What To Do After A Heart Attack Within 90 Days In Hindi: हार्ट अटैक आने के बाद अक्सर लोग डर जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब उनके पास ज्यादा समय नहीं रह गया है। अगर स्वास्थ्य के साथ जरा भी लापरवाही की तो उनकी जान जा सकती है। हालांकि, यह सही है कि हार्ट अटैक जानलेवा हो सकती है। यही कारण है कि डॉक्टर हमेशा दिल को स्वस्थ रखने की सलाह देते हैं। इसके लिए सही लाइफस्टाइल और डाइट को फॉलो करने के लिए कहते हैं। इसके अलावा, अपने वजन को नियंत्रण में रखने की सलाह भी देते हैं ताकि कोई बीमारी न हो। हार्ट से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ा देती है। वहीं, अगर किसी को पहले भी हार्ट अटैक आ हो, तो वह काफी कमजोर हो जाता है। उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और दोबारा हार्ट अटैक आने का जोखिम (heart attack aane ke bad kya karna chahie) भी बढ़ जाता है। इस तरह के रिस्क को कम करने के लिए आवश्यक है कि हार्ट अटैक आने के बाद व्यक्ति शुरुआती 90 दिनों तक अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। ऐसा वे कैसे कर सकते हैं, जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
हार्ट अटैक के बाद शुरुआती 90 दिनों तक क्या करें- What To Do After A Heart Attack Within 90 Days In Hindi
बचाव पर ध्यान दें
एक बार हार्ट अटैक आने के बाद किसी भी तरह से स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न करें। यह बिल्कुल सही नहीं है। इसके बजाय, बचाव पर पूरा फोकस करें। heart.org की मानें, तो तकरीबन एक चौथाई मरीज हार्ट अटैक से रिकवरी के बाद करीब 90 दिनों में दोबारा अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं। लीलावती अस्पताल में Cardiologist डॉ. विद्या सूरतकल के अनुसार, "हार्ट अटैक के इलाज के बाद मरीज की बॉडी बहुत सेंसिटिव हो जाती है। उसके बीमार होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर 90 दिनों के अंदर किसी को दूसरी बार हार्ट अटैक आता है, तो अगले 5 साल में उनके मरने का लगभग 50 फीसदी रिस्क भी बढ़ जाता है। इसलिए बचाव के प्रति जरा भी लापरवाही न करें।"
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दवाई समय पर लें
डॉ. विद्या सूरतकल कहती हैं, "हार्ट अटैक के बाद जब आप अस्पताल से डिसचार्ज हो जाते हैं, तो डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं पर जरा भी लापरवाही न करें। कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं, जिन्हें समय से लेने पर हार्ट अटैक का रिस्क कम किया जा सकता है। यही कारण है कि आपको दवाइयों का महत्व पता होना चाहिए और उन्हें समयानुसार लेना चाहिए।"
नियमित चेकअप करवाएं
एक बार हार्ट अटैक आने के बाद अपनी सेहत को लेकर लापरवाही करना जानलेवा साबित हो सकता है। डॉ. विद्या सूरतकल सलाह देती हैं, "आपको चाहिए कि नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकअप करवाएं। इससे आपकी हेल्थ कंडीशन पर नजर रखी जा सकती है। इसके अलावा, रिकवरी दर भी बढ़ जाती है।"
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रिस्क फैक्टर को मैनेज करें
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को चाहिए कि वे अपने रिस्क फैक्टर्स पर नजर रखें। क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर क्या है? डॉ. विद्या सूरतकल बताती हैं, "हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में शामिल हैं। हार्ट अटैक आने के अगले 90 दिनों तक आप यह ध्यान रखें कि ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने नहीं देंगे और ब्लड प्रेशर पर भी पूरी नजर रखें। इस तरह, अपने रिस्क फैक्टर को मैनेज कर आप अगले हार्ट अटैक के रिस्क को कम कर सकते हैं।"
जरूरी प्रोग्राम में हिस्सा लें
कार्डियक रिहैबिलियशन जैसे कई प्रोग्राम अलग-अलग संस्थानों द्वारा चलाए जाते हैं। इसमें हार्ट अटैक के बाद खुद की हेल्प कैसे की जाए या अपने प्रियजनों को हार्ट अटैक के रिस्क से कैसे दूर रखा जाए। इस तरह की जरूरी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा, कई ऐसे प्रोग्राम भी होते हैं, जो स्वस्थ जीवन के लिए मोटिवेट करते हैं। हार्ट के मरीजों को हार्ट अटैक आने के अगले 90 दिनों तक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने के लिए मोटिवेट किया जाता है।
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दूसरों की मदद लें
हार्ट अटैक के मरीजों को दूसरों से मदद लेने में जरा भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। विशेषकर हार्ट अटैक के बाद अगले 90 दिनों तक। खासकर, आप उन लोगों की मदद जरूर लें, जो आपकी ही तरह हार्ट अटैक से गुजरे हों। उनके अनुभवों को जानें-समझें। इसके साथ ही उन्होंने अपनी केयर कैसे की, इस बारे में भी जानकारी लें। इस तरह, आप हार्ट अटैक के रिस्क को कम कर सकेंगे और रिकवरी दर को बढ़ा सकेंगे।
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