Oxytocin हार्मोन कई बॉडी फंक्शन के लिए है जरूरी, जानें शरीर में इसकी कमी के संकेत

Symptoms Of Oxytocin Deficiency In Hindi: ऑक्सीटोसिन हार्मोन होने पर व्यक्ति को सही से नींद नहीं ले पाता है और अक्सर चिड़चिड़ा रहने लगता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
Oxytocin हार्मोन कई बॉडी फंक्शन के लिए है जरूरी, जानें शरीर में इसकी कमी के संकेत


Symptoms Of Oxytocin Deficiency In Hindi: ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है, जो हमारे शरीर के कई तरह के बॉडी फंक्शन के लिए जरूरी है। यह हार्मोन हमारी ब्रेन में बनता है। पिट्यूटरी ग्लैंड इसे स्टोर और रिलीज करती है, जिससे यह ब्लड स्ट्रीम तक पहुंचता हैं। बहरहाल, ऑक्सीटोसिन हार्मोन को हम हैप्पी हार्मोन भी कहते हैं। हालांकि, हैप्पी हार्मोन में डोपामाइन और सेरेटोनिन हार्मोन भी शामिल होते हैं। लेकिन, यह ध्यान रखें कि शरीर में किसी वजह से ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर कम हो जाए, तो शरीर के कई फंक्शन प्रभावित हो सकते हैं। यह हार्मोन महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए है। यह प्रजनन प्रणाली में अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा, ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी उपयोगी हार्मोन है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी हो जाए, तो शरीर सुचारू ढंग से काम नहीं कर सकेगा। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी होने पर शरीर में किस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं।

ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी के लक्षण- Symptoms Of Oxytocin Deficiency In Hindi

Symptoms Of Oxytocin Deficiency In Hindi

चिड़चिड़ापन महसूस करना

जैसा कि हमने शुरुआत में ही बोला है कि ऑक्सीटोसिन हार्मोन एक तरह का हैप्पी हार्मोन है। इसी से स्पष्ट होता है कि अगर किसी वजह से शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन में कमी आ जाती है, तो व्यक्ति के स्वभाव चिड़चिड़ापन भर जाता है। हालांकि, चिड़चिड़ा होने के कई पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो अपनों के साथ अनबन, पैसों से जुड़ी समस्या, एग्जाम में फेल होना आदि। अगर अपको चिड़चिड़े होने की वजह समझ न आए, तो इसे हल्के में न लें। वजह जानने की कोशिश करें।

इसे भी पढ़ें: ऑक्सीटोसिन हार्मोन क्या है और ये शरीर में कैसे बनता है? एक्सपर्ट से जानें इसका उपयोग

एंग्जाइडी से घिरे रहना

Symptoms Of Oxytocin Deficiency In Hindi

ऑक्सीटोसिन हार्मोन में कमी होने पर व्यक्ति को एंग्जाइटी जैसी फीलिंग होती रहती है। व्यक्ति हर तरह से हताशा से भरने लगता है। दरअसल, ऑक्सीटोसिन हार्मोन ब्रेन के उस हिस्से को हिट करता है, जहां से हम खुश रहते हैं। वहीं, अगर व्यक्ति में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी होने लगे, तो वह न सिर्फ एंग्जाइटी बल्कि स्ट्रेस का शिकार भी हो सकता है। ऐसी कंडीशन में व्यक्ति चाहकर भी एंग्जाइटी को बीट नहीं कर पाता है।

शारीरिक संबंध से दूरी बनाना

जिन लोगों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी होती है, उनमें सेक्स के प्रति चाह या रुचि में कमी आने लगती है। ऐसा ज्यादातर मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं के साथ होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मेनोपॉज के बाद प्राकृतिक रूप से महिलाओं में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी होने लगती है। साथ ही अन्य हार्मोनों का स्तर भी कम हो जाता है, जिससे वजाइनल ड्राईनेस जैसी समस्या हो जाती है

इसे भी पढ़ें: क्या होता है ऑक्सीटोसिन वाला दूध? एक्सपर्ट से जानें इस दूध को पीने से सेहत को होने वाले नुकसान

नींद आने में समस्या

ऑक्सीटोसिन हार्मोन इतना अहम हार्मोन है कि अगर इसमें जरा भी गिरवाट आने लगे, तो व्यक्ति को सही तरह से नींद आने में दिक्कत होने लगेगी। वास्तव में, ऑक्सीटोसिन हार्मोन मूड को प्रभावित करता है और रात को बेहतर नींद लेने के लिए मोटिवेट करता है। यही नहीं, ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी होने पर व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और इमोशनली किसी न किसी तरह की परेशानी से जूझ रहा होता है।

All Image Credit: Freepik

Read Next

गर्मि‍यों में नेजल ड्राईनेस (नाक के सूखेपन) से कैसे बचें? डॉक्‍टर से जानें 5 आसान ट‍िप्‍स

Disclaimer