Can Asthma Cause Chest Pain In Hindi: बढ़ते प्रदूषण, कमजोर इम्यूनिटी और कई बार फेफड़ों की कमजोरी के कारण कुछ लोगों को अस्थमा होने का जोखिम बढ़ जाता है। अस्थमा एक सामान्य लेकिन गंभीर बीमारी है, जो फेफड़ों की वायुमार्ग (airways) को प्रभावित करती है। इस स्थिति में मरीज को सांस लेने में दिक्कत, सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना (wheezing), खांसी और सीने में जकड़न महसूस हो सकती है। लेकिन, क्या अस्थमा होने पर व्यक्ति को सीने में दर्द महसूस हो सकता है। साथ ही, यह दर्द कई बार व्यक्ति को दिल से जुड़ी समस्या का संकेत लगता है। इस लेख में डॉ. (कर्नल) एस.पी. राय, सलाहकार, पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप मेडिसिन, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई (Dr (Col) S.P Rai, Consultant, Pulmonary Medicine and Sleep Medicine, Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital, Mumbai) से जानते हैं कि अस्थमा से छाती में दर्द क्यों होता है, इसके अन्य लक्षण क्या हैं, और इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है।
क्या अस्थमा से छाती में दर्द हो सकता है? - Can Asthma Cause Chest Pain?
अस्थमा एक दीर्घकालिक (chronic) बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की श्वासनलिकाएं (bronchial tubes) सूजन और सिकुड़न की वजह से छोटी हो जाती हैं। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है और व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। यह स्थिति एलर्जी, प्रदूषण, व्यायाम, ठंडी हवा या किसी खास ट्रिगर से और भी गंभीर हो सकती है। इसके वजह से व्यक्ति को कुछ मामलों में अस्थमा से छाती में दर्द हो सकता है। हालांकि यह लक्षण हर मरीज में नहीं होता, लेकिन कई लोगों को अस्थमा अटैक के दौरान या उसके बाद छाती में हल्का या तेज दर्द महसूस होता है। यह दर्द सीने के किसी एक हिस्से या बीच में महसूस हो सकता है।
छाती में दर्द के कारण - Causes of Chest Pain in Asthma in Hindi
श्वसन नलिकाओं की जकड़न
जब अस्थमा के कारण वायुमार्ग सिकुड़ते हैं, तो छाती में जकड़न महसूस होती है। यह जकड़न ही कई बार दर्द का कारण बनती है।
मांसपेशियों पर तनाव
लगातार खांसी और सांस लेने में मेहनत करने से छाती की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दर्द हो सकता है।
ऑक्सीजन की कमी
जब शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, तो हृदय और फेफड़ों पर जोर पड़ता है। इससे सीने में असहजता या भारीपन हो सकता है।
इन्फ्लेमेशन (सूजन)
अस्थमा के दौरान वायुमार्ग में सूजन होती है। यह सूजन फेफड़ों की झिल्ली को प्रभावित कर सकती है, जिससे दर्द उत्पन्न होता है।
फेफड़ों की झिल्ली में खिंचाव
कभी-कभी अस्थमा के कारण फेफड़ों की झिल्ली (pleura) पर खिंचाव आता है, जिससे तेज चुभने जैसा दर्द होता है।
छाती में दर्द कैसा होता है? - Nature of Chest Pain in Asthma in Hindi
- दबाव जैसा महसूस होना
- हल्का या मध्यम दर्द, जो सांस लेने पर बढ़ता है
- छाती में जलन या जलन के साथ खिंचाव
- दर्द जो एक ओर या दोनों ओर हो सकता है
- दिल की धड़कनों का तेज होना
- यह दर्द कभी-कभी दिल के दौरे जैसे लक्षणों से मिलता-जुलता हो सकता है, इसलिए इसकी सही पहचान जरूरी है।
अस्थमा से छाती के दर्द का इलाज - Treatment of Chest Pain Caused by Asthma In Hindi
- तेजी से असर करने वाले इनहेलर जैसे सैलब्यूटामोल वायुमार्ग को खोलने में मदद करते हैं और दर्द व जकड़न को कम करते हैं।
- अगर सूजन अधिक हो, तो डॉक्टर स्टेरॉयड युक्त दवाएं दे सकते हैं, जो सूजन को कम करके दर्द को नियंत्रित करती हैं।
- खांसी की वजह से मांसपेशियों पर तनाव आता है, इसलिए खांसी को कंट्रोल करना आवश्यक है।
- गहरी सांस लेने की तकनीकें फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं और छाती की मांसपेशियों में लचीलापन लाती हैं, जिससे दर्द की संभावना घटती है।
- जिन चीजों से अस्थमा का अटैक होता है (जैसे धूल, धुआं, पालतू जानवरों का बाल, पराग कण), उनसे दूर रहना जरूरी है।
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अस्थमा से छाती में दर्द होना आम बात है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। यह दर्द अस्थमा के गंभीर होने का संकेत भी हो सकता है या दिल जैसी अन्य समस्या का लक्षण। इसलिए समय पर डॉक्टर से सलाह लेना और नियमित इलाज जारी रखना बेहद जरूरी है। सही देखभाल, दवाएं और जीवनशैली में बदलाव के जरिए इस दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है।
FAQ
सीने में दर्द की क्या वजह होती है?
सीने में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हृदय, फेफड़े, पाचन तंत्र, या मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं को शामिल किया जा सकता है। कुछ सामान्य कारणों में हार्ट अटैक, एनजाइना, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), मांसपेशियों में खिंचाव, पैनिक अटैक, और फेफड़ों के संक्रमण को भी शामिल किया जाता है।लगातार खांसी आने पर क्या करें?
लगातार खांसी आने पर, कुछ घरेलू उपाय और दवाइयां से राहत मिल सकती हैं। गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना, भाप लेना, और शहद का सेवन करना मददगार हो सकता है।अस्थमा से बचाव कैसे हो सकता है?
अस्थमा रोगी को घर में साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, प्रदूषण, धूल मिट्टी और पराग आदि के कणों से बचाव करना चाहिए। साथ ही, अपने साथ हमेशा इनहेलर रखना चाहिए।