Side Effects of Giving Sugar to Children in Hindi: छोटे बच्चे अक्सर चॉकलेट, केक और टॉफी आदि खाने की जिद्द करते हैं। बच्चों को खुश करने के लिए माता-पिता भी उनकी बात मान लेते हैं। लेकिन ऐसा करना बच्चों के भविष्य के लिए खतरे का सबब बन सकता है। मीठा खाने से बच्चों में आगे चलकर डायबिटीज होने का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। यह आदत न सिर्फ डायबिटीज बल्कि, हार्ट से जुड़ी समस्याएं और मोटापे का भी कारण बनती है। हाल ही में द जर्नल साइंस (The journal Science) में एक स्टडी छपी है, जिसके मुताबिक बचपन के दिनों में अगर बच्चों में मीठा खाने की आदत पर लगाम लगाई जाए तो इससे डायबिटीज होने का जोखिम 35 फीसदी तक कम हो जाता है।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक बचपन में मीठी चीजें खाने से सबसे पहले बच्चों में मोटापा बढ़ता है, जिसके बाद देखते ही देखते वे डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं। बचपन में ही अगर खानपान की एक अच्छी आदत अपना ली जाए तो इससे इंसुलिन और ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है साथ ही साथ मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया भी बेहतर होती है, जिससे डायबिटीज होने का जोखिम काफी कम हो जाता है।
20 फीसदी तक कम होता है हाइपरटेंशन का जोखिम
बचपन में अगर चीनी के पदार्थों पर रोक लगाई जाए तो यह न केवल डायबिटीज बल्कि, अन्य बीमारियों के खतरे को भी कम करने में मददगार होता है। ऐसा करने से बच्चों में हाइपरटेंशन का जोखिम 20 फीसदी तक कम होता है। दरअसल, यह सभी बीमारियां मोटापे से जुड़ी हैं। वहीं, चीनी का ज्यादा सेवन करने से सबसे पहले बच्चे मोटापे का शिकार होते हैं। अगर आपका बच्चा 2 साल से कम का है तो उसे किसी भी तरह की शुगर खिलाने से बचें।
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बच्चों को चीनी खिलाने के नुकसान
- बच्चों को चीनी खिलाना कई तरीकों से नुकसानदायक होता है।
- इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका मानसिक विकास देरी से होता है।
- चीनी खिलाने से बच्चों में लाइफस्टाइल बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है।
- इससे बच्चों के दांतों में कैविटी लगने लगती है।
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