महिलाओं को ही क्यों ज्यादा होती है यूटीआई (UTI) की समस्या? जानें इसके कारण और जरूरी बातें

UTI यानी Urinary Tract Infection का इंफेक्शन का खतरा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में होता है। जानें महिलाओं में यूटीआई के शुरुआती लक्षण और इससे बचाव के लिए सभी जरूरी बातें।
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महिलाओं को ही क्यों ज्यादा होती है यूटीआई (UTI) की समस्या? जानें इसके कारण और जरूरी बातें

यूटीआई (UTI) यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स सबसे आम इंफेक्शन हैं, जिसका खतरा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है। यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) एक ऐसी नली या रास्ता होता है, जहां से पेशाब निकलता है। पेशाब के द्वारा शरीर में मौजूद सभी तरह की तरल (Liquid) गंदगियां बाहर निकाले जाती हैं। यही कारण है कि ये मूत्र मार्ग यानी यूरिनरी ट्रैक्ट हमेशा बैक्टीरिया से भरा होता है। मगर यूटीआई की समस्या उन बैक्टीरिया से नहीं होती है, जो शरीर से बाहर निकलते हैं। बल्कि UTI तब होता है, जब कोई खतरनाक बैक्टीरिया योनि मार्ग से इस मूत्र नली में पहुंच जाता है। आइए आपको बताते हैं महिलाओं को UTI का खतरा पुरुषों से ज्यादा क्यों होता है।

महिलाओं को क्यों ज्यादा होता है UTI? (UTI in Women)

यूटीआई पुरुषों को भी होता है, मगर बहुत कम। जबकि महिलाओं में यूटीआई इतना कॉमन है कि हर महिला अपने जीवन में 1 से ज्यादा बार यूटीआई का शिकार जरूर होती है। ऐसा महिलाओं और पुरुषों की शारीरिक बनावट के कारण होता है। महिलाओं का मूत्रमार्ग उनके गुदा द्वार के बहुत करीब होता है, जिससे बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में आसानी से पहुंच जाते हैं। महिलाओं का मूत्रमार्ग भी पुरुषों की तुलना में छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया को मूत्राशय तक पहुंचना आसान हो जाता है। साथ ही, महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव भी इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा देते हैं।

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प्रेग्नेंसी भी बढ़ाती है यूटीआई का खतरा

गर्भावस्था भी यूटीआई के खतरे को बढ़ाती है। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार, “गर्भाशय मूत्राशय के ठीक ऊपर होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, उसका बढ़ा हुआ वजन मूत्राशय (Bladder) पर पड़ता है और मूत्र को बाहर निकलने में परेशानी होती है। इस कारण संक्रमण हो सकता है और महिलाएं यूटीआई का शिकार हो जाती हैं।

यूटीआई के लक्षण (Symptoms of UTI)

  • बहुत जल्दी-जल्दी पेशाब लगना
  • पेशाब से अजीब सी बदबू आना
  • पेल्विक एरिया (पेड़ू के आसपास) तेज या हल्का दर्द बने रहना
  • बुखार आना और ठंड लगना
  • पेशाब के दौरान जलन
  • बार-बार तेजी से पेशाब लगने का एहसास मगर मूत्र बहुत कम निकलना
  • लाल, गुलाबी या भूरे रंग का पेशाब होना या पेशाब में कुछ सफेद रंग (बादल जैसे) घुला होना

यूटीआई की जांच

आमतौर पर यूटीआई का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच की जाती है। मगर इस जांच की खास बात ये है कि इसमें पेशाब की शुरुआती बूंदें नहीं, बल्कि मध्यम धार सैंपल के रूप में ली जाती है। इस सैंपल में ये पता लगाया जाता है कि किस बैक्टीरिया के कारण आपको यूटीआई की समस्या हुई है। इसकी जांच के बाद डॉक्टर उस बैक्टीरिया से लड़ने के लिए आपको एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं।

यूटीआई से कैसे बचें

  • यूटीआई के लक्षणों से राहत पाने के लिए प्राकृतिक तरीकों की मदद ली जा सकती है।
  • क्रैनबेरी जूस या क्रैनबेरी से बने उत्पादों को यूटाआई में फायदेमंद माना जाता है।
  • इसके अलावा इस इंफेक्शन से बचाव का एक आसान रास्ता यह है कि अपने प्राइवेट अंगों का विशेष ख्याल रखें।
  • रोजाना नहाते समय इसकी अच्छी तरह सफाई करें।
  • महिलाओं में यूटीआई फैलने का एक प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संपर्क भी है। इसलिए ऐसे संपर्क के दौरान भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
  • जो महिलाएं पानी कम पीती हैं, उन्हें यूटीआई का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पिएं।

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