लक्षण: जानें शरीर में कौन से बदलाव देते हैं प्रेग्नेंट होने का संकेत
एक्सरसाइज करें : ओवुलेशन साइकिल लगभग तीन से पांच दिन तक चलता है। ओवुलेशन प्रक्रिया में अंडाशय से अंडे निकलकते हैं, जो कि जो ल्यूटिनिजिंग हार्मोन के उच्च स्तर से ट्रिगर होता है। इस दौरान अंडा अंडाशय से निकलकर फैलोपियन ट्यूब में पहुंचता है। अगर यहां 24 घंटों के अंदर अंडे को निषेचित न किया जए, तो यह नष्ट हो जाता है। अगर इस दौरान आपको दर्दनाक सूजन का अनुभव हो, तो व्यायाम करने से पहले एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए। अगर ऐसी स्थिति न हो, तो आप रनिंग, वॉकिंग जैसी एक्सरसाइज कर सकती हैं। इससे आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
धूम्रपान या शराब न पिएं : हेल्दी डाइट के साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान आपको ऐसी आदतों को छोड़ देना चाहिए, जो स्वास्थ्य को खराब कर सकती है। इसमें धूम्रपान और शराब पीना मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके साथ ही अगर आपको किसी अन्य तरह के नशे की आतद है, तो उसे भी छोड़ दें।
एक्सपर्ट से करें बात : कई बार ओवुलेशन के दौरान हो रहे दर्द को महिलाएं नजरंदाज कर देती है। जबकि ऐसा किया जाना सही नहीं है। अगर आपको दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है, तो ऐसे में जरूरी है कि आप एक्सपर्ट से बात करें। आपकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टर आपको सही ट्रीटमेंट देंगे। अगर जरूरी हुआ तो वे आपको कुछ टेस्ट बोल सकते हैं, जिससे पता चलता है कि आपके पेट में हो रहे दर्द की असल वजह क्या है।
image credit : freepik