Movement Disorder Causes And Symptoms: हमारे शरीर में कई तरह के कार्य एक साथ चलते हैं। ब्रेन शरीर के सभी अंगों के साथ एक नसों के माध्यम से जुड़ा होता है। जब भी आपके शरीर को कहीं चोट लगती है, तो न्यूरोलाजिकल सिंग्नल ब्रेन तक पहुंचते हैं। यह सिंग्नल पहुंचने के बाद आपको दर्द महसूस होता है। जब व्यक्ति की तंत्रिका तंत्र यानी न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ी होती है, तो उसको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या में मूवमेंट डिसऑर्डर का भी शामिल किया जाता है। इस समस्या में व्यक्ति के शरीर के अंगों का संचालन तेज या धीमा हो सकता है। इसमें व्यक्ति को कई तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती है। मूवमेंट डिसऑर्डर में मांसपेशियों ऐंठन, अंगों का अनावश्यक हिलाना आदि शामिल है। आगे जानते हैं कि मेडिकवर अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से जानते हैं कि मूवमेंट डिसऑर्डर क्या होता है। साथ ही, इसके लक्षण और कारण क्या होते है।
मूवमेंट डिसऑर्डर क्या होता है? - What is Movement Disorder in Hindi
मूवमेंट डिसऑर्ड एक तरह का न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें व्यक्ति का अंगों की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रहता है। इस समस्या में हाथ या पैर का लगातार हिलाना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम (आपका मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी) में गड़बड़ी हो सकती है। यह गड़बड़ी मोटर स्किल्स को प्रभावित करती है। इस समस्या में व्यक्ति को बोलने में समस्या होती है। इसमें कई अलग-अलग विकार शामिल हो सकते हैं, और उनकी गंभीरता भी अलग-अलग हो सकती है। मूवमेंट डिसऑर्डर में व्यक्ति के शरीर के केवल एक क्षेत्र को प्रभावित करते हैं, जबकि अन्य आपके शरीर के अधिकांश हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें मरीज को लिखने, चलने, या बोलने में परेशानी हो सकती है। इसमें व्यक्ति को हाथ या पैर में कंपन महसूस हो सकती है। यह काफी हद तक पार्किंसन रोग की तरह होता है।
मूवमेंट डिसऑर्डर के लक्षण - Symptoms Of Movement Disorder in Hindi
- कंपन (Tremors): कंपन शरीर के किसी अंग में हो सकती है। इस तरह की कंपन में आपका नियंत्रण नहीं होता है। यह अक्सर हाथ, बांह, पैर या सिर में हो सकती है। इस कंपन की तीव्रता में अलग-अलग हो सकती हैं। साथ ही, स्ट्रेस या थकान के साथ यह स्थिति खराब हो सकती है।
- डिस्टोनिया (Dystonia): डिस्टोनिया में व्यक्ति को निरंतर मांसपेशी में संकुचन महसूस होता है। इसके चलते व्यक्ति के पॉश्चर में खराबी आ सकती है। इस गतिविधिया का व्यक्ति पर कंट्रोल नहीं होता है। इसमें कुछ लोगों की गर्दन मुड़ जाती है, जबकि कुछ के हाथों की स्थिति असामान्य (राइटर क्रैम्प) हो जाती है।
- ब्रैडीकिनेसिया(Bradykinesia): ब्रैडीकिनेसिया अंगों के संचालन की धीमी गति होती है। इसके लक्षण पार्किंसंस रोग की तरह होते हैं। इसमें व्यक्ति को चलने-फिरने में कठिनाई, चेहरे के भावों में कमी हो सकती है।
- कोरिया (Chorea): कोरिया में व्यक्ति के अंगों की अनियमित व अनैच्छिक संचालन शामिल होते हैं, यह समस्या एक मांसपेशी से दूसरी मांसपेशी को प्रभावित कर सकती है। ये समस्या शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती हैं।
- अटैक्सिया (Ataxia): अटैक्सिया में शरीर के अंगों के बीच संतुलन बनाने में परेशानी होती है। ऐसे में व्यक्ति को चलने में समस्या हो सकती है। यह व्यक्ति के मोटर स्किल जैसे लिखना, चलना या किसी वस्तु को उठाने आदि संचालन क्रिया को प्रभावित कर सकता है।
मूवमेंट डिसऑर्डर के कारण - Causes Of Movement Disorder in Hindi
तंत्रिका संबंधी स्थितियां (Neurological Conditions): मूवमेंट डिसऑर्डर तंत्रिका संबंधी स्थितियों से जुड़े होते हैं, जैसे पार्किंसंस रोग, हंटिंगटन रोग और मल्टीपल स्केलेरोसिस आदि। इन स्थितियों में मूवमेंट को नियंत्रण करने वाला ब्रेन का हिस्से में गड़बड़ी हो सकती है।
- आनुवंशिक कारक (Genetic Factors): कुछ मूवमेंट डिसआर्डर आनुवंशिक कारण से हो सकता है। ऐसे में यदि किसी को पहले से मूवमेंट डिसऑर्डर होता है, तो यह रोग बच्चे को होने की संभावना बढ़ जाती है। डिस्टोनिया और हंटिंगटन रोग आनुवंशिक कारक का एक उदाहरण हो सकते हैं।
- इंफेक्शन (Infection): केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) को प्रभावित करने वाले संक्रमण, जैसे कि एन्सेफलाइटिस या मेनिन्जाइटिस, के कारण होने वाली सूजन ब्रेन के कार्यों में गड़बड़ी की वजह बन सकती है। इसकी वजह से भी मूवमेंट डिसऑर्डर हो सकता है।
- ब्रेन में चोट लगना (Brain Injury): ब्रेन में चोट या स्ट्रोक नर्वस सिस्टम को बाधित या प्रभावित कर सकते हैं। इसकी वजह से कुछ समय के लिए या स्थायी रूप से मूवमेंट डिसऑर्डर हो सकता है। इसमें कोरिया और अैटक्सिया को शामिल किया जा सकता है।
- दवा के दुष्प्रभाव (Medication Side Effects): कुछ दवाएओं, विशेष रूप से मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। इसके साइड इफेक्ट के कारण मूवमेंट डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।
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ब्रेन से जुड़ी समस्याओं के लक्षण दिखाई देने पर आपको इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए। इससे बचाव के लिए आप तुंरत किसी न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। साथ ही, रोग की पुष्टि के लिए पूरी जांच कराएं और पूरा इलाज कराएं। इससे रोग की गंभीर को कम किया जा सकता है।