Tachycardia Symptoms and Treatment: दिल की धड़कनों का तेज होना, ब्लड प्रेशर का बढ़ना शारीरिक परेशानियों से जुड़ा हुआ हो सकता है। 1 या 2 बार इस तरह की समस्या हो तो इसे इग्नोर किया जा सकता है, लेकिन हर बार इसे नजरअंदाज करना आपके दिल पर भारी पड़ सकता है। इन दिनों जब हार्ट अटैक (Heart Attack Case in India) और हार्ट फेल्योर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे समय में तो दिल की धड़कनों का तेज होना बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। अगर आपका दिल 1 मिनट में 100 से ज्यादा बार धड़कता है तो यह टैकीकार्डिया हो सकता है।
टैकीकार्डिया (What is Tachycardia) दिल से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज सही समय पर न हो तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं टैकीकार्डिया क्या है, टैकीकार्डिया के लक्षण क्या हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है। इस विषय पर जानने के लिए हमने साओल हार्ट सेंटर के डायरेक्टर डॉ. बिमल चज्जर से बातचीत की।
क्या है टैकीकार्डिया?- What is Tachycardia in Hindi
डॉ. बिमल चज्जर की मानें तो टैकीकार्डिया दिल से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। इस बीमारी में व्यक्ति का दिल 1 मिनट में 100 या उससे भी अधिक बार धड़कता है। टैकीकार्डिया जैसी बीमारी में शुरुआत में तो व्यक्ति को किसी तरह की परेशानी नहीं आती है, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बढ़ता है हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक से तुरंत मौत का खतरा रहता है। डॉक्टर की मानें तो टैकीकार्डिया में कई बार दिल की धड़कन तेज होने की वजह से व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज तक का खतरा रहता है।
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टैकीकार्डिया होने का कारण क्या है? -Tachycardia Causes in Hindi
किसी भी व्यक्ति को टैकीकार्डिया होने का मुख्य कारण है मानसिक तनाव। जो लोग ज्यादा सोचते हैं, स्ट्रेस में रहते हैं उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा कैफीन, शराब और तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों को भी टैकीकार्डिया होने का खतरा ज्यादा होता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इन सबके अलावा बिना डॉक्टरी सलाह के दवा लेने, हाई ब्लड प्रेशर और प्रेग्नेंसी में ज्यादा दवाओं का सेवन करने की वजह से भी टैकीकार्डिया हो सकता है।
टैकीकार्डिया के लक्षण क्या हैं?- Tachycardia Symptoms in Hindi
- डॉक्टर का कहना है कि कुछ लोगों में टैकीकार्डिया के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, बल्कि कुछ लोगों में इस बीमारी के गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं। आइए जानते है इसके बारे में।
- सांस लेने में परेशानी होना
- सीने में दर्द होना
- घबराहट महसूस होना
- अचानक तेज चक्कर आना
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टैकीकार्डिया से बचाव कैसे कर सकते हैं?
टैकीकार्डिया से बचाव के बारे में डॉ. बिमल कहते हैं कि यह बीमारी हार्ट से जुड़ी हुई है इसलिए ऊपर बताए गए लक्षण अगर आपको नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इससे बचाव के लिए समय-समय पर ईसीजी टेस्ट करवाएं। अपने डॉक्टर से बात करें कि ईसीजी टेस्ट कितने समय में करवाना चाहिए। दिल की धड़कन असामान्य रूप न ले इसके लिए योग और कार्डियो एक्सरसाइज करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि आपका शरीर हाइड्रेटेड रहे।
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