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दिल की धड़कन अनियमित होने पर हो सकती हैं ये 4 समस्याएं, पहचान करना है जरूरी

हृदय धड़कने अनियमित होने से आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती है। आगे जानते हैं इससे जुड़े कुछ मुख्य जोखिम कारक।   
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दिल की धड़कन अनियमित होने पर हो सकती हैं ये 4 समस्याएं, पहचान करना है जरूरी


शरीर में होने वाले बदलावों से हृदय धड़कने अनियमित हो सकती है। इस समस्या को हृदय अतालता (Arrhythmia) कहते हैं। इसे कभी-कभी डिसरिथमिया भी कहा जाता है। यह समस्या तब होती है, जब दिल की धड़कनों के लिए आवश्यक विद्युत संकेत सही ढंग से काम नहीं कर पाते हैं। इस समस्या में हृदय धड़कने बहुत तेज, धीरे या अनियमिति हो सकती है। धड़कने अनियमित होने के सभी प्रकार घातक नहीं होते हैं। यदि हृदय अतालता कमजोर और क्षतिग्रस्त हार्ट के कारण होती है, जो इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ चोपड़ा से जानते हैं कि हृदय धड़कने अनियमित होने पर आपको क्या जोखिम हो सकते हैं। 

एक स्वस्थ व्यक्ति के दिल की धड़कने प्रति मिनट (BPM) के अनुसार मापी जाती है। इसे रेस्टिंग हार्ट रेट भी कहा जाता है। हर व्यक्ति की हृदय गति अलग-अलग हो सकती है। लेकिन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार नॉर्मल हार्ट रेट 60 से 100 बीपीएम तक हो सकती है।  

दिल की धड़कनें अनियमित होने से पर महसूस होने वाली समस्याएं - Complications Of Arrhythmia In Hindi  

स्ट्रोक 

इस समस्या में व्यक्ति का हार्ट सही तरह से पंप नहीं कर पाता है । साथ ही, रक्त एक जगह इकट्ठा हो सकता है, जिससे ब्लड क्लॉट हो सकता है। यदि, यह क्लॉट ब्रेन की नसों में जाता है तो इससे संंभावित रूप से रुकावट या स्ट्रोक हो सकता है। स्ट्रोक से ब्रेन डैमेज हो सकता है। 

complications of arrythmia

दिल की धड़कन रुकना

लंबे समय तक टैचीकार्डिया (धड़कने तेज होना) या ब्रैडीकार्डिया (धड़कने धीमी होना) के चलते हार्ट फेलियर हो सकता है। जब हार्ट फेलियर होता है, तो ऐसे में शरीर और उसके अंगों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है। हृदय धड़कने अनियमित होने पर व्यक्ति को हार्ट फेलियर का जोखिम रहता है। 

हार्ट अटैक 

हृदय धड़कने अनियमित होने पर हृदय पर दबाव पड़ता है। इससे हार्ट अटैक हो सकता है। यह समस्या तब होती है जब हृदय की मांसपेशी के एक हिस्से में ब्लड फ्लो बंद हो जाता है। ऑक्सीजन की कमी से हृदय की कोशिकाएं डैमेज होने लगती है। 

कार्डियक अरेस्ट 

कार्डियक अरेस्ट की समस्या भी हार्ट से जुड़ी होती है। जब हृदय अचानक काम करना बंद कर देता है,तो व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आ सकता है। इससे ब्रेन और शरीर के अन्य अंगों तक ब्लड नहीं पहुंचता है। ऐसे में कुछ ही समय के बाद शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो व्यक्ति के लिए जान का जोखिम बन सकती है। 

अनियमित धड़कनों का बचाव कैसे करें - Prevention Tips For Arrhythmia In Hindi 

  • नियमित व्यायाम करना
  • तम्बाकू और अन्य नशीली दवाओं का सेवन न करें
  • शराब से दूरी बनाएं 
  • किसी भी दवा या सप्लीमेंट्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से जांच कराएं
  • डाइट में पौष्टिक चीजों को शामिल करें। 

इसे भी पढ़ें: दिल की धड़कन अनियमित क्यों हो जाती है? डॉक्टर से जानें इसके 5 जोखिम कारक

हृदय से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। कोलेस्ट्रॉल की वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है, जो हृदय से जुड़ी समस्याओं के लिए गंभीर हो सकता है। हृदय से संबंधित लक्षणों को महसूस करने पर आप इसके अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसे में आप तुरंत हार्ट स्पेशलिस्ट से मिलें। 

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