डिजिटल दुनिया का स्वरूप, जिस तरीके से दिन पर दिन बदल रहा है, उतना ही ये लोगों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े खतरों को पैदा कर रहा है। इन दिनों युवाओं में सोशल साइट्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में आया शोध सोशल साइट्स के इस्तेमाल और इसके नुकसानों का खुलासा करता है। इस अध्ययन की मानें, तो मोबाइल डेटिंग ऐप्स युवाओं में अवसाद और सोशल एंग्जायटी को बढ़ावा देती है। साइबरस्पायोलॉजी, बिहेवियर और सोशल नेटवर्किंग जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि कैसे सोशल मीडिया साइट्स युवाओं में इमोशन डिसबैलेंस को बढ़ावा दे रही है और लोगों को अवसाद में धकेल रही हैं। साथ ही ये शोध सोशल साइट्स का मानसिक स्वास्थ्य पर होते हानिकारक प्रभावों को लेकर भी बहुत कुछ कहता है। तो, आइए सबसे पहले विस्तार से जानते हैं कि क्या कहता है ये शोध।
क्या कहता है ये शोध ?
इबरस्पायोलॉजी, बिहेवियर और सोशल नेटवर्किंग जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने युवाओं के पीयर ग्रुप की समीक्षा की और पाया कि ऑनलाइन डेटिंग से युवाओं के कॉन्फिडेंस पर गहरा असर पड़ता है। इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने लगभग 1,300 कॉलेज के छात्रों से उनके टिंडर उपयोग, शरीर की छवि और आत्म-सम्मान के बारे में सवाल पूछा। अध्ययन में पाया गया कि ऐप का उपयोग करने वाले युवा लड़के और लड़कियां अपने बॉडी शेप और सेल्फ कॉन्फिडेंस को लेकर ज्यादा चिंतित रहा करते थे। वहीं जो लोग ऑनलाइन डेटिंग साइट्स का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे वो अपने आप को लेकर किसी भी एंग्जायटी में नहीं थे। ये खासकर टिंडर जैसे ऑनलाइन डेटिंग साइट्स इस्तेमाल करने वाले युवाओं में पाया गया।
शोध में बताया गया कि , टिंडर उपयोगकर्ताओं ने अपने शरीर को लेकर ज्यादा चिंता और असंतुष्टि की भावना व्यक्त की। शोध की लेखिका जेसिका स्ट्रबेल इस बारे में कहती हैं कि डेटिंग साइट्स इस्तेमाल करने वाले युवाओं में एंग्जायटी का लेवल ज्यादा है। कुछ युवा तो इस तरीके से मानसिक असंतुलन के शिकार हैं कि उनमें अब अवसाद के लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसे युवा बाकी लोगों से खुद की तुलना कर काफी दुखी हैं।
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ऑनलाइन डेटिंग से आत्म-सम्मान में कमी और अवसाद (negative effects of dating apps)
जर्नल ऑफ बॉडी इमेज में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, सोशल साइट्स युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। उन्हें इसके कारण एंग्जायटी और स्ट्रेस का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी लाइफस्टाइल प्रभावित हो रही है। लाइफस्टाइल के प्रभावित होने से उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर हो रहा है। इसस उनमें इटिंग डिसऑर्डर और मोटापा भी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं कुछ युवा इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें बिना किसी कारण के एंग्जायटी होती है और ये उन्हें परेशान करता है। कुछ युवाओं में ये इमोशनल डिसबैलेंस का भी कारण है, जो कि उनके लोकप्रियता से जुड़ा हुआ था।
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मानसिक स्वास्थ्य पर डेटिंग एप्स का असर (dating apps effect on mental health)
ऑनलाइन डेटिंग में मिले पार्टनर आपके लिए कई बार सिर दर्द बन जाते हैं। वहीं कई बार इसके चलते लोग धोखे का शिकार हो जाते हैं। ये आपके लिए इमोशनल डिसबैलेंस और दुख का कारण बन सकता है। साथ ही ये एंग्जायटी पैदा करता है और लगातार मोबाइल में रहना आपके वास्तविक जीवन को भी प्रभावित कर सकता है। इससे न सिर्फ आपको खुद से असंतोष की भावना पैदा होगी, बल्कि आप अपने फैमिली और दोस्तों से भी दूर हो सकते हैं। इस दौरान लगातार मोबाइल पर रहना आपके आंखों और मस्तिष्क को एक्टिवेट रखता है, जो कि इसे थका देता है और इसका आपके पढ़ाई या काम को नुकसान हो सकता है।
भले ही आज कल ऑनलाइन डेटिंग काफी आम बात हो चुकी है, लेकिन ये आपकी जिंदगी से खिलवाड़ कर सकता है। इसलिए आप वास्तविक दोस्त बनाएं और उनके साथ समय बिताएं, ना कि इन सोशल साइट्स पर। तो एक स्वस्थ और हेल्दी माइंड के साथ खुश रहने के लिए, आज से ही अपने आपको ऑनलाइन डेटिंग साइट्स पर सीमित करें।
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