टेककार्डिया रोग के संकेत है ह्रदय की धीमी गति, जानें कारण और बचाव

कई बार व्यक्ति में निमोनिया होने के कारण वह सांस लेने में असमर्थ हो जाता है जिससे टेककार्डिया की शिकायत हो सकती है। कई अन्य मामलों में कुछ खाद्य पदार्थों जैसे चाय, कॉफी, चॉकलेट व एल्कोहल को भी टेककार्डिया का जिम्मेदार माना जा सकता है।
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टेककार्डिया रोग के संकेत है ह्रदय की धीमी गति, जानें कारण और बचाव


टेककार्डिया, एक प्रकार की असामान्य हृदय गति है जिसमें हृदय बहुत तेजी से धड़कता है। सामान्य रुप से हृदय एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। अगर आप टेककार्डिया के शिकार हैं तो ऊपरी व निचले कक्षों में हृदय की गति अपने आप बढ़ जाती है। टेककार्डिया, शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया का हिस्सा हो सकता है। अकसर चिंता, बुखार, खून का ज्यादा बहाव व थकावट वाली एक्सरसाइज के बाद हृदय की गति बढ़ जाती है। साथ ही कई चिकित्सीय कारणों के चलते भी टेककार्डिया की समस्या हो जाती है जैसे थायराइड, हाइपरथाइराइडिज्म। कई बार व्यक्ति में निमोनिया होने के कारण वह सांस लेने में असमर्थ हो जाता है जिससे टेककार्डिया की शिकायत हो सकती है। कई अन्य मामलों में कुछ खाद्य पदार्थों जैसे चाय, कॉफी, चॉकलेट व एल्कोहल को भी टेककार्डिया का जिम्मेदार माना जा सकता है।

 

टेककार्डिया के कारण

  • हृदय रोग के कारण हृदय ऊतकों का क्षतिग्रस्त होना
  • जन्म के समय हृदय में होने वाली समस्या  
  • हृदय संबंधी रोग
  • उच्च रक्तचाप
  • धूम्रपान
  • बुखार
  • एल्कोहल का सेवन
  • कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन
  • किसी दवा का दुष्प्रभाव
  • धमनी के रोग के कारण हृदय की मांसपेशियों में दूषित रक्त का बहाव।
  • हार्ट फेल होना, कार्डियोमियोपेथी, ट्यूमर व संक्रमण अन्य चिकित्सा जैसे थायराइड, गुर्दे का रोग आदि। 

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टेककार्डिया के लक्षण

  • चक्कर आना, बेहोश होना
  • थकान महसूस होना     
  • हृदय गति का बढ़ना
  • सांस लेने में तकलीफ होना

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इलाज 

बुखार- बुखार के कारण होने वाले टेककार्डिया को बुखार कम करने वाली दवा से रोका जा सकता है। जैसे-जैसे दवा का असर होगा रोगी का बुखार कम होने लगेगा और टेककार्डिया की समस्या से निजात मिलेगा। 

ज्यादा रक्त बहना - रक्त के बहाव के कारण रोगी में हृदय की गति बढ़ जाती है। ऐसे में सबसे पहले रोगी की हालत को स्थिर करना जरूरी हो जाता है। मरीज के रक्त के बहाव को रोकने का इंतजाम करने के बाद टेककार्डिया की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है। 

हाइपरथायराइडिज्म- हाइपरथायराइडिज्म में अकसर रोगी को थकान व चिंता होती है जिससे हृदय गति बढ़ जाती है। ऐसे में दवाओं के जरिये रोगी में थायराइड को निंयत्रिंत करने की कोशिश की जाती है। अगर स्थिति बिगड़ रही है तो रेडियोएक्टिव आयोडीन, रेडिएशन के जरिए इलाज किया जाता है।  

गुर्दे की समस्या- अगर टेककार्डिया की समस्या गुर्दे में रक्त के थक्के के कारण हो रही है तो डॉक्टर पहले उस थक्के को खत्म करने की कोशिश करता है। अकसर निमोनिया व गुर्दे की समस्या के कारण यह समस्या हो जाती है।

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