दुनियाभर के लोगों में हार्ट से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी है। इसके पीछे हमारी खराब लाइफस्टाइल और डाइट एक बड़ा कारण मानी जा सकती है। लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से हाई बीपी और डायबिटीज की समस्या लोगों में आम रोग बनता जा रहा है। लेकिन, इसकी वजह से लोगों को हार्ट संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टर के अनुसार यदि समय रहते शरीर में होने वाले बदलावों की पहचान की जाए, तो इससे हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर के खतरे से बचा जा सकता है। हार्ट रोग शुरू होने पर व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। आगे नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के कार्डिएक सर्जन व सीनियर कंसल्टेंट डॉ देबासिस दास से जानते हैं हार्ट रोग की पहचान के लिए कौन से टेस्ट आवश्यक होते हैं।
हार्ट की बीमारी की जांच के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं? - Test For Early Detection Of Heart Diseases In Hindi
हार्ट रोग होने पर व्यक्ति को हल्के काम करने पर ही ज्यादा थकान महसूस होने लगती है। इसके अलावा, सांस लेने में परेशानी, हार्ट का तेजी से धड़कना, चक्कर आना, उल्टी आदि कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत डॉक्टर की सलाह पर हार्ट संबंधी रोग की पहचान के लिए टेस्ट करा सकते हैं। आगे जानते हैं इन टेस्ट के बारे में।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी)
हार्ट के रोग की पहचान के लिए ईसीजी टेस्ट किया जा सकता है। इसमें व्यक्ति को किसी तरह का दर्द नहीं होता है। इस टेस्ट में हृदय के इलेक्टिक सिग्नल को रिकॉर्ड किया जाता है। इससे हार्ट बीट का तेजी या कम होने का पता लगाया जा सकता है।
इकोकार्डियोग्राम
इस टेस्ट में हार्ट के फंक्शन की जांच के लिए ध्वनि तंरगों का उपयोग किया जाता है। हार्ट और हार्ट के वाल्वों के माध्यम से रक्त के फ्लो की जांच इस टेस्ट से की जा सकती है। इकोकार्डियोग्राम से हार्ट के वाल्व का सिकुड़ना और लीक होने तक की पहचान की जा सकती है।
एक्सरसाइज टेस्ट और स्ट्रेस टेस्ट
इस टेस्ट में एक्सरसाइज या ट्रेडमिल पर चलते समय हार्ट की एक्टिविटी की जांच की जाती है। इससे यह पता लगाया जाता है कि शारीरिक गतिविधियों के दौरान हार्ट किस तरह से प्रतिक्रिया कर रहा है।
होल्टर मॉनिटरिंग
होल्टर मॉनिटर एक पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस है, जिसे रोजाना की गतिविधियों के दौरान हार्ट एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए एक दिन या उससे अधिक समय तक पहना जाता है। इस टेस्ट से दिल की धड़कनों का अनियमित होने का पता लगाया जा सकता है, जो नॉर्मल ईसीजी टेस्ट से पता नहीं चलता है।
हार्ट सीटी स्कैन
कार्डियक सीटी स्कैन में, आप डोनट के आकार की मशीन के अंदर एक टेबल पर लेटते हैं। मशीन के अंदर एक एक्स-रे ट्यूब आपके शरीर के चारों ओर घूमती है और आपके हृदय और छाती की फोटो को इकट्ठा करती हैं।
अन्य जरूरी टेस्ट
- कार्डिक कैथीराजइजेशन - इसमें नसों की ब्लॉकेज को देखा जा सकता है।
- मैग्नैटिक एमआरआई - कार्डियक एमआरआई हृदय की विस्तृत फोटो बनाने के लिए एक मैग्नेटिक एरिया और कंप्यूटर से बनी रेडियो तरंगों का उपयोग करता है।
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हार्ट रोग की समय पर पहचान करने के लिए आप ऊपर बताए गए टेस्ट को करवा सकते हैं। इन टेस्ट की मदद से हार्ट की समस्याओं की पहचान कर उनका समय से इलाज शुरू किया जा सकता है।
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