सीने में दर्द की समस्या होने पर ज्यादातर लोग इसे हार्ट अटैक का ही संकेत मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। सीने में दर्द के अन्य कई कारण भी हो सकते हैं इसलिेए अगर किसी व्यक्ति को सीने में अचानक तेज दर्द की समस्या हो, तो घबराने के बजाय उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। यह समस्या फेफड़ों में संक्रमण, एसोफैगस, मांसपेशियों, पसलियों या तंत्रिकाओं की किसी समस्या के कारण भी हो सकती है।
दिल के आस-पास थैली में सूजन
दिल के आसपास थैली की सूजन या संक्रमण की समस्या को पेरिकार्डिटिस कहते हैं। इसका दर्द एनजाइना के कारण हार्ट अटैक में होने वाले दर्द के समान ही हो सकता है। हालांकि यह अक्सर ऊपरी गर्दन और कंधे की मांसपेशी में तेज व स्थिर दर्द का कारण बनता है। कभी-कभी सांस लेने, भोजन निगलने या पीठ के बल लेटने पेरिकार्डिटिस के कारण होने वाला चैस्ट पेन असहनीय हो जाता है।
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फेफड़ों की झिल्ली में सूजन
छाती में दर्द छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन के कारण भी हो सकता है। दरअसल जब फेफ़डे की ऊपरी सतह पर स्थित झिल्ली में सूजन आ जाती है तो छाती की अंदरूनी दीवार की सूजी हुई सतह से सांस लेते वक्त हवा रगड़ खाने लगती है। जिस कारण असहनीय दर्द होता है। इस अवस्था को मेडिकल भाषा में प्ल्यूराइटिस कहते हैं। ज्यादातर प्ल्यूराइटिस का कारण टीबी का इंफेक्शन या निमोनिया होता है। ऐसे में जल्द किसी थोरेसिक सर्जन यानी चेस्ट सर्जन से परामर्श लेना चाहिए।
ऑक्सीजन की कमी
दिल की रक्त वाहिकाओं में रुकावट होने पर ये हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन कम कर देती है। जिस कारण छाती में दर्द होता है, लेकिन दिल को किसी प्रकार की स्थायी क्षति नहीं होती। एनजाइना से हुआ सीने में दर्द हाथ, कंधे या जबड़े तक फाल सकता है। एंजाइना से होने वाला सीने का दर्द व्यायाम, उत्साह या किसी भावनात्मक आघात से शुरू हो सकता है और आराम करने से चला जाता है।
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एसोफैगस की समस्या
एसोफैगस को हिंदी में ग्रासनली कहते हैं यानि ये वो ट्यूब है जो आपके गले से पेट तक जाता है और जिसके सहारे आपके मुंह का आहार पेट तक पहुंचता है। एसोफेगस जहां पर पेट से जुड़ती है वहां इसकी परत एक अलग प्रकार की कोशिकीय बनावट की होती है, जिसमें विभिन्न केमिकल्स का रिसाव करने वाली अनेक ग्रंथियां या संरचनाएं होती हैं। कई बार एसोफैगस में समस्या होने पर भी सीने में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। एसोफैगस की समस्या में खाने-पीने की चीजों को निगलने और पेट भरने में भी परेशानी होती है। कई बार इसके लक्षणों के हार्ट अटैक या एसिड रिफ्लक्स से मिलने-जुलने के कारण इसका गलत इलाज कर दिया जाता है।
पेट की गैस
पेट रोग होने की वजह से भी छाती में दर्द हो सकता है। पेट में अल्सर और गैस्टिक इस समस्या के कारण बन सकते हैं। जब पीत्त की थैली में गैस बनती है और वह छाती की तरफ जाती है तो छाती में दर्द होता है। यदि छाती में जलन हो और सोने पर दर्द बढ़ जाय तो यह पेट की समस्या के कारण होता है।
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