
मौजूदा दौर की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग अवसाद (Depression) का शिकार हो जाते हैं। अवसाद कई बार कम वक्त के लिए ही होता है लेकिन कभी-कभी स्थिति बिगड़ जाती है और अवसाद भयानक रूप ले लेता है। जब कोई व्यक्ति अवसाद (Depression) से पीड़ित होता है, तो उस व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन और कामकाज में बाधा पहुंचती है, जिसके कारण उस बहुत से लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। अधिकतर मामलों में अवसाद से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज भी इलाज से बेहतर हो सकते हैं । इस रोग से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए अनेक औषधियां, साइकोथेरेपी और अन्य तरीके ईजाद हुए हैं । अवसाद रोग का कोई एक ज्ञात कारण नहीं है। फिर भी अवसाद के कारणों (Depression Causes) में आनुवंशिकता, बायोकेमिकल, वातावरण और मनोवैज्ञानिक संबंधी मिश्रित घटकों का समावेश होता है। अनेक शोधों के अनुसार अवसाद (Depression) से संबंधित बीमारियाँ मस्तिष्क के विकार हैं।
एमआरआई से जांचे आप शिकार हैं या नहीं
एम-आर-आई जैसी मस्तिष्क को जांचने की तकनीक यह बताती है कि अवसाद और तनाव से पीड़ित लोगों के दिमाग उन लोगों से अलग होते हैं, जो इस बीमारी से पीड़ित नहीं होते हैं। मस्तिष्क का वह हिस्सा, जो मनोदशा, विचार, निंद्रा, भूख और व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए ज़िम्मेदार होता है, असामान्य तरीके से काम करता हुआ प्रतीत होता है।
इसके अलावा मस्तिष्क की कोशिकाएं जिन आवश्यक न्यूरो ट्रांसमीटर केमिकल का उपयोग संवाद के लिए करती हैं, वे असंतुलित पाए जाते हैं। लेकिन ये तस्वीरें यह नहीं बताती हैं कि अवसाद क्यों उत्पन्न हुआ है।
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अवसाद के कारण
अवसाद के कुछ प्रकारों में परिवार में बसने की प्रवृर्ति पाई जाती है, जिससे कि इस रोग को आनुवंशिकता से भी जोड़ा जा सकता है। हालांकि अवसाद के शिकार वे लोग भी बन सकते हैं, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य अवसाद से पीड़ित नहीं है।
आनुवांशिकता पर हुए शोध इस बात का इशारा करते हैं कि आनुवंशिकता अन्य घटकों के साथ जुडकर अवसाद के खतरे को और अधिक बढ़ा देते हैं।
अभी तक ये स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सका है कि अवसाद किस वजह से होता है, मगर माना जाता है कि इसमें कई चीज़ों की अहम भूमिका होती है। जिंदगी में कई ऐसे पड़ाव आते हैं जैसे मानसिक आघात, कटु अनुभव, सदमा, किसी करीबी रिश्तेदार की मृत्यु, एक तनावयुक्त संबंध, या कोई भी तनावदायक स्थिति अवसाद का कारण बन सकते हैं। ऐसी स्थिति में भविष्य में अवसाद के दौरे बिना किसी कारणों से भी हो सकते हैं।
इनके साथ ही अगर आपके मन में हर समय कुछ बुरा होने की आशंका रहती है तो इससे भी अवसाद में जाने का ख़तरा रहता है। कुछ मेडिकल कारणों से भी लोगों को अवसाद होता है, जिनमें एक है थायरॉयड की कम सक्रियता होना। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स में भी अवसाद हो सकता है। इनमें ब्लड प्रेशर कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं शामिल हैं।
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अवसाद के लक्षण
मूड बदलना
सामान्य उदासी इसमें नहीं आती लेकिन किसी भी काम या चीज में मन न लगना, कोई रुचि न होना, किसी बात से कोई खुशी न होनी, यहां तक गम का भी अहसास न होना अवसाद का लक्ष्ण है।
नकारात्मक विचार
हर समय नकारात्मक सोच होना। हमेशा हीन भावना से ग्रस्त होना अवसाद का मुख्य कारण हो सकता है।
शारीरिक बदलाव
जैसे नींद न आना या बहुत नींद आना। रात को दो-तीन बजे नींद का खुलना और अगर यह दो सप्ताह से अधिक चले तो अवसाद की निशानी है।
इतना ही नहीं अवसाद बिना किसी एक खास कारण के भी हो सकता है। ये धीरे-धीरे घर कर लेता है और बजाए मदद की कोशिश के आप उसी से संघर्ष करते रहते हैं।
दिमाग के रसायन अवसाद की हालत में किस तरह की भूमिका अदा करते हैं अभी तक ये भी पूरी तरह नहीं समझा जा सका है। मगर ज्यादातर विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि ये सिर्फ दिमाग में किसी तरह के असंतुलन की वजह से ही नहीं होता।
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