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Sinus Arrhythmia: साइनस एरिथमिया क्या होता है? जानें इसके लक्षण और कारण

हृदय का तेज या धीमी गति से धड़कना साइन एरिथमिया का कारण हो सकता है। आगे जानते हैं कि इस दौरान व्यक्ति को क्या लक्षण महसूस होते हैं?
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Sinus Arrhythmia: साइनस एरिथमिया क्या होता है? जानें इसके लक्षण और कारण


हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्यों का प्रभाव हृदय पर पड़ता है। जब हम तेजी से दौड़ते हैं तो हार्ट भी तेजी से धड़कना शुरु कर देता है। स्ट्रेस, तनाव व घबराहट होने पर भी आपके हृदय की धड़कनों में बदलाव आ सकता है। इस तरह हृदय धड़कनों में बदलाव को साइनस एरिथमिया के नाम से जाना जाता है। इसमें व्यक्ति के सांस लेने और छोड़ने के दौरान हृदय की धड़कनों में बदलाव हो सकता है। हालांकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन, इसके बावजूद भी इसमें बदलाव हृदय रोग का संकेत हो सकता है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ चोपड़ा से जानते हैं कि साइनस एरिथमिया क्या होता है। इसके साथ ही, साइनस एरिथमिया के कारण और लक्षणों (Causes Of Sinus Arrhythmia) के बारे में भी जानेंगे। 

साइनस एरिथमिया क्या होता है? 

साइनस एरिथमिया, सांस लेने के साथ हृदय गति में होने वाले प्राकृतिक बदलावों को दर्शाता है। इसमें सांस लेने के दौरान हृदय गति या धड़कन तेज हो जाती है और सांस छोड़ने के दौरान धीमी हो जाती है। यह बदलाव ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करने का सामान्य हिस्सा है। फिलहाल तो इसको स्थिति को एक नॉर्मल स्टेज माना जाता है। हालांकि, यह कभी-कभी अन्य हृदय से जुड़ी अन्य समस्याओं की ओर संकेत करता है।

साइनस एरिथमिया के क्या कारण होते हैं? 

ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम एक्टिविटी  

साइनस एरिथमिया का कारण हृदय और ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम के बीच की प्रतिक्रिया है। पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम का हिस्सा वेगस नर्व सांस छोड़ने के दौरान हृदय गति को धीमा कर देती है, जबकि सिम्फेटिक नर्वस सिस्टम सांस लेने के दौरान हृदय गति को बढ़ा सकता है। यह प्राकृतिक उतार-चढ़ाव साइनस एरिथमिया का कारण बन सकता है।

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रेस्पिरेटरी बदलाव

साइनस एरिथमिया, रेस्पिरेटरी साइकिल से जुड़ा होता है। सांस लेने के दौरान, वैगल टोन कम होने के कारण हृदय गति में बढ़ोतरी होती है, और सांस छोड़ने के दौरान, हृदय गति कम हो जाती है। यह रेस्पिरेटरी संबंधी बदलाव युवाओं में सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। 

आयु और शारीरिक स्थिति 

साइनस एरिथमिया युवा और स्वस्थ व्यक्तियों में अधिक आम है और उम्र के साथ यह कम होती जाती है। बच्चे और युवा अक्सर अधिक स्पष्ट साइनस एरिथमिया महसूस करते हैं। यह स्वस्थ धड़कन रोगों के चलते बदल सकती है। 

हृदय रोग

कुछ मामलों में, साइनस एरिथमिया हृदय रोग से संबंधित हो सकता है। हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या अन्य रोगों में होने पर भी व्यक्ति की हार्ट बीट में बदलाव हो सकता है। हार्ट से जुड़ी समस्या हृदय कार्योंं में बदलाव का कारण बन सकती है। 

बुखार और संक्रमण

बुखार और संक्रमण की वजह से आपकी हार्ट बीट में बदलाव हो सकता है। बुखार और सूजन के कारण बनने वाले संक्रमण में हृदय की धड़कनों में बदलाव देखने को मिल सकता है। 

साइनस एरिथमिया के लक्षण क्या होते हैं?

  • घबराहट होना 
  • चक्कर आना 
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • थकान महसूस होना, आदि। 

इसे भी पढ़ें: हृदय रोगों से बचने के लिए के लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल, डॉक्टर से जानें कैसी हो आपकी जीवनशैली

हृदय से जुड़ी समस्याओं को आप नजरअंदाज न करें। हृदय की धड़कनों में बदलाव होना हार्ट से जुड़ी समस्याओं जैसे हार्ट फेलियर व हार्ट अटैक की वजह हो सकता है। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर के द्वारा बताए टेस्ट को जल्द से जल्द कराएं। 

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