हमारी त्वचा बेहद ही नाजुक होती है। किसी तरह के संक्रमण, कीडे के काटने या अन्य समस्याओं में कई बार त्वचा पर लाल रंग की गांठ, उभार दिखाई देना लगता है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में एरिथेमा नोडोसम (Erythema Nodosum) कहा जाता है। यह एक त्वचा संबंधित स्थिति है जिसमें त्वचा के नीचे लाल और सूजे हुए गठान (nodules) बन जाते हैं। यह समस्या आमतौर पर पैरों के अगले हिस्से यानी शिन एरिया में दिखाई देती है, लेकिन कभी-कभी अन्य हिस्सों में भी हो सकती है। यह कोई बीमारी नहीं होती है, बल्कि किसी अन्य बीमारी, संक्रमण या दवा का रिएक्शन रूपी लक्षण हो सकती है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है, खासकर 20 से 40 साल की उम्र में इस तरह की समस्या देखने को मिलती है। इस लेख डॉ. शरीफा चौसे, एमबीबीएस, डर्मेटोलॉजिस्ट, डीडीवीएल (Sareefa Chause, Dermatologist, Mumbai) में जानते हैं कि एरिथेमा नोडोसम के कारण और लक्षण क्या होते हैं?
एरिथेमा नोडोसम के लक्षण - Symptoms of Erythema Nodosum in Hindi
इस स्थिति के लक्षण आमतौर पर अचानक शुरू होते हैं और इनमें आगे बताए लक्षण महसूस हो सकते हैं।
त्वचा पर लाल और सूजे हुई गांठ बनना
ये गठान उभरे हुए, गोलाकार और 1 से 5 सेंटीमीटर तक बड़े हो सकते हैं। शुरुआत में लाल होती हैं, फिर धीरे-धीरे बैंगनी, फिर पीली या हरी दिखाई देने लगती हैं (जैसे खरोंच का दाग ठीक हो रहा हो)। शरीर के अन्य भागों की तुलना में यह गांठ ज्यादातर पैर के अलगे हिस्से में दिखाई देते हैं। जबकि, कुछ मामलों में यह जांघ, हाथ या ट्रंक में भी हो सकती हैं।
छूने में दर्द महसूस होना
गठानों को छूने से तेज दर्द हो सकता है। साथ ही, पैरों में होने वाली गांठ के कारण व्यक्ति को चलने या घूमने में दर्द महसूस हो सकता है या असहजता हो सकती है।
बुखार और थकान
यह समस्या अक्सर बुखार, कमजोरी और थकान के साथ होती है। कुछ लोगों को भूख कम लगना और वजन घटना भी महसूस हो सकता है।
जोड़ों में दर्द
गठानों के साथ-साथ जोड़ों में दर्द और सूजन भी हो सकती है, विशेषकर घुटनों और टखनों में।
पेट दर्द
इस समस्या के होने के बाद व्यक्ति को पेट दर्द भी महसूस हो सकता है। कई बार गले में खराश, सिरदर्द या पेट दर्द भी किसी अंदरूनी संक्रमण के कारण हो सकता है, जो एरिथेमा नोडोसम को ट्रिगर कर रहा है।
एरिथेमा नोडोसम के कारण - Causes of Erythema Nodosum In Hindi
एरिथेमा नोडोसम कई कारणों से हो सकता है। कभी-कभी इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं मिलता, जिसे “idiopathic” कहा जाता है, लेकिन सामान्य कारणों को आगे बताया गया है।
संक्रमण
संक्रमण (Infections) के कारण यह समस्या हो सकती है। इसमें स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण (Strep throat), ट्यूबरकुलोसिस (TB) और हिस्टोप्लाजमोसिस, सायटोमेगालोवायरस, एपस्टीन-बार वायरस जैसे फंगल और वायरल संक्रमण को भी शामिल किया जाता है।
सिस्टेमिक बीमारियां
इम्यून से जुड़ी बीमारी (सरकॉइडोसिस) में फेफड़े और त्वचा प्रभावित होती है। इसके अलावा, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) जैसे क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
दवाएं
कुछ दवाओं से शरीर की प्रतिक्रिया स्वरूप एरिथेमा नोडोसम हो सकता है, जैसे सल्फा आधारित एंटीबायोटिक्स और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (गर्भनिरोधक गोलियां) आदि।
गर्भावस्था
हार्मोनल परिवर्तन और इम्यून सिस्टम में बदलाव के कारण गर्भवती महिलाओं में भी यह स्थिति देखी जा सकती है।
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एरिथेमा नोडोसम एक लक्षण है जो शरीर में चल रहे किसी गंभीर या मामूली संक्रमण या समस्या की ओर संकेत करता है। इसका समय रहते निदान और सही उपचार जरूरी है, क्योंकि यह खुद में कोई बड़ी बीमारी नहीं, बल्कि किसी छिपी हुई स्थिति का संकेत हो सकता है। यदि आपकी त्वचा पर ऐसी कोई सूजन, दर्द या गठान दिखाई दे रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
FAQ
शरीर में गांठ होने के क्या कारण होते हैं?
शरीर में गांठ होने के पीछे के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सिस्ट, लिपोमा (Lipomas), सूजी हुई लिम्फ नोड्स (Swollen Lymph Nodes) और फोड़े-फुंसी (Abscesses & Boils) आदि को शामिल किया जाता है।कैंसर की गांठ की पहचान कैसे होती है?
इसके लिए डॉक्टर शुरुआती दौर में गांठ का आकार, बनावट और आसपास के क्षेत्र में होने वाले बदलावों को देखते हैं। यदि गांठ तेजी से बढ़ रही है, सख्त है, या दर्द कर रही है, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। लेकिन, इसके पुष्टि केवल टेस्ट के माध्यम से की जाती है।शरीर की गांठ से कैसे बचाव करें?
शरीर की गांठ से बचने के लिए आप रोगों का पूरा इलाज कराएं। साथ ही पौष्टिक चीजों का सेवन करें और नियमित रूप से योग व एक्सरसाइज की आदत डालें।