
Dysrhythmia and Arrhythmia in Hindi: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट को हेल्दी और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए एक्टिव जीवनशैली और हेल्दी डाइट का सेवन करना चाहिए। हार्ट से जुड़ी कुछ बीमारियों के बारे में जानकारी की कमी के कारण लोग इनके शुरुआती लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं। लक्षणों की सही समय पर पहचान न होने की वजह से बीमारी बढ़ती जाती है और कुछ समय में गंभीर रूप ले लेती है। एरिथमिया और डिसरिथमिया भी हार्ट से जुड़ी गंभीर स्थितियां हैं। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं इन स्थितियों में अंतर और बचाव के उपाय।
एरिथमिया और डिसरिथमिया में क्या अंतर है?- Dysrhythmia and Arrhythmia Differences in Hindi
एरिथमिया और डिसरिथमिया दोनों ही हार्ट से जुड़ी गंभीर संस्याएं हैं। इन समस्याओं के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर उचित कदम उठाने से आप गंभीर रूप से इनका शिकार होने से बच सकते हैं। लखनऊ स्थित कपूर हार्ट सेंटर के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, "दिल की धड़कन बंद होने पर इंसान की मौत हो जाती है। एरिथमिया दिल की धड़कन में गड़बड़ी या अनियमितता से जुड़ी समस्या है। यह कई तरह की होती है- जैसे दिल की धड़कन बढ़ना, कम होना या असामान्य होना।"

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एरिथमिया- दिल की धड़कन में अनियमितता होने की स्थिति को एरिथमिया के नाम से जाना जाता है। यह समस्या कई तरह की होती है और हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, डायबिटीज और तनाव जैसे कारणों से यह समस्या हो सकती है। हार्ट तक ब्लड सप्लाई बाधित होने के कारण दिल की धड़कन अनियमित होने लगती है। इस स्थिति से बचाव के लिए हेल्दी डाइट और एकतिवे लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी जाती है।
डिसरिथमिया- डिसरिथमिया एक तकनीकी शब्द है, जो अरिथमिया की श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है किसी भी गतिविधि की अनियमितता या असामान्यता। यह शब्द कई मेडिकल रेफरेंस में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि उच्च रक्तचाप, उच्च चोलेस्ट्रॉल, और अन्य दिल संबंधित समस्याएं।
एरिथमिया और डिसरिथमिया में अंतर
एरिथमिया और डिसरिथमिया के बीच का मुख्य अंतर यह है कि एरिथमिया एक विशेष प्रकार की डिसरिथमिया है, जो दिल की धड़कन को दर्शाती है। एरिथमिया केवल हृदय की ध्वनियों में होने वाली अनियमितता को दिखाता है, जबकि डिसरिथ्मिया शब्द किसी भी गतिविधि की अनियमितता के लिए इस्तेमाल होता है।
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एरिथमिया और डिसरिथमिया दोनों ही हार्ट से जुड़ी समस्याओं से संबंधित शब्द हैं, लेकिन इनका अर्थ अलग-अलग होता है। एरिथमिया और डिसरिथमिया के लक्षण दिखने पर इन्हें नजरअंदाज करने की जगह तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज कराना चाहिए। इन समस्याओं में लापरवाही जानलेवा होता है। अगर आप तनाव, अवसाद और चिंता जैसी मानसिक स्थितियों से जूझ रहे हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। इस समस्या से ग्रसित होने पर समय रहते चिकित्सक की सलाह जरूर लें। आप इलाज के लिए किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें और दिल के सेहत का ध्यान रखें। याद रखें इस समस्या में संतुलित खानपान और नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत फायदेमंद होता है।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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