अस्थमा का पता लगाने के लिए कौन-से टेस्ट किए जाते हैं? जानें

Asthma ki Janch Kaise Hoti Hai: धूल, कण, प्रदूषण, जानवरों के बाल आदि अस्थमा के मुख्य कारण माने जाते हैं। अस्थमा का इलाज तभी संभव है, जब इसका समय पर निदान कर लिया जाए। अस्थमा का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।  
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अस्थमा का पता लगाने के लिए कौन-से टेस्ट किए जाते हैं? जानें


Tests to Detect Asthma in Hindi: अस्थमा एक सामान्य श्वसन रोग है। यह एक दीर्घकालिक बीमारी है, जो फेफड़ों के वायुमार्ग को प्रभावित करती है। इसमें वायुमार्ग में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से यह संकीर्ण हो जाता है। इससे सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा रोगियों को घरघराहट, सांस फूलना, सीने में जकड़न, बलगम और खांसी जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। धूल, कण, प्रदूषण, जानवरों के बाल आदि अस्थमा के मुख्य कारण माने जाते हैं। अस्थमा का इलाज तभी संभव है, जब इसका समय पर निदान कर लिया जाए। अस्थमा का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

अस्थमा के लिए कौन-सा टेस्ट होता है?- Tests to Diagnose Asthma in Hindi

1. FEV1 और पीएफटी टेस्ट

अस्थमा की जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले FEV1 (फोर्स्ड एक्सपिरेटरी वॉल्यूम) और पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) करवाने की सलाह दे सकते हैं। ये टेस्ट श्वसन नलिकाओं के कार्य को मापते हैं। इससे पता चलता है कि फेफड़े कितनी अच्छी तरह से हवा का आदान-प्रदान कर रहे हैं। यानी फेफड़े हवा अंदर लेने और बाहर छोड़ने में कितनी मदद कर रहे हैं। इस टेस्ट की रिपोर्ट देखकर डॉक्टर फेफड़ों की स्थिति का पता लगा सकते हैं।

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2. पीक फ्लो मीटर टेस्ट

इस टेस्ट को घर पर ही आसानी से किया जा सकता है। इस टेस्ट में व्यक्ति को एक विशेष यंत्र से तेजी से हवा बाहर निकालने को कहा जाता है। जब वायुमार्ग में सूजन होती है, तो इस स्थिति में बाहर निकलने वाले हवा की गति कम हो सकती है। यानी पीक फ्लो मीटर टेस्ट के माध्यम से वायुमार्ग के संकुचन और सूजन के बारे में पता लगाया जा सकता है।

3. एक्स-रे

अस्थमा का पता लगाने के लिए डॉक्टर फेफड़ों का एक्स-रे करवाने की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट उन मामलों में करवाया जाता है, जब लक्षण गंभीर होते हैं। वहीं, एक्स-रे की मदद से वायुमार्ग के सूजन और संकुचन का भी पता लगाया जा सकता है। इससे पता चल सकता है कि फेफड़ों में सिकुड़न कितनी है।

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4. स्पिरोमेट्री टेस्ट

अस्थमा के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर सबसे पहले स्पिरोमेट्री टेस्ट करवाते हैं। इसके बाद इनहेलर का इस्तेमाल किया जाता है और दोबारा से स्पिरोमेट्री टेस्ट करवाया जाता है। अगर इनहेलर का इस्तेमाल करने के बाद सांस लने में आसानी होती है, तो इसे अस्थमा का संकेत समझा जा सकता है। इस टेस्ट में फेफड़ों की कार्य क्षमता या ताकत को मापा जाता है।
अस्थमा का निदान करने के लिए कई तरह के टेस्ट करवाए जाते हैं। इनमें फेफड़ों की कार्यक्षमता को मापा जाता है। टेस्ट में देखा जाता है कि वायुमार्ग में सूजन है या नहीं। अस्थमा रोग गंभीर हो सकता है, इसलिए समय पर निदान और इलाज बेहद जरूरी है। अस्थमा के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।

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