हम सभी को पेट में दर्द की समस्या कभी न कभी होती ही है। अगर आपको पेट में दर्द हो रहा है तो उसे नजरअंदाज न करें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। महिलाओं को पेट में दर्द की समस्या होती है तो उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। पेट में उठने वाले दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आपको लोअर एब्डोमिनल में पेन हो रहा है या पेट के किसी अन्य हिस्से में दर्द है तो आप इस लेख को अंत तक पढ़ें जिसमें हम आपको बताएंगे ऐसी बीमारियां जो महिलाओं में पेट दर्द का कारण हो सकती हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst)
अगर आपको ओवेरियन सिस्ट है तो पेट में सूजन, अनियमित पीरियड्स, पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि समस्या हो सकती है। सिस्ट फट जाती है तब गंभीर दर्द हो सकता है। मेंस्ट्रुअल दर्द के कारण आपको पेट और कमर के हिस्से में हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट होने पर आपको लक्षणों का पता चलते ही तुरंत डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें- प्रेगनेंसी के दौरान यूरिन में प्रोटीन डिस्चार्ज क्यों बढ़ जाता है? जानें इसके कारण और इलाज
2. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection)
महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक कॉमन समस्या है। यूटीआई में किडनी, यूट्रस, ब्लैडर, यूरेथ्रा में इंफेक्शन हो जाता है। पुरुषों के मुकाबले महिलााओं को ये समस्या ज्यादा होती है। अगर आपको यूटीआई हुआ है तो आपको पेट या पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। इसके अलावा भी कई लक्षण हैं जिन्हें पहचानकर आप यूटीआई की समस्या से बच सकते हैं। अगर आपकी कमर में दर्द है तो भी यूटीआई के लक्षण हो सकते हैं। अगर पेट या उससे नीचे ऐंठन है या योनि में जलन या खुजली है तो भी आपको यूटीआई की समस्या हो सकती है। अगर आपको ये लक्षण नजर आएंं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
3. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic inflammatory disease)
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिसीज होने पर भी पेट में दर्द या पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिसीज होने पर बुखार लगना, पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग, पेशाब के समय जलन आदि समस्या हो सकती है। अगर आप सही समय पर उसका इलाज न करवाएं तो गंभीर समस्या हो सकती है। सही समय पर इलाज के जरिए इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
4. एक्टोपिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy)
एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने पर भी पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। ये दर्द प्रेगनेंसी के पहले कुछ हफ्तों के भीतर होता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में भ्रूण, गर्भाशय के बाहर से जुड़ा होता है। पेट में दर्द के अलावा भी कुछ लक्षण हैं जिनसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता चलता है जैसे योनि में हल्का दर्द होना, पेट में मरोड़, कमजोरी, चक्कर आना, सुस्ती होना आदि।
इसे भी पढ़ें- पीरियड्स के दौरान नहाते समय इन 5 बातों का हमेशा ध्यान, जानें क्यों जरूरी हैं ये
5. गर्भपात (Miscarriage)
गर्भपात या मिसकैरेज की स्थिति में भी 20वें हफ्ते से पहले भ्रूण की मृत्यु हो जाती है। ऐसा पहली तिमाही में होता है। अगर गर्भपात होता है तो पेट के निचले हिस्से में दर्द, भारी रक्तस्राव, पीठ में दर्द, बुखार, ऐंठन आदि समस्या हो सकती है। कई टेस्ट हैं जिनके जरिए गर्भपात का पता लगाया जाता है जैसे एचसीजी ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, पैल्विक टेस्ट आदि। अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान पेट या पेट के निचले हिस्से में दर्द हो रहा है या ठंड लग रही है या योनि से ब्लीडिंग हो रही है तो आप डॉक्टर से मिलें।
तेज दर्द को अनदेखा न करें, दर्द कम होने का इंतजार भी नहीं करना है, आपको लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना है। इसके अलावा हेल्दी डाइट लें और सही लाइफस्टाइल फॉलो करें साथ ही जितना हो सके तनाव से बचने की कोशिश करें।