पिछले कुछ दिनों से टीवी एक्ट्रेस निशा रावल (Nisha Rawal) का उनके पति करण मेहरा (Karan Mehra) से झगड़ा काफी चर्चा में है। दोनों ने एक-दूसरे पर ढेर सारे आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं, जिसके बाद एक खुलासा यह हुआ कि निशा रावल बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder) का शिकार हैं। उनके पति करण मेहरा ने उनपर मारपीट करने और बिना कारण हिंसक हो जाने के आरोप लगाए हैं। निशा ने भी इस पर एक वीडियो रिलीज कर ये बताया कि वो इस बात के लिए शर्मिंदा नहीं हैं कि वो बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार हैं। उन्होंने बताया कि ये डिसऑर्डर कोई पागलपन नहीं है।
बाइपोलर डिसऑर्डर एक प्रकार की मानसिक समस्या है, जिसका इलाज संभव है। इस बीमारी से उबरने में नजदीकी दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार का सहयोग बहुत जरूरी होता है। अगर आपका कोई जानने वाला भी बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार है, तो जानें उसकी देखभाल आप कैसे कर सकते हैं।
बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder), ये एक ऐसा मानसिक रोग है जो पीड़ित व्यक्ति के मूड को प्रभावित करता है। इस स्थिति में पीड़ित के बर्ताव और मूड में उतार-चढ़ाव होता रहता है। ऐसे में व्यक्ति बहुत अधिक और अतिसक्रिय महसूस कर रहा होता है, जो एक अवसाद की अवधि के बाद हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज दवाओं और मनोचिकित्सक द्वारा किया जाता है, लेकिन साथ ही पीड़ित की जीवनशैली और परिवार को कई बदलाव करने की जरूरत होती है।
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एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder) से पीड़ित लोगों को खास देखभाल और प्यार की जरूरत होती है, जिसकी मदद से उन्हें जल्द स्वस्थ किया जा सकता है। इसके साथ ही एक्सपर्ट कहते हैं कि भले ही आपके दिल में उनके सबसे अच्छे इरादे हों, वे देखभाल का विरोध कर सकते हैं, या तो क्योंकि वे महसूस नहीं करते कि वे बीमार हैं, इसके अलावा उन्हें आपसे शर्म महसूस भी हो सकती है कि आप उनकी देखभाल क्यों कर रहे हैं। लेकिन मरीज को ठीक करने के लिए उनके करीबियों को बहुत समझौते करने की जरूरत होती है और उनके अवसाद की स्थिति को कम करना होता है। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि आप बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder)से पीड़ित लोगों को कैसे समझा सकते हैं और उनकी देखभाल कैसे कर सकते हैं।
कैसे करें बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीज की देखभाल
उनके अनुभवों पर बात करें
आमतौर पर बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder) से पीड़ित लोग अपने अनुभव और अपनी पर्सनल के बारे में किसी से या अपने करीबी से भी बात करने में शर्मिंदा महसूस करते हैं या उन्हें ये सब किसी के साथ साझा करना पसंद नहीं होता। जिसके कारण वो बहुत ज्यादा तनाव की स्थिति में रहने लगते हैं। लेकिन अगर आप मरीज के करीबी है तो आप उनसे बात करते हुए उनसे अपने अनुभवों के बारे में पूछें और उनके अनुभवों को समझने की कोशिश कर उन्हें समझाने की कोशिश करें। इसके साथ सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप उन्हें सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करें। आप मरीज के दिल में अपने लिए भरोसा बनाए जिससे कि आगे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी हो तो वो आपसे साझा जरूर करें।
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मरीज की गतिविधियों पर नजर बनाएं रखें
प्रियजन के चेतावनी संकेतों और ट्रिगर को सीखने में मदद कर सकता है। आप अगर मरीज के कुछ व्यवहारों को नोटिस करते हैं जो सामान्य नहीं हैं तो आप उन्हें धीरे से बता सकते हैं। आप उनकी बढ़ी हुई ऊर्जा, नींद में कमी और सामान्य से अधिक पैसा खर्च करने जैसी चीजों पर जरूर नजर बनाएं रखें।
चुनौतीपूर्ण व्यवहार पर बात करें
कई बार बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder) में मरीज चुनौतीपूर्ण और नकारात्मक बातें करने लगता है, आप उन चीजों को नोटिस तो कर लेते हैं लेकिन आप उनसे इस बारे में चर्चा करने से बचते हैं। जबकि आपको कुछ समय बाद इस विषय पर उनसे चर्चा कर उन्हें समझा सकते हैं। कई बार आपको उनका व्यवहार असभ्य या आक्रामक भी लग सकता हैं।
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अपना ख्याल भी जरूर रखें
जब आप किसी मानसिक रोगी के साथ उनका देखभाल करने की कोशिश करते हैं और लंबे समय तक आप उनके साथ रहते हैं तो आपके मानसिक पर भी कुछ बुरे प्रभाव पड़ते हैं। इसलिए आखिरी में जरूरी होता है कि आप अपने आपको भी तनावमुक्त रखते हुए अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखने का काम करें।
बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक रोग की स्थिति है जिसमें मरीज के मूड और व्यवहार में उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसके लक्षण दिखाई देते ही आपको तुरंत संबंधित डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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